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पाँच साल तक के सभी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए साथ मिलकर पहल करें

Start Date: 15-03-2018
End Date: 28-04-2018

कुपोषण तब होता है जब भोजन में आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में ...

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कुपोषण तब होता है जब भोजन में आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में उपलब्ध नहीं होते हैं। कुपोषण गंभीर रूप से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और उसके समुचित विकास को प्रभावित करता है; इसलिए बच्चे के जन्म के पहले पाँच वर्षों में कुपोषण से निपटना ज्यादा ज़रूरी है।

कुपोषण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
• गर्भवती महिलाओं द्वारा उचित खान-पान पर ध्यान न देना
• निरक्षरता एवं अज्ञानता के कारण लोगों में संतुलित आहार के बारे में जानकारी का अभाव
• बच्चों को समुचित संतुलित आहार न मिलना
• वर्तमान में प्रचलित जंकफूड, फास्टफूड जिनमें पोषक तत्वों का अभाव पाया जाता है

दुनिया भर में World Vision बाल-केन्द्रित कार्यों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में जाना जाता है। भारत में यह संगठन अलग-अलग परियोजनाओं के माध्यम से कुपोषण के लक्षित समूह जैसे- पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और माताओं पर विशेष ध्यान देने के साथ, कुपोषण के कारणों का समुचित समाधान हेतु निरन्तर प्रयास कर रहा है।

कुपोषण दूर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, भोजन में सही समय पर सही आहार को शामिल करना।
सभी नागरिकों से स्वस्थ जीवन, पोषण संबंधी पोषक आहार एवं कुपोषण को समाप्त करने के लिए सुझाव/विचार mp.mygov.in पर आमंत्रित हैं। श्रेष्ठ 5 सुझाओं को प्रमाणपत्र और पुरस्कार दिया जाएगा।

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118 Record(s) Found
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Ankit singh 7 years 1 hour ago

३ सभी स्कुलो, अस्पतालों, सार्वजनिक स्थानों पर कुपोषण के कारण व कुपोषण से निपटने के तरीके पर विचार किया जाना चाहिए
४ सभी गली मोहल्लों में, इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका के द्वारा प्रचार प्रसार किया जाना चाहिएं
४ समस्त भोज्य पदार्थ कुपोषित बच्चों को दिया जाना चाहिए

जब गरीबी, अशिक्षा होगी खत्म
कुपोषण होगा तभी खत्म
मैं आशा करता हूं कि एक युवा की सोच इस कुपोषण को बदल देंगी ।
अब नोनिहालो के अच्छे दिन आने वाले हैं

280

Ankit singh 7 years 1 hour ago

किसी भी देश के विकास में अशिक्षा, गरीबी,व बढ़ती जनसंख्या बांधा डालते हैं। और यही स्थिति भारत जैसे विकासशील देश में देखने को मिलती हैं।
श्रीमान। जहां तक कुपोषण की बात है यह गंभीर समस्या है। जो देश के नोनिहालो के विकास को प्रभावित करता है
कुपोषण से निपटने के लिए एक युवा की सोच निम्न लिखित है
१ मां शिशू की प्रहरी होती है इस लिए हर माता-पिता को खान पान की सभी जानकारी होना चाहिए। इसके लिए जन जाग्रति आवश्यक है
२ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में इसकी रुपरेखा तैयार किया जाना चाहिए

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PIYUSH KUMAR 7 years 4 days ago

आओ मिलकर करें प्रयास, कुपोषण का हो विनाश।
जन जागरूकता के द्वारा , करें इसका समुचित इलाज।।

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Mohan Meghwal 7 years 1 week ago

बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए, माता-पिता को पोषण और पोषक आहारों की सही जानकारी होनी चाहिए। हर माँ-बाप को बच्चे के जन्म के साथ ही उसके आहारों के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। क्योंकि पोषक आहार ही है, जिससे बच्चे के जीवन-भर के स्वास्थ्य की नींव रखी होती है। यदि उसका स्वास्थ्य बचपन से ही डगमगा जाए तो, उस स्थिति को उसके युवा होने पर संभाला नहीं जा सकता।
दूध, अनाज, दालें, मौसमी फल और हरी सब्जीयां, बच्चें को किसी ना किसी रूप में जरूर दे।
सही समय पर खाना खाने की आदत डालें।

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Miss garima jat 7 years 1 week ago

As are coming generation and real power of our nation is our small kids so why we not do our true duty for secure them for Tommourw because we also a part of our motherhood so its our duty to give nutrient's ment to them and make them as strong as lion which makes the nation a best and also host the flag of nation on each and every mt.Everest of every country . so be salute our nation by true heart and makes every duty as law . thanks of my words.