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महिला सुरक्षा और हम सब - चर्चा

Start Date: 03-02-2018
End Date: 03-04-2018

महिलाओं की सुरक्षा के लिए दुनिया भर के बुद्धिजीवियों और सरकारों में ...

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महिलाओं की सुरक्षा के लिए दुनिया भर के बुद्धिजीवियों और सरकारों में चर्चा जारी है। मध्यप्रदेश शासन इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। पुलिस प्रशासन अपने जमीनी अधिकारीयों की तैनाती और नवाचारों से इस विषय पर गंभीर प्रयास कर रहा है। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रमुख प्रयास निम्न हैं -

महिला डेस्क - हर थाने में एक महिला डेस्क जहाँ महिलाओं की शिकायत मिलते ही त्वरित कार्यवाही की जाती है।
महिला हेल्पलाइन - महिला हेल्प लाइन 1090 पर महिलाओं को निडर होकर कॉल करने की सुविधा
सोशल मीडिया - महिला अपराध शाखा के फेसबुक पेज, ट्विटर हेंडल और मैत्री एप में लोकेशन दर्शाने की सुविधा।
निर्भया पेट्रोलिंग - प्रदेश के सभी स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्टल, पार्क, मार्केट क्षेत्र के पास महिला पुलिस की पेट्रोलिंग।
महिला थाना - प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना, सागर, जबलपुर, रीवा, रतलाम और कटनी में महिला थाना।
सेल्फ डिफेंस ट्रैनिंग - इस प्रशिक्षण के अंतर्गत स्कूल-कॉलेज में छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
जनसंवाद शिविर - महिला सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता और जानकारी देने के साथ समस्या समाधान के लिए स्कूल-कॉलेजों में शिविरों का आयोजन।
फास्ट ट्रेक कोर्ट - महिलाओं पर अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए सभी 51 जिलों में फास्ट ट्रेक कोर्ट।
परिवार परामर्श केंद्र - घरेलू हिंसा और पारिवारिक विघटन रोकने के लिए प्रदेश में परामर्श केंद्रों की स्थापना।
MPeCop मोबाइल एप - मुसीबत के समय इस एप से 5 परिजनों एवं डायल 100 को SMS पहुंच जायेगा
मैत्री एप - विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए; मुसीबत के समय इस एप से 5 परिजनों एवं डायल 1090 को कॉल पहुँच जायेगा।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए जहाँ एक ओर पुलिस और प्रशासन की सतर्कता आवश्यक है वहीँ दूसरी ओर घर, परिवार, मोहल्ला, शहर और पूरे समाज को भी उतना ही जिम्मेदार और संवेदनशील होने की आवश्यकता है. आपके विचार और सुझाव प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विमर्श को और प्रभावी बनाने में योगदान देंगे. प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं और प्रयासों पर आप अपने महत्वपूर्ण सुझाव/विचार देकर इस विमर्श में भागीदार बनें.

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147 Record(s) Found
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PRADEEP KUMAR YADAV 6 years 3 weeks ago

महिलाओं के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरत है उनका इज़्ज़त जो कुछ प्रतिसत महिलाए अपने घर मे सौचालय न होने से अपने घर से निकलते है। भारत सरकार के द्वारा सौचालय बनवाने के लिए पैसे भी दिये जाते है। लेकिन इस पैसे का सही इस्तेमाल नही हो प रहा।चूँकि लोग अबतक इस बात को ठीक तरह से नही समझ पाए हैं की सच मे उनको सरकार के द्वारा पैसे मिलेंगे।अगर सरकार अपनी काम पर थोड़ा ध्यान बढ़ाये तो सायद ये मसला का समाधान संभव है।

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satish mewada 6 years 4 weeks ago

