वन विभाग, मध्यप्रदेश के अंतर्गत भोपाल में स्थित वन विहार सभी नागरिकों से अपील करता है कि वो वन विहार को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त व वहाँ की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के संबंध में अपने सुझाव mp.mygov.in पर साझा करें।
हम जानते हैं कि प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है क्योंकि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और यह जीवन रूपी धारा ही प्रकृति है। प्रकृति की इस महान जीवनीशक्ति का एक जीवंत उदहारण है वन विहार। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़े तालाब के पास 445.21 हेक्टेयर इलाके को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा देकर वन विहार का नाम दिया गया है। यहाँ जंगली जानवरों को ऐसी स्थिति में रखा जाता है जो कुदरत के बहुत करीब है; क्योंकि वन विहार राष्ट्रीय उद्यान एवं जूलॉजिकल गार्डन के साथ-साथ एक रेस्क्यू सेंटर एवं कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर भी है। यहाँ शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या 1200 के आस-पास है। साथ ही लगभग 211 पक्षियों की प्रजातियाँ भी हैं। वहीं यहाँ लगभग 35 विभिन्न प्रजाति की तितलियाँ भी पाई जाती हैं। यहाँ का रेस्क्यू सेंटर मध्य भारत का एक मात्र ऐसा रेस्क्यू सेंटर है जहां पर वन क्षेत्रों से घायल वन्यप्राणी तथा सर्कस और मदारियों से विमुक्त किये गए वन्यप्राणी रखे गए हैं; इनमें बाघ, तेंदुआ, भालू, जैकाल,जंगली भैंसा, घड़ियाल एवं हायना जैसे वन्यप्राणी शामिल हैं। वन विहार रॉयल बंगाल टाइगर हेतु को-आर्डिनेटिंग जू है इसके साथ ही यह एशियाटिक लायन एवं जिप्स वल्चर हेतु पार्टिसिपेटिंग जू भी है।
वन विहार का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक रूप में वन्यप्राणियों की सुरक्षा, उन्हें आश्रय देने के साथ ही उनके प्राकृतिक आवास को बचाये रखने हेतु जनसाधारण में जागरूकता का विकास करना है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए सभी बातों का विशेष ख्याल रखा जाता है। जैसे- पेयजल, कैफेटेरिया, टॉयलेट, बैठने की सुविधा, भ्रमण हेतु बैटरी चलित वाहन, जिप्सी, सफारी वाहन, साइकल की सुविधा। वहीं हमारी वजह से वन्यप्राणियों को किसी प्रकार की कोई हानि न हो इसके लिए पार्क के अंदर कुछ क्रियाकलापों को प्रतिबंधित भी किया गया है। जैसे-
• हार्न, रेडियो, कार स्टीरियो या अन्य ध्वनि यंत्रों को बजाना।
• पोलीथिन या अन्य जैव अपघटनीय पदार्थों का उपयोग एवं कचरा फैलाना।
• वन्यप्राणियों को चिढ़ाना, उन पत्थर फेंकना, बाहरी वस्तु खिलाना या छेड़ना।
• पार्क के अंदर नशे की स्थिति में प्रवेश करना, मधपान या धूम्रपान करना या आग जलाना।
• प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करना।
• पेड़-पौधों से फूल, पत्ता, टहनी एवं फल तोड़ना।
• पौधों,वन्यप्राणियों,घौंसले,फेंसिंग,बाड़ा,साईन बोर्ड को क्षति पहुंचाना।
• पालतू पशुओं के साथ पार्क में प्रवेश।
• जल संरचना के अंदर स्नान करना, तैरना या मछली पकड़ना।
• वाहन में निर्धारित क्षमता से अधिक पर्यटकों का बैठना।
वन विहार प्रशासन के साथ-साथ एक जागरूक नागरिक के रूप में हमारी भी जिम्मेदारी है कि वन विहार को पूर्ण से प्रदूषण मुक्त व पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर बनाने हेतु अपने बहुमूल्य सुझावों को साझा करें।
आप हमें बताएं कि-
1. वन विहार में उपलब्ध सुविधाओं में से आपको कौन सी सुविधा सबसे अच्छी लगती है?
