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बाल विवाह को कैसे खत्म किया जा सकता है?

Start Date: 22-09-2018
End Date: 05-11-2018

जब बच्चों के खेलने-कूदने, कुछ सीखने और पढ़ने का समय था, तब उनके हाथों ...

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जब बच्चों के खेलने-कूदने, कुछ सीखने और पढ़ने का समय था, तब उनके हाथों में अपने परिवार और बच्चों को संभालने की जिम्मेदारियां सौंप दी गई।

जब बच्चों की स्वच्छंद और स्वस्थ जीवन जीने की उम्र होती है, तब तक उन्हें अपने बचपन को त्यागने और जिम्मेदारियों को लेने के लिए मजबूर किया जाता है और एक ऐसा उन्हें जीवन जीने के लिए बाध्य किया जाता है जिसकी जटिलता से से वे पूरी तरह अनजान होते हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का उनकी इच्छा के विपरीत विवाह करने को ही आमतौर पर “बाल विवाह” कहा जाता है।

बीते समय में बाल विवाह की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है और यह नकारात्मक रूप से बच्चों पर ऐसे प्रभाव डालता है, जिसकी वजह से बच्चों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास रुक जाता है। इसके साथ ही अन्य समस्याओं को भी जन्म देता है जैसे गरीबी, खराब स्वास्थ्य, निरक्षरता और घरेलू हिंसा इत्यादि से देश के समग्र विकास, समृद्धि और स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

एक उन्नत और सफल समाज स्थापित करने के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वर्तमान और भविष्य में बाल विवाह का इस दुनिया में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। दुनिया भर में सभी बच्चे मन मर्जी से अपना आनंदमय बचपन जीने के हकदार हैं। हम सबका यही संकल्प होना चाहिए की समस्त बच्चे बाल विवाह से जुड़े हिंसा और नकारात्मक परिणामों से दूर अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिये शिक्षा ग्रहण करें एवं एक स्वस्थ बचपन को जियें और परिपक्व बनें। इसके साथ ही भविष्य में उन्हें पूरा अधिकार है कि वे वयस्क होने पर स्वयं फैसला करें वे कब और किसके साथ अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्य प्रदेश आपसे बाल विवाह और उससे जुड़ी कुरीतियों को पूरी तरह समाज से खत्म करने के तरीकों के बारे में चिंतन करने के लिये आग्रह करता है और आपके विचार और सुझाव आमंत्रित करता है। एक उन्नत राष्ट्र बनने के लिए हमें बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अपने कुछ विचार, शैक्षणिक कार्यक्रम और प्रभावी तरीकों के बारे में हमे बताएं और अपने विचार हमसे साझा करें जिससे इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए उचित नियमों और नीतियों को लागू किया जा सके।

आपके मूल्यवान सुझावों/विचारों के जरिये इस मुद्दे को एक नया आयाम मिलेगा और असंख्य बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिये आपका यह प्रयास एक सराहनीय कदम साबित होगा।

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RAJESH KUMAR CHAURAGADE 6 years 7 months ago

बालविवाह एक सामाजिक कुरूतियाॅं है जिसे हम सब को मिलकर जड. से मिटाना है जिसे हेतु सामाजिक /शासकीय /अशासकीय स्तर से प्रयास की और अधिक आवश्यकता है तभी यह कार्य उत्तरोत्तर हो सकता है । धन्यवाद.

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Rajendra jatav 6 years 7 months ago

शिक्षित होना जरुरी है गाओ में रूढ़ि बाड़ी प्लरम्परो आजकल भी प्रचलित है विवाह का शिक्षा विभाग द्वारा फैसला लिया जावे और मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा बुक में वाल विवाह नाटक छापे जिससे 18 से कम उम्र और 21 से कम उम्र के लड़के हिंदी से लेकर सभी थ्योरी सब्जेक्ट में यह पाठ 1 में होना चाहिए। जिस गाओ में ये सब नही मानाने पर क़ानूनी कारवाही जरुरी हिए । बच्चे भी सक्षम हो गए है फैसले लेने में उसलिए उन्हें शिक्षित होना जरुरी है।

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Rajendra jatav 6 years 7 months ago

बालविवाह रोकने हेतु कुछ उपाय हो सकते हैं
1. समाज में जागरूकता फैलाना |
2. मीडिया इसे रोकने में प्रमुख भागीदारी निभा सकती हैं।3. शिक्षा का प्रसार |
4. ग़रीबी का उन्मूलन |
5. जहाँ मीडिया का प्रसार ना हो सके वह नुक्कड़ नाटको का आयोजन करना चाहिए।
6.ngo द्वारा चाइल्ड प्रोटेक्शन कम्युनिटी बनाकर सेर्वेय हो।
7.cpu यूनिट के सदस्य और हेल्थ वोलेंटर्स द्वारा
नाम- राजेंद्र जाटव ( शिक्षक )
ज्ञानोदय हायर सेक् स्कूल भोपाल

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ravi kumar gupta 6 years 7 months ago

बालविवाह रोकने हेतु कुछ उपाय हो सकते हैं जैसे-

1. समाज में जागरूकता फैलाना |

2. मीडिया इसे रोकने में प्रमुख भागीदारी निभा सकती हैं।

3. शिक्षा का प्रसार |

4. ग़रीबी का उन्मूलन |

5. जहाँ मीडिया का प्रसार ना हो सके वह नुक्कड़ नाटको का आयोजन करना चाहिए।

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Kalpana Gaikwad 6 years 7 months ago

अगर सख्ती से यह कानून लागू कर दिया जाये की लड़कियों को 12वीपढना जरूरी है!और लड़कियों किशादी 18 साल के बाद ही होगी अगर कोई व्यक्ति इस कानून को तोड़ता हैतो वह दोषी होगा उसे सजा मिलेगी !और गाँवो में माता ,पिता की भी प्राथमिकपढ़ाई अनिवार्य कर दी जाये!!

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AWDHESH PATEL 6 years 7 months ago

Sabse pahle uska karan jante
1.shiksha-bharat me AAJ bhi bahot log se shiksha ka vistar na hone se 10-12ki age me shadi kar dete hai,qu ki Na to parents zayada educated nahi hote jisse education ka matlab nahi jan pate,
2-baccho pad na pana hamari education system sahi na se ya school door hona kafi kam age me pedai chhod dete hai,wo bachche ghar me hi rahate fir parents ko shadi karna mazboori ho jaati hai qu ki insecurty feel hoti hai,
3-dahej ke karan se kafi kam age me shadi kar dete

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Vinod Vaishnav 6 years 7 months ago

गाँव के बच्चे अपने मन से अगर साधारण शिक्षा भी प्राप्त कर ले। तो वह बाल विवाह नही करेगा। चाहे कितना भी दबाव हो, वह लड़का/लड़की कम उम्र में शादी नही करेगा।