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“सेफ सिटी कार्यक्रम”- सुरक्षित शहर एवं सार्वजनिक कार्यस्थल
" क्या मैं घर से बाहर निकलूं ?" ...
" क्या मैं घर से बाहर निकलूं ?"
यह सवाल सुनते ही हमें यह अनुमान लगाने में पल भर का वक़्त भी नहीं लगता कि यहाँ "मैं" शब्द महिला को इंगित करता है...और जब भी कोई महिला अपने घर से बाहर कदम रखने के बारे में सोचती है तो ये सवाल हर बार उसके मन में एक भय के रूप में सामने आ जाता है।
जेंडर समानता सिर्फ एक शब्द या नारा नहीं है,बल्कि यह समाज की दशा को भी दर्शाता है। लेकिन जेंडर समानता की दिशा में जितने प्रयास खुद महिलाएं कर रही हैं,उतना समाज या समुदाय नहीं कर रहा।
अब समस्या यह है कि जब वह अपने सशक्तिकरण के लिए घर से बाहर आ रही है, तब उनको शहरों व सार्वजनिक स्थलों पर अनेक तरीकों से, विभिन्न प्रकार की हिंसा व उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। शहरों में लड़कियों व महिलाओं पर फब्तियाँ कसना, कटाक्ष करना, बुरी नज़रों से देखना, घूरना, उनका पीछा करना, यौन आक्रमण, यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं रोजमर्रा की बात हो गई है। यदि इतने बड़े स्तर पर कुछ न घटे, तो भी कार्य स्थल एवं सार्वजनिक स्थल उसे अनुकूल माहौल नहीं देते हैं।
NCRB (National Crime Records Bureau)2015 के अनुसार देश में 53.9% महिलाओं के विरुद्ध हिंसा (CAW ) होती है। विश्व स्तर पर किये गए सर्वे यह बताते हैं कि 60 से 70 प्रतिशत महिलाएं अपने को सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षित महसूस करती है। शहरों में बढ़ती हिंसा का भय व असुरक्षा लड़कियों एवं महिलाओं के जीवन को निरंतर प्रभावित करता है, जिससे उनका विकास अवरूद्ध होता है और जिसका प्रभाव उसके सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है। जैसे:-
घर व घर के बाहर उत्पीड़न व हिंसा का सदैव डर बना रहता है। शिक्षा, प्रशिक्षण, रोजगार व सामाजिक जीवन में उन्हें अनेकों बार अवसर छोड़ने या समझौते करने पड़ते हैं। वहीँ खेलकूद, मनोरंजन, बाहरी सामाजिक गतिविधियों में उनके लिए समय व स्थान की सीमा तय कर दी जाती है, जिससे उनका विकास बाधित होता है और वे विकास की मुख्य धारा में पीछे रह जाती है। देश के विकास में लड़कियों व महिलाओं की समान भागीदारी महत्वपूर्ण व अनिवार्य है,अतः ऐसे सुरक्षित व समावेशी शहर व सार्वजनिक स्थलों का विकास किया जाना अति आवश्यक है,जहाँ लड़कियाँ व महिलाएं हिंसा व हिंसा के भय से निडर होकर निर्भीकता पूर्वक विकास की मुख्य धारा में जुड़ सके।
महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश सरकार ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2019’ के अवसर पर सेफ सिटी- सुरक्षित कार्यस्थल, शहर एवं सार्वजनिक स्थल’ प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेटियों व महिलाओं के लिए ऐसे सुरक्षित शहरों एवं सुरक्षित सार्वजनिक स्थलों को विकसित करना है, जहां हर उम्र, समुदाय की बेटियाँ व महिलाएं यौन उत्पीड़न व यौन हिंसा के डर के खतरे से मुक्त हो। वे निर्भीक होकर, शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार जैसी बुनियादी सेवाओं तक पहुँच बना सके तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में निर्भीक होकर समुदाय व समाज में अपना योगदान देने के साथ हिंसा मुक्त जीवन का आनंद ले।
विभाग निम्न मुद्दों पर नागरिकों से उनके सुझाव/ विचार जानना चाहता है:
1. सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए और अधिक सुरक्षित बनाना।
