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Suggest to Prevent Cooperative Fraud and Financial Crime

Start Date: 01-09-2021
End Date: 03-11-2021

वित्तीय धोखाधड़ी एवं अपराध संबंधी परिचर्चा

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वित्तीय धोखाधड़ी एवं अपराध संबंधी परिचर्चा


वित्तीय अपराध एवं धोखाधड़ी के बारे में नागरिकों को जागरूक करें

भारत देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती जा रही ही। पूरे विश्व में भारत एक बड़े बाजार के रूप में स्थापित हो रहा है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण से लोगों की जरूरतें बढ़ी हैं, वहीं लेनदेन, निर्माण और अन्य आर्थिक क्षेत्र में होने वाली धोखाधड़ी में कई गुना वृद्धि हुई है। सहकारी संस्थाओं, कम्पनियों, चिटफंड कंपनियों, बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित धोखाधड़ी, सूदखोरी से संबंधित अपराध बढ़ रहे हैं, इसमें सबसे ज्यादा मध्यम और गरीब वर्ग प्रभावित है जो चिटफंड और सूदखोरों से सबसे ज्यादा परेशान है।

वित्तीय धोखाधड़ी भारतीय कानून के तहत अपराध है, जिसके लिए सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। भारतीय संसद ने वित्तीय अपराधों को रोकने और वित्तीय अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए धन-शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act, 2002) बनाया गया है।

इस अधिनियम के तहत वित्तीय अपराध करने वाले को तीन साल से सात साल तक की कठोर सजा का प्रावधान है। इसके अलावा आरोपी पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उसकी संपत्ति भी जब्त के साथ कुर्की की भी कार्रवाई की जा सकती है।

अन्य प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश में भी आर्थिक धोखाधड़ी को रोकने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ‘वित्तीय अपराध, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, पुलिस मुख्यालय भोपाल’ सजग है।

किसी भी वित्तीय अपराध एवं धोखाधड़ी से पीड़ित नागरिकों को दोषियों को दंडित करवाकर उन्हें न्याय दिलाने में मदद करता है। यदि आपके साथ भी इस तरह की वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो आप विभाग से शिकायत कर सकते हैं।

विभाग के साथ-साथ एक नागरिक के रूप में हमारी भी जिम्मेदारी है कि इस तरह के वित्तीय धोखाधड़ी से हम स्वयं भी सतर्क रहें। इस तरह के वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव हेतु यदि आपके पास कोई भी सुझाव है तो हमसे अवश्य साझा करें। आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।

ऐसी किसी समस्या के लिए आप विभाग से संपर्क कर सकते हैं : 0755-2443022

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Poojasahu 4 years 2 months ago

बैंको द्वारा ग्राहकों से बिना प्रतिभूति लिए लोन की रकम को नहीं देना चाहिए साथ ही वित्तीय कार्यवाई कार्यबल का गठन करना आवश्यक है।

Dinesh kumar sharma 4 years 2 months ago

बैंको में धोखाधड़ी के मामले कितनी तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। सिर्फ संख्या के मामले में ही नहीं, बल्कि घोटाले की रकम में भी बहुत ज्यादा का इजाफा हो रहा है। धोखाधड़ी के ये मामले आंतरिक सिस्टम की कमजोरियों का नतीजा हैं। धोखाधड़ी के व्यापक अध्ययन से पता चलता है कि हालांकि रिजर्व बैंक के पास इस तरह की धोखाधड़ी से बचने को लेकर प्रारंभिक चेतावनी संकेत प्रणाली मौजूद है, लेकिन बैंक कभी भी इसका फायदा नहीं उठाते हैं और शायद आरबीआइ उनके विरुद्ध उस हद तक सख्त नहीं होती, जिस हद तक होना चाहिए।

ShivangiMishra 4 years 2 months ago

इस अधिनियम के तहत वित्तीय अपराध करने वाले को तीन साल से सात साल तक की कठोर सजा का प्रावधान है। इसके अलावा आरोपी पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उसकी संपत्ति भी जब्त के साथ कुर्की की भी कार्रवाई की जा सकती है।

lokesh kumawat 4 years 2 months ago

मेरे साथ ऐसी घटनाये महीने में एक बार जरुर होती है में एक पढ़ा लिखा व्यक्ति हु, इसलिए इन धोखाधड़ी से स्वयं को बचा लेता हु क्युकी में इनके बारे में पूरी जानकारी रखता हु. लेकिन वह लोग जो अनपढ़ है और इनके बारे में नही जानते है उनके यह धोखाधड़ी होती होगी क्युकी वह यह नही जानते है. ज्यादा जानकारी के लिए https://edutyari.com/ पर जाये. धन्यवाद

abhishek yadav 4 years 2 months ago

आज लोगों को वेवकूफ बनाने के नये-2 फंण्डे अपनाये जा रहे है जिस कारण हमें और आपको सतर्क रहना होगा जिस कारण अपनी मेहनत की कमाई को बचाया जा सके