हर व्यक्ति इतना भाग्यशाली नहीं होता कि वह जन्म से ही स्वस्थ शरीर के साथ पैदा हो। दुनिया भर में लगभग 650 मिलियन लोग विकलांगता के शिकार हैं। 2001 की जनगणना अनुसार चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं जिनके अनुसार हमारे देश में 21 मिलियन लोग किसी न किसी तरह की विकलांगता से पीड़ित हैं और यह हमारे देश की जनसंख्या के 2.1 फीसदी के बराबर है।
कल्पना कीजिए कि दिव्यांग व्यक्ति इतनी खूबसूरत दुनिया को देखने और प्रकृति की शांत ध्वनि को सुनने में अपने आपको असहज महसूस करता है। क्या आप जानते हैं कि शब्दों के माध्यम से अपनी बात को व्यक्त करने या अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम नहीं होने पर कैसा महसूस होता है? हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि विकलांगता के साथ किसी व्यक्ति का जीवन कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
भारत सरकार और राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए संकल्पित है। भारतीय संविधान दिव्यांगजनों सहित सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय के संबंध में स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। परन्तु वास्तविकता में सामाजिक-मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारणों की वजह से दिव्यांगजन भेदभाव और उपेक्षा का सामना कर रहे हैं। दिव्यांग लोगों के साथ भेदभाव के कारण दिव्यांगता की मात्रा दोगुनी हो जाती है। सार्वजनिक अनुभूति और पूर्वधारणा के कारण दिव्यांगजनों के कौशल और क्षमता को काफी हद तक कम आँका गया है, जिसके कारण उनमें हीन भावना उत्पन्न होती है और उनका विकास अवरूद्ध होने लगता है। जबकि ज्यादातर मामलों में, यह देखा गया है कि ऐसे व्यक्ति हमसे ज्यादा गुणवान हैं और अगर मौका दिया जाए तो वे हमसे आगे भी निकल सकते हैं। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में सरकार द्वारा सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है।
संयुक्त रूप से विकास की ओर चलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने निशक्तजनों के लिए नियम बनाये हैं। जिसके अंतर्गत मानव संसाधन विकास और उनका पुनर्वास शामिल है। निशक्तजनों पर सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना, दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए सुविधाएं प्रदान करना और दूसरों के बीच उनके लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है कि ऐसे लोग दूसरों की तरह अपने अधिकारों का आनंद ले सकें। 6 से 18 वर्ष के बीच की विकलांगता वाले प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उच्च शिक्षा, सरकारी नौकरियों, भूमि के आवंटन और गरीबी उन्मूलन योजनाओं में आरक्षण विशेष रूप से निशक्तजनों को प्रदान किया जा रहा है।
निशक्तजनों से जुड़े मिथकों और टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे हैं। दिव्यांगों के लिए बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सरकारी और निजी कार्यालयों तक आसान पहुंच बनाने के लिए सुविधायें सुनिश्चित की जा रही हैं।
सरकार अकेले ही दिव्यांगों के जीवन स्तर में सुधार व परिवर्तन नहीं ला सकती है। समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को निशक्तजनों के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी और उन्हें स्वीकार करना होगा, इसके साथ ही उनके उत्थान के लिए काम करने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी।समाज को दिव्यान्गता के प्रति दया और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि ऐसे व्यक्तियों को समुचित अवसर प्रदान करने की ज़रूरत है। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि कोई देश केवल तभी ऊपर उठ सकता है जब समाज के हर वर्ग को सशक्त होने का अवसर मिले और सामूहिक रूप से समावेशी विकास की ओर एक कदम बढ़ाया जाए।
आयुक्त निशक्तजन, मध्यप्रदेश नागरिकों से निशक्तजनों के उत्थान की दिशा में आपके मूल्यवान विचार एवं सुझाव MPMYGov पर एक डिजिटल अभियान के माध्यम से आमंत्रित करता है। क्या आपके पास ऐसे विचार हैं जो दिव्यांग लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने में अहम योगदान दे सकते हैं या उनके जीवन को परेशानियों से मुक्त बना सकते हैं? हमारे साथ अपने सुझाव एवं विचार साझा करने के लिए mp.mygov.in पर लॉग इन करें।
Anil Patel 4 years 8 months ago
मैं कमलनाथजी सरकार का आभार प्रकट करता हूं कि निशक्तजनों के सशक्तिकरण व उत्थान के लिए काम करने का प्रयास कर रही है
१५ वर्षो के शासन काल में BJP सरकार ने निशक्तजनों के सशक्तिकरण व उत्थान के लिए
के कुछ किया हमने नहीं सुना देखा
Kamlnath सरकार को भगवान शक्ति दे
Anil Patel 4 years 8 months ago
निशक्तजनों के सशक्तिकरण व उत्थान के लिए M. P
Govct को CMhelpline की तरह online Helpdesk बनाना चाहिये जो
निशक्तजनों के उत्थान के लिए काम करे
बिना नौकरी व पैसे के परीबार का भरण पोषण करना impasibal है इसलीए M. P govct निशक्तजनों को Education अनुसार छोटी मोटी नौकरी दे तो best रहेगा
अनिल बुद्ध सेन पटेल Dewas
Mob
९८९३५५५७०३
Puran Mal 4 years 8 months ago
धन्यवाद मुझे आपकी वेबसाइट बहुत पसंद है https://www.aaiyesikhe.com/mp3juices-se-song-download-kaise-kare/
Santanu Datta 4 years 8 months ago
ADHAR card with some special identity may be introduced for involvement with govt. projects or schemes.
