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Anandak Sampark Abhiyan

Start Date: 01-09-2023
End Date: 30-09-2023

आनंदक संपर्क अभियान- (1 सितंबर से 30 सितंबर 2023) ...

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आनंदक संपर्क अभियान- (1 सितंबर से 30 सितंबर 2023)

राज्‍य आनंद संस्‍थान – आनंद विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन प्रदेश के नागरिकों को भौतिक साधनों से आगे बढ़ते हुए उनके आंतरिक आनंद की अनुभूति के लिए प्रयासरत है । संस्‍थान के अनेक कार्यक्रमों के माध्‍यम से समाज के विभिन्‍न वर्गो के बीच आनंदमयी एवं परिपूर्ण जीवन की पद्धतियों के बारे में चर्चा की जा रही है । यह पूरा प्रयास संस्‍थान के साथ जुड़े स्‍वैच्छिक रूप से कार्यरत आनंदकों के माध्‍यम से किया जा रहा है।

आईये हम सभी मिलकर अपने जिलें में, अपने मित्रजनों, परिवार जनों एवं ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को आनंदक बनने हेतु प्रेरित करें एवं इस आनंद को प्रसारित करने के कार्य में सहभागी बनें।

इस कार्य हेतु हमारी भूमिका

1.हम अपने निकट आस-पास के लोगों से संपर्क स्‍थापित कर राज्‍य आनंद संस्‍थान द्वारा संचालित आनंद की विभिन्‍न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी दें एवं उन्‍हें आनंदक बनने हेतु प्रेरित करें।

2.आनंदको को जोड़कर उन्‍हें अल्‍पविराम कार्यक्रम में भाग लेने हेतु प्रेरित करें। सर्वप्रथम उन्‍हें ऑनलाईन कार्यक्रम में जोड़े, जिसके बाद जिलें में संचालित होने वाले ऑफलाईन कार्यक्रम में सहभागिता हेतु प्रेरित करें।

3.हम हमारे स्‍वयं के उत्‍साहवर्धन एवं आनंद हेतु यह भी देखे कि हमारे द्वारा जिलें के कितने नागरिकों को आनंदक बनने हेतु प्रेरित किया गया है ।

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24 Record(s) Found
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Yash Rawat 4 days 23 hours ago

आनंदक संपर्क अभियान एक क्रांतिकारी कदम है जो सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर जीवनी शक्ति को बढ़ाता है और हर पल आनंद का अनुभूति कराता है। आनंद की अनुभूति बाहर से नहीं होती। यह सुख, आत्म-संतोष, खुशी का अहसास या जीवन के अलग-अलग पहलुओं में अनुभव की गई भावना हो सकती है।

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DEENDYAL MEWADA 1 week 5 hours ago

आनंद एक भावना होती है जो हमारे भावनात्मक और मानसिक स्थिति से संबंधित होती है। यह खुशी, सुख, आत्म-संतोष, खुशी का अहसास या जीवन के अलग-अलग पहलुओं में अनुभव की गई भावना हो सकती है। आनंद को अलग-अलग तरीकों से प्राप्त किया जा सकता है, और यह व्यक्ति के पर्याप्त प्राप्तियों, परिपर्णता, और भावनाओं पर निर्भर कर सकता है।

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KAPILVERMA 1 week 1 day ago

आनंद एक ऐसा अभियान है जिसमे आप आंदित होकर रह सकते है और दूसरो को भी आनंद की ओर ले जाते है। जहा आप आपके जीवन की सारी समस्या को दूर कर के जिस पल को जीते है ,वहा होता है आनंद । आनंद में आप शांति , सुकून , खुशी वा प्रेमिका समावेश होता है । जब आप आनंद की ओर जाते है तब नकारात्मक ऊर्जा को छोड़ के एक सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करते है ।आनंद का मतलब यह नहीं की सुख और न ही दुख बल्कि इन दोनो के छोड़ के जो हमे प्राप्त होता है वह होता है आनंद ।

820

KAPILVERMA 1 week 1 day ago

आनंद एक ऐसा अभियान है जिसमे आप आंदित होकर रह सकते है और दूसरो को भी आनंद की ओर ले जाते है। जहा आप आपके जीवन की सारी समस्या को दूर कर के जिस पल को जीते है ,वहा होता है आनंद । आनंद में आप शांति , सुकून , खुशी वा प्रेमिका समावेश होता है । जब आप आनंद की ओर जाते है तब नकारात्मक ऊर्जा को छोड़ के एक सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करते है ।आनंद का मतलब यह नहीं की सुख और न ही दुख बल्कि इन दोनो के छोड़ के जो हमे प्राप्त होता है वह होता है आनंद ।

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Nikita 1 week 1 day ago

आनंदक संपर्क अभियान एक ऐसा अभियान जो केवल आपके आनंद के लिए है, जहाँ इंसान केवल और केवल आनंदित होकर जीने में विश्वास रखता है ।जब आनंद की ओर कदम बढ़ाते है तब आप व्यस्त जीवन से एक अल्प विराम चुराते है और विश्वास कीजिए वहीं क्षण आपका सबसे सुखद, सबसे व्यावहारिक और सबसे श्रेष्ठ होता है इसलिए जुड़े हमेशा आनंद की श्रृंखला से और बनाये अपने जीवन को और भी आनन्दमय ।

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AjitRanjan 1 week 1 day ago

आनन्द ऐसी मनोदशा है जिसमें व्यक्ति शांति,शुकून,खुशी एवम प्रेम का समावेश पाता है। आनंदक संपर्क अभियान एक क्रांतिकारी कदम है जो सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर जीवनी शक्ति को बढ़ाता है और हर पल आनंद का अनुभूति कराता है। इस संस्थान से जुड़ कर अपने जीवन कोणावसाद मुक्त बनाएं। अल्प बिराम का मतलब है थोड़ा सा रुकना । इस आपा धापी से अलग अल्प काल के लिए आनंद को महसूस करना।

559390

Dr Usha Shukla 1 week 1 day ago

आनंद आत्मिक है।धन,दौलत, एशो-आराम आदमी को सुविधाएं उपलब्ध करा देते हैं जो बाह्य और तात्कालिक सुख तो प्रदान कर सकते हैं इस आत्मिक आनंद की अनुभूति नहीं कराते।

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SANJAY KUMAR BUNKAR 1 week 2 days ago

आनंद की अनुभूति बाहर से नहीं होती। भूल करके आनंद को सुख न समझना। आनंद और सुख में अंतर है। सुख दुख का अभाव है; जहां दुख नहीं है वहां सुख है। दुख सुख का अभाव है; जहां सुख नहीं है वहां दुख है। आनंद दुख और सुख दोनों का अभाव है; जहां दुख और सुख दोनों नहीं हैं, वैसी चित्तकी परिपूर्ण शांत स्थिति आनंद की स्थिति है। आनंद का अर्थ है– जहां बाहर से कोई भी आंदोलन हमें प्रभावित नहीं कर रहा–न दुख का और न सुख का।