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मेरा मध्यप्रदेश – खोजें अपने पर्यटन स्थल

Start Date: 01-11-2017
End Date: 31-12-2017

1 नवम्बर प्रदेश के 7.50 करोड़ नागरिकों के लिए गौरव गान का दिन है. ठीक 61 साल ...

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1 नवम्बर प्रदेश के 7.50 करोड़ नागरिकों के लिए गौरव गान का दिन है. ठीक 61 साल पहले 1956 को मध्यप्रदेश के गठन का शुभ कार्य किया गया था. हर साल प्रदेश भर में इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस उत्सव में नागरिकों की रचनात्मत्कता और विचारों को प्रमुखता से आगे लाने का प्रयास किया जाता है. आवश्यकता है की नागरिक इस दिन का महत्त्व समझें और एक सशक्त, समर्थ और स्वाभिमानी प्रदेश के निर्माण में भागीदार बनें.

मध्यप्रदेश में प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों की भरमार है. उनमें से कुछ हम जानते हैं और वहां पर्यटन की संभावनाओं को विकसित करते हुए उन्हें विकसित किया गया है. लेकिन अभी भी ऐसे कई स्थान हैं जिन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जा सकता है.
आपके घर या नगर के आसपास कोई ऐसा स्थान हो, जिसके बारे में कम लोग जानते हों और उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके. ऐसे स्थानों को चिन्हित कीजिये और हमें बताइए.

आपकी प्रविष्टि में उस स्थान की जानकारी, ब्लॉक और जिला मुख्यालय से दूरी को सिर्फ 150 शब्दों में लिखकर एक फोटोग्राफ के साथ कमेन्ट बॉक्स में सबमिट करें.

पुरूस्कार : प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठ प्रविष्टियों को निम्नानुसार पुरुस्कृत किया जायेगा

• प्रथम पुरूस्कार : रु. 10,000 =00
• द्वितीय पुरूस्कार : रु. 7000 =00
• तृतीय पुरूस्कार : रु. 5000 =00
• विशेष पुरूस्कार-03 : रु. 1000 =00
• अन्य चयनित प्रविष्टियों को प्रमाणपत्र प्रदाय किया जायेगा.
• श्रेष्ठ प्रविष्टियों को विभाग द्वारा प्रकाशित की जाने वाली ई-बुक में स्थान दिया जायेगा.

शर्तें :
1. कोई आयु सीमा नहीं
2. सभी प्रविष्टि सिर्फ ऑनलाइन ही स्वीकार की जाएँगी.
3. भागीदारी के समय स्पेसिफिकेशन का ध्यान रखा जाये.
4. प्रविष्टियों का चयन विशेषज्ञ पैनल द्वारा राज्य स्तर पर किया जायेगा.
5. पुरुस्कारों की घोषणा पोर्टल पर ही निर्धारित तिथि को किया जायेगा
6. प्रविष्टियाँ भेजने के लिए प्रतिभागी को स्वयं को mp.mygov पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना चाहिए. किसी और के माध्यम से भेजी गयी प्रविष्टियाँ मान्य नहीं की जाएँगी.
7. प्रविष्टियाँ सबमिट करते समय अपना पता, जिला और मोबाइल नंबर अवश्य लिखें

All Comments
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110 Record(s) Found
100

GANESH PATEL 7 years 4 months ago

मॆरॆ पास का पर्यतन स्थल :‍कुआताल‌
मध्य प्रदॆश कॆ पन्ना जिलॆ सॆ लग्भग् 70 कि.मी. दूर् स्तिथ है.
पन्ना ‍सॆ दमॊह रॊड पर सिमरिया सॆ लग् भग् 10 कि.मी. दूर् स्तिथ है
मा कन्कालि का प्राचीन मन्दिर है.एक प्राचीन तलाब है.
चैत्र नवरात्री मॆ यहा मॆला लगत है. मा की लॆति हुइ पत्थर कि प्रतिमा है.
ऎव्म् मा ऎक् छॊटॆ बच्चॆ कॊ स्तन् पान करवा रही है.
‍गनॆश पटेल जवाहर नवॊदय विद्यालय ‍घट्टिया ,उज्जैन,म.प्र. 7389451999

54300

satish mewada 7 years 4 months ago

तिंगजपुर (मदाना) ब्लॉक गुलाना से 5.6 कि.मी., जिला शाजापुर से 26.3 कि.मी. दुरी ...
जौहर स्थल 1305 व 1306 के लगभग में सारंगपुर के पास तिंगजपुर (मदाना) कालीसिंध नदी के पास हुआ | इसमे 6000 हजार राजपूत शहीद हुये व् 750 राजपुतनियो ने जौहर किया, जिसके अवशेष आज भी मौजूद है| यहाँ युद्ध मांडव के बादशाह व मेवाड़ के राजपूत के बीच हुआ था |
नाम - सतीश मेवाड़ा
पता - 86 A, डॉ आंबेडकर नगर, साउथ टी.टी. नगर, भोपाल
जिला - भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल न. - 09893733603

200

sanjay singour 7 years 4 months ago

अजगर दादर एसी जगह है जहां लगभग देा हेक्टेयर में पांच सैा अजगर रहते हैं इन्हें अच्छे से संरक्षित किया जाय तेा यह जगह पयर्टन का केन्द बन सकती है। कान्हा उद्यान मागर् में पड़ने के कारण लेाग इसे देखने की चाह रखेंगे। जिला मुख्यालय मंडला से 35 कि-मी-एवं विकासखण्ड बिछिया से 27 कि-मी- दूर यह जगह सपर् की दुरृलभ पजाति अजगर के देखने का अजूबा सृथान हेागा।
संजय सिंगैार सरीर् तह-सील नैनपुर जिला मण्डला मध्यपदेश मेा-न-9340056396

21410

Yogesh agrawal 7 years 4 months ago

During the 18th century this temple was constructed by Jat Sardars & plane Statue of Lord Narsimha (It's a Human Awtar of Lord Vishnu having Loin's head ) This is situated at District H.Q. And this temple has got its importance as district's Nomenclature hails from here only.

File: 
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Sumit vishwakarma 7 years 4 months ago

एकमात्र स्थान जहां शिव को चढ़ता है सिंदूर तिलकसिंदूर का अपना पौराणिक महत्व है।तिलक सिंदूर का शिवालय एकलिंगी है। होशंगाबाद जिले में तिलकसिंदूर का शिवमंदिर खटामा के मंदिरों के नाम से भी जाना जाता है।इटारसी शहर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर है, ग्राम जमानी।तिलकसिंदूर। वैसे तो यह स्थान वर्षों पूर्व खोज लिया गया था, लेकिन तब से अब तक इसे विकास की जो राह मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल सकी है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।sumit-7566112664

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