You don't have javascript enabled. Please Enabled javascript for better performance.

वन विहार को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त व सुविधाओं को और बेहतर बनाने हेतु सुझाव दें

Start Date: 17-06-2020
End Date: 15-11-2020

वन विभाग, मध्यप्रदेश के अंतर्गत भोपाल में स्थित वन विहार सभी ...

See details Hide details

वन विभाग, मध्यप्रदेश के अंतर्गत भोपाल में स्थित वन विहार सभी नागरिकों से अपील करता है कि वो वन विहार को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त व वहाँ की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के संबंध में अपने सुझाव mp.mygov.in पर साझा करें।

हम जानते हैं कि प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है क्योंकि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और यह जीवन रूपी धारा ही प्रकृति है। प्रकृति की इस महान जीवनीशक्ति का एक जीवंत उदहारण है वन विहार। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बड़े तालाब के पास 445.21 हेक्टेयर इलाके को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा देकर वन विहार का नाम दिया गया है। यहाँ जंगली जानवरों को ऐसी स्थिति में रखा जाता है जो कुदरत के बहुत करीब है; क्योंकि वन विहार राष्ट्रीय उद्यान एवं जूलॉजिकल गार्डन के साथ-साथ एक रेस्क्यू सेंटर एवं कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर भी है। यहाँ शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या 1200 के आस-पास है। साथ ही लगभग 211 पक्षियों की प्रजातियाँ भी हैं। वहीं यहाँ लगभग 35 विभिन्न प्रजाति की तितलियाँ भी पाई जाती हैं। यहाँ का रेस्क्यू सेंटर मध्य भारत का एक मात्र ऐसा रेस्क्यू सेंटर है जहां पर वन क्षेत्रों से घायल वन्यप्राणी तथा सर्कस और मदारियों से विमुक्त किये गए वन्यप्राणी रखे गए हैं; इनमें बाघ, तेंदुआ, भालू, जैकाल,जंगली भैंसा, घड़ियाल एवं हायना जैसे वन्यप्राणी शामिल हैं। वन विहार रॉयल बंगाल टाइगर हेतु को-आर्डिनेटिंग जू है इसके साथ ही यह एशियाटिक लायन एवं जिप्स वल्चर हेतु पार्टिसिपेटिंग जू भी है।

वन विहार का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक रूप में वन्यप्राणियों की सुरक्षा, उन्हें आश्रय देने के साथ ही उनके प्राकृतिक आवास को बचाये रखने हेतु जनसाधारण में जागरूकता का विकास करना है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए सभी बातों का विशेष ख्याल रखा जाता है। जैसे- पेयजल, कैफेटेरिया, टॉयलेट, बैठने की सुविधा, भ्रमण हेतु बैटरी चलित वाहन, जिप्सी, सफारी वाहन, साइकल की सुविधा। वहीं हमारी वजह से वन्यप्राणियों को किसी प्रकार की कोई हानि न हो इसके लिए पार्क के अंदर कुछ क्रियाकलापों को प्रतिबंधित भी किया गया है। जैसे-
• हार्न, रेडियो, कार स्टीरियो या अन्य ध्वनि यंत्रों को बजाना।
• पोलीथिन या अन्य जैव अपघटनीय पदार्थों का उपयोग एवं कचरा फैलाना।
• वन्यप्राणियों को चिढ़ाना, उन पत्थर फेंकना, बाहरी वस्तु खिलाना या छेड़ना।
• पार्क के अंदर नशे की स्थिति में प्रवेश करना, मधपान या धूम्रपान करना या आग जलाना।
• प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करना।
• पेड़-पौधों से फूल, पत्ता, टहनी एवं फल तोड़ना।
• पौधों,वन्यप्राणियों,घौंसले,फेंसिंग,बाड़ा,साईन बोर्ड को क्षति पहुंचाना।
• पालतू पशुओं के साथ पार्क में प्रवेश।
• जल संरचना के अंदर स्नान करना, तैरना या मछली पकड़ना।
• वाहन में निर्धारित क्षमता से अधिक पर्यटकों का बैठना।

वन विहार प्रशासन के साथ-साथ एक जागरूक नागरिक के रूप में हमारी भी जिम्मेदारी है कि वन विहार को पूर्ण से प्रदूषण मुक्त व पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर बनाने हेतु अपने बहुमूल्य सुझावों को साझा करें।

आप हमें बताएं कि-
1. वन विहार में उपलब्ध सुविधाओं में से आपको कौन सी सुविधा सबसे अच्छी लगती है?
2. सुविधाओं को और बेहतर बनाने हेतु किस तरह के उपाए किये जा सकते हैं?