Sunil Kumar 4 years 8 months ago
Sarkar ko aise nitiyo pe kam karna chahiye jisse nishatajan ko bhi rojgar mil sake bahut se graduate hone par bhi job ke liye ksi muskilo ka samna karna pad raha hai hum asha karte hai sarkar se ki nishjtajan bhi aage bad sake khusi se rah saje.https://heartbeatsk.com/12th-ke-bad-governments-jobs-ke-liye/
MANISH SRIVASTAV 4 years 8 months ago
Dear Sir/Maidem,sadar pranam,Hume sabse pehla karya divyangjano ko sadar samman dena chhaiye,unko kabhi bhi is cheez ka ehsash nahi hone dena chhaiye ki hum kuch kar nahi sakte,aise logo ko unki kshamta ke anusar karya dena chhaiye,jise vo ruchi poorvak kar sake.Inko special vaccancy ke tahat govt job me le lena chhaiye.Primary level par school me baccho ko is baat ki jankari dete rehna chhaiye ki ye bhi humi logo ki tarah sab kuch kar sakte hai.Mere vichar se ye Poojniya hai.
Only 2 minits 4 years 8 months ago
जीवन यापन के लिए धन अति आवश्यक है धन के बिना कोई भी व्यक्ति या नागरिक अपना यहां अपने परिवार का भरण पोषण पालन नहीं कर सकता है सामान्य व्यक्तित्व किसी भी तरह का कार्य कर सकता है लेकिन निशक्तजन अपने किसी ने किसी दोष के कारण निशक्त जनों को उनकी क्षमता के अनुसार ऐसा कार्य देना चाहिए जिससे वह अपने आमदनी कर सकें और घर परिवार पाल सके जिससे उनके अंदर आत्मनिर्भरता का विकास होगा समाज में उनकी इज्जत भी बढ़ेगी.. निशक्त जनों को अपने लिए एक कदम आगे बढ़ाना ही पड़ेगा और हम नागरिकों को उनके कदम से कदम मिलाकर सहयो
Rajan Tiwari 4 years 8 months ago
develop more facilities in available infrastructure in country.http://www.bhopalnashamuktikendra.com
Devendra Baghel 4 years 8 months ago
समाज को दिव्यान्गता के प्रति दया और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि ऐसे व्यक्तियों को समुचित अवसर प्रदान करने की ज़रूरत है। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि कोई देश केवल तभी ऊपर उठ सकता है जब समाज के हर वर्ग को सशक्त होने का अवसर मिले और सामूहिक रूप से समावेशी विकास की ओर एक कदम बढ़ाया जाए।
jayesh rajpurohit 4 years 9 months ago
निशक्तजनों में कोई असक्षमता यदि ऊपर वाले ने दी है तो निश्चित ही उस असक्षमता के अलावा कोई दूसरी विशेषता भी अवश्य दी होती है हमें उस विशेषता को पहचान कर उसका पूरा उपयोग करना चाहिए एवम् दिव्यांग जनों को जैसे इंदौर में अपना स्वीट ने रोजगार दिया है उसी तरह की मुहीम पुरे प्रदेश और देश में चल कर इन्हे सभी संस्थानों में रोजगार उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जाने चाहिए