2. सुविधाओं को और बेहतर बनाने हेतु किस तरह के उपाए किये जा सकते हैं?
आपके द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सुझाव वन विहार भ्रमण के रोमांच में निश्चित ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश हेतु दिशा-निर्देश
Bhaskar Chaurasiya 5 years 2 weeks ago
The animals get agitated by traffic pollution and noise as they are not used to such things. In order to make them feel at home no traffic should be allowed. people who want to visit and see animals should do so on bicycles and rickshaws. They should prohibit noises made by humans and create awareness regarding animals through some short films which can be showed in the campus
Bhaskar Chaurasiya 5 years 2 weeks ago
वन विहार के पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सबसे पहले हमें वन विहार के आस पास सभी प्लास्टिक की सामग्री को प्रतिबंधित करना होगा और साथ ही जो लोग पर्यटन की दृष्टि से आते हैं उनको साफ निर्देश दिये जाये और साथ ही आस पास बडे-बड़े हॉर्डिग लगवा जाये की कोई भी व्यक्ति वन विहार को प्रदूषित करेगा उन पर आर्थिक रूप में दण्ड दिया दिया जायेगा और साथ ही उन्हें इसके लिए सजा भी हो सकती है और वन विभाग की टीम को भी यह सूचित किया जाये की कोई भी वन विहार को प्रदूषित नहीं करे
Danish 5 years 2 weeks ago
वन विहार को प्रदूषण मुक्त बनाने का बेहतरीन तरीका एक यह हो सकता है कि लोगो को ऐसे जगह जाने से पूर्व उनके बैग थैले इत्यादि जमा करके उन्हें डिस्पोजेबल बैग दिए जाएं ताकि वे उनमे अपने खाने पीने की चीजें रखे और में उन्हें डिस्पोजेबल बास्केट में डाल दे।इसके कचरा स्वयं ही समाप्त हो जाएगा
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abhishek yadav 5 years 2 weeks ago
वन विहार के पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सबसे पहले हमें वन विहार के आस पास सभी प्लास्टिक की सामग्री को प्रतिबंधित करना होगा और साथ ही जो लोग पर्यटन की दृष्टि से आते हैं उनको साफ निर्देश दिये जाये और साथ ही आस पास बडे-बड़े हॉर्डिग लगवा जाये की कोई भी व्यक्ति वन विहार को प्रदूषित करेगा उन पर आर्थिक रूप में दण्ड दिया दिया जायेगा और साथ ही उन्हें इसके लिए सजा भी हो सकती है और वन विभाग की टीम को भी यह सूचित किया जाये की कोई भी वन विहार को प्रदूषित नहीं करे
Tripti Gurudev 5 years 2 weeks ago
वन विहार को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त रखना चाहिए।
Parmita Das 5 years 2 weeks ago
The animals get agitated by traffic pollution and noise as they are not used to such things. In order to make them feel at home no traffic should be allowed. people who want to visit and see animals should do so on bicycles and rickshaws. They should prohibit noises made by humans and create awareness regarding animals through some short films which can be showed in the campus
SEEMA VANI 5 years 2 weeks ago
By planting more tree oxygen and carbon dioxide levels will be balanced in forests region using plastic should be strictly prohibited visitors should not allow to feed anything to birds and animals van vihar management always to safety measure of the national park
A Jaya Rani 5 years 2 weeks ago
By planting more trees , oxygen and carbon dioxide level will be balanced in forest region.Using plastic should be strictly prohibited.Visitors should not allowed to feed anything to birds and animals.Van Vihar management always ensure the safety measures of the national park.
A Jaya Rani 5 years 2 weeks ago
Van Vihar is home for many animals and birds ,here they are living freely in their natural habitat.
Anurag singh 5 years 2 weeks ago
agar hamen pradushan ko rokane hai to Jo companiyan plastic Koi use karti Hain banate hain plastic plastic ke khelon mein saman pack karti Hain UN sab per band hona chahie jisse plastic jab janata Tak pahunchenge nahin to pradushan hone ke chance Vikram rahenge aur sath mein hi plastic aur vrish lagan ke liye hamen aur bhi jagah protsahit badhana hoga aur yah nai nai yojana ke tahat scheme bhi jyada nahin hogi ki jarurat