२. कार्य स्थल पर महिलाओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित वातावरण का निर्माण।
3. सार्वजनिक परिवहन में महिला को पूर्ण सुरक्षा।
4. समस्त शिक्षा संस्थानों में लड़कियों व महिलाओं के लिए यौन हिंसा व हिंसा मुक्त वातावरण बनाना।
5. पर्यटन स्थलों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण का निर्माण।
प्रत्येक मुद्दे पर सर्वश्रेष्ठ 3 सुझाओं को एक-एक हजार के पुरस्कार दिए जायेंगे।
महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश सभी नागरिकों से ‘सेफ सिटी- सुरक्षित कार्यस्थल, शहर एवं सार्वजनिक स्थल’ विषय पर अपने सकारात्मक सुझाव रखने की अपील करता है। जिससे सभी नागरिकों को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील व जागरुक बनाया जा सके।
“आइये साथ मिलकर एक सुरक्षित शहर का निर्माण करने में भागीदार बनें ।”
Pratham Kailasiya 5 years 3 weeks ago
“सेफ सिटी कार्यक्रम”- सुरक्षित शहर एवं सार्वजनिक कार्यस्थल
:- सुझाव हॆतु PDF दॆखॆ
Name: PRATHAM KAILASIYA
AGE: 16 YEARS
CITY: BHOPAL
Mohan Meghwal 5 years 3 weeks ago
1. सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए और अधिक सुरक्षित बनाना।
सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, मंदिर सिनेमाघर, होटल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित व सहज माहौल उपलब्ध करना होगा, महिलाओं को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए हर सार्वजनिक स्थान पर सीसीटीवी कैमरा और वाई-फाई की व्यवस्था हो। महिलाएं सुरक्षित देश सुरक्षित।
नाम -मोहन मेघवाल
पता - गांव बावली, पोस्ट नवारा, वाया कालंद्री, जिला सिरोही, राजस्थान, भारत
पिन कोड - 307802
मोबाइल नंबर - 91 8890198527
ईमेल आईडी - mmeghwal847@gmail.com
shreeram dhidhariya 5 years 3 weeks ago
Please Find the Attachments
Thanks
#MpMyGov
#We_Share_Our_Care
Partha sarkar 5 years 4 weeks ago
Ham logo ko nari ka respected karna cahiaa q ki nari hi maa Durga,Kali, Laxmi he.hamare maa,behen vi to nari hi he..
Bharat mata ki Jai.....
Sagar Anant 5 years 1 month ago
स्कूल कॉलेज और सभी तरह के सरकारी और निजी क्षेत्र कार्यलयों में महिला पुलिस अधिकारी, महिला हेल्पलाइन, पुलिस ईमेल, आदि सभी तरह के नंबर बोर्ड पर लिखने की अनिवार्यता होनी चाहिए!
Sagar Anant 5 years 1 month ago
गर्ल्स स्कूल कॉलेज के आस पास पुलिस चोकी बनानी चाहिए और वहाँ सिर्फ़ महिला पुलिस की ड्यूटी होनी चाहिए !
इससे लड़कियां हमेशा खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी और स्कूल कॉलेज के आस पास आवारा बदमाश लड़के नहीं जाएंगे जिससे छेड़छाड़ की घटनाओं पर रोक लगेगी!
Melvin Thomas 5 years 1 month ago
Name- Melvin Thomas
the attached PDF file contains suggestions for all the five issues
#safecity #mpgov
Yuvraj Mewada 5 years 1 month ago
by given the protection of our police to ketch bad mans and give to protection of womens in her work and by control outside thife .
Umesh Dattaram Nigade 5 years 1 month ago
NAME :- UMESH DATTARAM NIGADE
CONTACT NO :- 7276888676 / 9167673180
SUBJECT :-WOMEN'S SAFETY
viveka pandey 5 years 1 month ago
Jab ham ghar se nikalte h to hame yahi sochna chahiye ki ham bahot se paglo ke bich a gaye h hame unse Bach kar jana h agar ham aisha karne me safal ho pate h to ham safe ho kar jaha Jana chahte h pahoch payege