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माहवारी सुरक्षा पर अपनी सोच को सीमित न करें

Start Date: 24-05-2019
End Date: 16-07-2019

मासिक धर्म जैविक परिपक्वता की एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया ...

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मासिक धर्म जैविक परिपक्वता की एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया है। लड़कियों व महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माहवारी अति आवश्यक है। परन्तु हमारे समाज में मासिक धर्म स्वच्छता जैसे विषय पर खुलकर बात करना वर्जित है। महिलाएं स्वयं इसे taboo मानती है और इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बात करने में संकोच करती है। क्या यह एक प्रकार की लैंगिक असमानता नहीं है...!
जिस प्रक्रिया के बारे में खुलकर बात नहीं की जा सकती फिर उसका प्रबंधन भी छुप-छुप कर किया जाता है। जिससे प्रजनन तंत्र संक्रमित हो जाता है। संक्रमण से खुजली, कमर दर्द, पेट दर्द, जननांग सम्बन्धी विकार, सर्वाइकल कैंसर भी हो सकता है, यही संक्रमण बांझपन का भी कारण हो सकता है। NFHS 4 और अन्य स्रोत बताते हैं कि-

● 24% स्कूल जाने वाली लड़कियां मासिक धर्म के दौरान स्कूल से अनुपस्थित रहती हैं।
● 52% किशोरियां ऐसी हैं जिन्हें उनके पहले मासिक धर्म से पूर्व मासिक धर्म के बारे में पता नहीं होता है।
● 54% किशोरियों का कहना है कि माहवारी के बारे में जानकारी पाने का मुख्य स्रोत उनकी माताएँ ही होती हैं, जिनमें से 70% माताएँ ऐसी हैं जो माहवारी को गंदा मानती हैं।
● 15 से 24 वर्ष के बीच की सिर्फ 57.6% युवा महिलाएँ ही वर्तमान में सुरक्षित व स्वच्छ मासिक धर्म का उपयोग करती हैं।

हमारे देश में आज भी 20 करोड़ से अधिक महिलाएँ इस बात से अनभिज्ञ और अनजान हैं कि एक स्वस्थ और सुरक्षित माहवारी क्या होता है...? भारतीय परिवेश में माहवारी को लेकर अनेक मिथक/ taboo प्रचलित है। धार्मिक कार्यों में शामिल न होना, खाना नहीं बनाना, स्कूल नहीं जाना, पुरुषों को नहीं छूना, अचार, खट्टे पदार्थ नहीं खाना... इनसे लड़कियों का विकास, शिक्षा बाधित होता है और उसके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर क्या हम सब की यह ज़िम्मेदारी नहीं है कि माहवारी से जुड़ी समाज में प्रचलित सभी गलत धारणाओं व मिथकों को दूर करने के लिए, किशोरी लड़कियों के साथ माहवारी स्वच्छता के बारे में बातचीत हो! उन्हें इसकी पूरी और सही जानकारी मिले ताकि सभी लड़कियों और महिलाओं को स्वच्छ व सुरक्षित माहवारी के लिए अपनी आवश्यकतानुसार बात रखने के लिए आत्मविश्वास और स्थान मिल सके।

माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग उदिता योजना चला रहा है। विभाग इसी क्रम में #MenstruationHygieneManagement विषय पर आपके विचार जानना चाहता है:

● माहवारी से जुड़ी समाज में प्रचलित सभी गलत धारणाओं व मिथकों को कैसे दूर करें।

● पुरुषों और लड़कों के बीच (जिनमें पिता, पति, शिक्षक, भाई और मित्र शामिल हैं) बेहतर जागरूकता को कैसे बढ़ावा दें, ताकि वो माहवारी पर शर्मिंदगी, सांस्कृतिक बंधन और प्रथाओं से परे हटकर बात कर सकें; जो लड़कियों और महिलाओं के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

● सैनेटरी नैपकिन के सुरक्षित इस्तेमाल और उपलब्धता के साथ उसे सुरक्षित तरीके से नष्ट करने को बढ़ावा देना।

आइए #MenstruationHygieneManagement अभियान का हिस्सा बनें और इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार/सुझाव साझा करें।

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Vivek sonkar 6 years 1 month ago

आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से सेनेटरी पैड निशुल्क वितरण करा कर इस अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों में एवं शहरी क्षेत्रों में हायर सेकेंडरी स्कूल हॉस्पिटल एम कॉलेज गर्ल्स मैं प्रचार प्रसार कर अभियान को ज्यादा सफल बनाया जा सकता है स्वास्थ्य मध्य प्रदेश स्वस्थ भारत के लिए शुभकामनाएं

458600

BISWANATH PANDA 6 years 1 month ago

Dear sir
The topic or the concept is for proper knoledge & for the gender. The work is for noble & for honour. The result is for proudness or for celebration. Understanding is for respect. Same the things are for the gender for based on proudnes,honour,nobality. These are doing or completed by individual. Govt. Soppurt & running scheme for all these. The step taken in home is good and also for adhyatmik development.

Thanks

Regards

WIN

BISWANATH PANDA

7970

Keshav pratap singh 6 years 1 month ago

Mensuration cyle is natural process then why we understand shamfull for talking about this
To get solution of this problem we should have neglect all the taboo from mind and all the young girls should positive apporach for self and for their children

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