आपके द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सुझाव वन विहार भ्रमण के रोमांच में निश्चित ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश हेतु दिशा-निर्देश

All Comments
Reset
198 Record(s) Found

Radhika vyas 5 years 2 months ago

किसी भी तरह का प्लास्टिक का सामान और खाने पीने की वस्तुएँ वन विहार में प्रतिबंधित होना चाहिए।

Devkinandan tiwari 5 years 2 months ago

वन विहार मे खाली पड़े स्थान पर वृक्षारोपण.
प्लास्टिक कचरा कलेक्शन(P. K. K) कार्यक्रम को प्रोत्साहन दिया जाए.
इसके अलावा प्लास्टिक PACKING FOOD आइटम लाने वाले को उसे इधर उधर फेंकने के बजाय यथोचित स्थान पर डालने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए.
વાહનો के स्थान पर सायकिल या दौड़ प्रतियोगिता के माध्यम से इसे बढ़ावा देने के साथ LOGO को इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए.

Veekesh Kumar Singh 5 years 2 months ago

(ii) Categorisation of forest.

(iii) Economic use of forest,

(iv) Administrative setting for forest management,

(v) Training programmes for persons engaged in forest conser­vation activities,

(vi) Use of forest land as tourist centers,

(vii) Social and agro-forestry,

(viii) Development of new techniques for the conservation of forests,

(ix) Research for efficient use and conservation of forest, and

(x) Policy decisions and their proper implementation.

Ajay Chaubey 5 years 2 months ago

- Electric vehicles should be only allowed to move inside the wildlife area/forest.
- No industries should be allowed to operate within radius of 50 kms from the wildlife area so that the waste products from these factories or industries may not harm the animals.
-Every year at least 500 new varieties of plants and trees must be planted.
- Cutting of trees and use of polythene bags must be completed banned in these areas.
- Along with the trees, he air purifier plants should be planted.

HARISH SINGH GURJAR 5 years 2 months ago

पुनवनरोपण एवं वनरोपण द्वारा ...
वृक्षों की नियमन एवं नियोजित कटाई करके ...
जंगल की आग को नियंत्रित करके ...
वृक्षों के संरक्षण द्वारा ...
लकड़ी से बनी वस्तुओं का कम मात्र में उपयोग करके ...
अन्त्येष्टि क्रिया में उपयोग न करके

Nitesh Pandey 5 years 2 months ago

वन विहार को पार्क ना समझ कर अपना घर समझना चाहिए।लोग अपने घर का कचरा साफ कर देते है,पर बाहर फेक देते है।किसी भी सामाजिक स्थल को अपना घर समझ कर जाए ।जिससे अगर आप कचरा करते भी है तो ये लगे की हम अपने घर में कचरा कर रहे है।सफाई कर्मचारियों को कुछ टिप दे,जिससे उनका हौसला बढ़े।और हो मैं लगा कर काम करे।

Ashish Prajapat 5 years 2 months ago

वन विभाग वन्यजीवों का आश्रय स्थल होता है
ओर मानव को वन्यजीवों कि रक्षा करनी चाहिए ना कि उनका
आश्रय स्थल छिनकर अपने व्यकितगत सुख के लिए वनो काटता है और वन्यजीवों कहाँ जायेंगे इसलिए हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह जीवों की रक्षा करे.
हमें 1वर्ष में 10 पेड़ लगाने चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए
वन जीवों का आश्रय स्थल है इसलिए हमें उनके सथान के साथ साथ उनकी भी देखभाल देखभाल करनी चाहिए क्योंकि वन्यजी
व हमारी संस्कृति और इतिहास ओर प्रकृति का प्रतिक है हमें उनसे प्रेम ओर दया का भाव रखना चाहिए