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बाल विवाह को कैसे खत्म किया जा सकता है?
Start Date: 22-09-2018
End Date: 05-11-2018
जब बच्चों के खेलने-कूदने, कुछ सीखने और पढ़ने का समय था, तब उनके हाथों ...
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Jeevan lal yadav 6 years 7 months ago
सम्पूर्ण सोच विचार विमर्श के बाद बड़े दुख के साथ ये कहना चाहूंगा कि हमारा जो शिक्षा का स्तर है वो घटिया है लोग शिक्षित नही होंगे तो उन्हें कैसे पता होगा बाल विवाह के दुष्परिणाम इस लिए ये घटनाएं गाँव मे ज्यादा देखी जाती है
फिलहाल इस से निपटने का एक माध्यम ये है कि जानकारी देने वाले को उचित इनाम एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाए किसी के लालच से किसी का भविष्य बच जाएगा। धन्यवाद
Abhishekh Singh Rathour 6 years 7 months ago
Bal bivah roknrke kai tarike hai,jaise ki sabse pale jo mata pita apne bachcho ka bal bivah karte hai o ye karna band kare. aur khud ko sudhare. ki bachchho ka bal bivah karne par bachche khud ko nhi samahal skte hai. to o dusro ka bojh ya dusroka bhar kaise samahal sakte hai.bal bivah karne ka arth hai ki kachche matke me pani bharna. jis tarah kachchematke me pani bharne se tut jata hai vaise hi bal bivah karne se bachcho ke jivan me bhut gahra prabhav pdta hai. phale mata pita jagruk hona
Pawan Ghogare 6 years 7 months ago
सब से पहले हमारी पुलिस ज़्यादा सक्रिय होना पड़ेगा और नागरिक को भी पर कुछ स्थानो पे पुलिस का डर ना होने से बाल विवाह होता है अगर सरकार बाल विवाह पर ओर ठोस कदम उठाना होगा जिस के कारण ऐसे लोगो मे डर हो और वो बाल विवाह न कर पाए
Anu TR 6 years 7 months ago
बाल विवाह रोकने के लिए सबसे पहले जागरूक होना जरूरी है ,जितने भी ग्रामीण इलाके है वहां पर सभी को जागरूक करना बाल विवाह के दुष्परिणामों को बताना जरूरी है कि कैसे वे अपनी ही औलाद को नरक में भेज रहे है , अगर मां बाप जागरूक हो जाएंगे तो इस देश में कभी बाल विवाह जैसी प्रथा आगे बढ़ने नहीं पायेगी , मेरा सभी लोगो से निवेदन है कि अगर वे कही भी इस कुप्रथा को देखते है तो उसका विरोध करे और बच्चो के मां बाप को समझाने की कोशिश करें ।
धन्यवाद्
deepak karpentar 6 years 7 months ago
बाल विवाह होने का एकमात्र कारण होता है समाज में उसके दुष्परिणामों की जानकारी का अभाव बालविवाह के केवल दुस्परिणाम ही होते हैं जीनमें सबसे घातक शिशु व माता की मृत्यु दर में वृद्धि | शारीरिक और मानसिक विकास पूर्ण नहीं हो पता हैं
और वे अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण निर्वेहन नहीं कर पाते हैं और इनसे एच.आई.वि. जेसे यौन संक्रमित रोग होने का खतरा हमेशा बना रहता हैं।
PANKAJ KUMAR BARMAN 6 years 7 months ago
अगर आप अपने आसपास कहीं पर भी बाल विवाह होते देख रहे हों तो हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं। यह नंबर पंचकूला प्रशासन ने जारी किया है।
उन्होंने जिला वासियों से कहा है कि उनके आसपास किसी नाबालिग का विवाह करवाया जा रहा है तो इसकी सूचना महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 या बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पुलिस या उपायुक्त को तुरंत सूचना दें। ताकी दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
उपायुक्त मनदीप सिंह बराड़ ने कहा
PANKAJ KUMAR BARMAN 6 years 7 months ago
बालविवाह? एक ऐसी प्रथा जिससे कोई अपरिचित नहीं हैं।
बालविवाह केवल भारत मैं ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में होते आएं हैं और समूचे विश्व में भारत का बालविवाह में दूसरा स्थान हैं। सम्पूर्ण भारत मैं विश्व के 40% बालविवाह होते हैं और समूचे भारत में 49% लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पूर्व ही हो जाता हैं। भारत में, बाल विवाह केरल राज्य, जो सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य है, में अब भी प्रचलन में है।
PANKAJ KUMAR BARMAN 6 years 7 months ago
बालविवाह रोकने हेतु कुछ उपाय हो सकते हैं जैसे-
1. समाज में जागरूकता फैलाना |
2. मीडिया इसे रोकने में प्रमुख भागीदारी निभा सकती हैं।
3. शिक्षा का प्रसार |
4. ग़रीबी का उन्मूलन |
5. जहाँ मीडिया का प्रसार ना हो सके वह नुक्कड़ नाटको का आयोजन करना चाहिए।
PANKAJ KUMAR BARMAN 6 years 7 months ago
बाल विवाह को रोकने एवं बाल विवाह को करने वाले लोगों को दंडित करने के लिए समय समय पर कानून बने है. वर्तमान में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 प्रभाव में है. जिससे बाल विवाह को रोकने और बाल विवाह करने व कराने वालों को कठोर दंड दंडित करने के प्रावधान है. इस कानून के मुख्य प्रावधान निम्न है.
18 साल से अधिक उम्र का लड़का अगर 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करता है तो उसे 2 साल तक की कड़ी कैद या एक लाख रूपये तक का जुर्माना या फिर दोनों सजाएं हो सकती है.
savesingh 6 years 7 months ago
gav gav jakar adiwasiyo ko suchit karna hoga mata our pita ko
ki bal vihah n kare
ke hishab se jo kare
jo ladki khud hi kam umar me hi bhagkar jati he to aap