जब हम छोटे थे घर में मेहमान के साथ कोई बालिका होती थी या स्कुल मोहल्ले में लड़किया होती थी तो हमसे कहा जाता था की ये तुम्हारी छोटी बहन सामान है इस बात पर आज के लोगो को हँसी आएगी किन्तु ये एक नजरिया था जो हमें उस लड़की के प्रति कोई ओर किसी भी प्रकार का विचार आने नहीं देता था I बचपन से ही लड़को में वो संस्कार देना जो उन्हें महिलाओ के प्रति सम्मान करना सिखाये आज इन संस्कारो की अतिआवश्यकता है पोर्न साइड को 100 प्रतिशत बंद करने की आवश्यकता है,जहा रिश्तो की कोई अहमियत नहीं होती ये दिमाग को गलत दिशा देते

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Pratibha ahirwar 6 years 4 weeks ago

महिलाओं की सुरक्षा के लिए दुनिया भर के बुद्धिजीवियों और सरकारों में चर्चा जारी है। मध्यप्रदेश शासन इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। पुलिस प्रशासन अपने जमीनी अधिकारीयों की तैनाती और नवाचारों से इस विषय पर गंभीर प्रयास कर रहा है। मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रमुख प्रयास निम्न हैं -

महिला डेस्क- हर थाने में एक महिला डेस्क जहाँ महिलाओं की शिकायत मिलते ही त्वरित कार्यवाही की जाती है।
महिला हेल्पलाइन - महिला हेल्प लाइन 1090 पर महिलाओं को निडर होकर कॉल करने की सुविधा
सोशल

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Sanjay Kumar Sharma 6 years 1 month ago

सभी तरह की गन्दी व पोर्न वेब साइट्स एवं उनको मोबाइल पर रखना, देखना पूर्णतः प्रतिबन्धित होना चाहिए। स्त्री की संम्पत्ति / माल रुपी गैर-भारतीय - मुगलई मानसिकता पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगना चाहिए।

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DHARMENDRA RAIKWAR 6 years 1 month ago

महिलाओ की असुरक्षा का सबसे बडा कारण यह कि नशा मुक्‍त प्रदेश की पहल होना चाहिए और नशा करने वाले व्‍यक्तियो को कडी सजा देनी चाहिए आत्म-रक्षा के प्रशिक्षण के साथ ही पात्र वयस्क नारी-शक्ति को आत्म-रक्षा हेतु लायसेंसी शस्त्र, पेप्पर स्प्रे भी उपलब्ध कराये जा सकते हैं. सभी मोहोल्लों से पुरुषों को सुरक्षा समिति से जोड़ा जा सकता है. चोर को ही यदि ज़िम्मेदार बना दिया जाये, तो क्राइम करना आसान नहीं होगा. म.प्र. में शराब की सुलभता भी एक प्रमुख वजह है, क्योंकि गुजरात में इस तरह की वारदातें नहीं होती हैं.

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Siddharth shende 6 years 1 month ago

हमे महिलाऔ को देखने का नजरीया बदना चाहिये.. ऊनको भी समानता का अधीकार एव हमारे विकास के दोर मे बराबर का मौका मिलना चाहीये.और हमे हमेशा मानवीय व्यवहार करना चाहीये..ताकी वो महिला हो या पुरष सभी ईस समाज के अंग है..
किसी भी तराहा का नस्या हमारे मानव समाज के लिये घातक सिध्द होता है तो नसे करने से बचना चाहीये..और एक दुसर् की मद्दत करनी चाहीये ..तभी हम सब बहोत अच्छा समाज बना पायेगे..

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Praveen Sharma 6 years 1 month ago

आत्म-रक्षा के प्रशिक्षण के साथ ही पात्र वयस्क नारी-शक्ति को आत्म-रक्षा हेतु लायसेंसी शस्त्र, पेप्पर स्प्रे भी उपलब्ध कराये जा सकते हैं. सभी मोहोल्लों से पुरुषों को सुरक्षा समिति से जोड़ा जा सकता है. चोर को ही यदि ज़िम्मेदार बना दिया जाये, तो क्राइम करना आसान नहीं होगा. म.प्र. में शराब की सुलभता भी एक प्रमुख वजह है, क्योंकि गुजरात में इस तरह की वारदातें नहीं होती हैं. अब शराबबंदी के बाद से बिहार में भी नियंत्रण आ गया है. नशामुक्त हो प्रदेश, शासन आय के अन्य स्त्रोत खोजे. जुलूस वाला विचार भी उत्तम है