You don't have javascript enabled. Please Enabled javascript for better performance.

The rights of persons with disabilities

Start Date: 26-03-2021
End Date: 15-06-2021

नि:शक्तजनों के प्रति सार्वजनिक जागरूकता हेतु सुझाव

...

See details Hide details


नि:शक्तजनों के प्रति सार्वजनिक जागरूकता हेतु सुझाव

भारत सरकार व राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए संकल्पित है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत संयुक्त रूप से विकास की ओर चलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने नि:शक्तजनों के लिए म.प्र. दिव्यांगजन अधिकार नियम 2017 बनाये हैं। दिव्यांगताओं की श्रेणी बढाकर 21 कर दी गई है जो कि पहले 7 थी। दिव्यांगता के प्रकार में बौद्धिक अक्षमता, मानसिक बीमारी, स्वलीनता, जीन तंत्रिका अवस्था, द्रष्टिबाधित, अल्प द्रष्टि, वाक् और भाषा दोष, श्रवण विकलांगता, गतिजनित अक्षमता, मस्तिष्क पक्षाघात, कुष्ठ रोग, बौनापन, मांसपेशीय दुर्विकास, एसिड हमला पीड़ित, मल्टीपल स्कलेरोसिस,पार्किसन रोग,हिमोफिलिया, थेलेसीमिया, सिकल सेल रोग, विशिष्ट अधिगमन अक्षमता एवं बहुविकलांगता को शामिल किया गया है।

अक्सर देखा गया है कि नि:शक्तजनों का लाभ उठाकर समाज के कुछ लोग उन्हें नशे की बुरी आदत की तरफ ले जाते हैं जो अपने आप में ही गलत और अनुचित है। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि हम नि:शक्तजनों के प्रति सार्वजनिक जागरूकता पैदा करें, दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए सुविधाएं प्रदान करने में सरकार के साथ उनके लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग करें।

आयुक्त नि:शक्तजन, मध्यप्रदेश द्वारा नि:शक्तजनों से जुड़े अधिकारों एवं उनके समुचित विकास के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे हैं। ऐसे में विभाग नागरिकों से नि:शक्तजनों के उत्थान की दिशा में आपके मूल्यवान विचार एवं सुझाव MPMyGov के माध्यम से आमंत्रित करता है।

All Comments
Reset
99 Record(s) Found

Yash Rawat 4 years 3 months ago

निशक्तजनों को यदि हम कलात्मक शिक्षा उपलब्ध कराए और उनके कौशल का विकास करने में सफल हो जायें तो अवश्य ही दिव्यांगजन अपनी कमियों को भूलकर, अपनी योग्यता पर ध्यान देंगे और खुद को औरों से अलग नहीं समझेंगे। निशक्तजनों में कोई असक्षमता यदि ऊपर वाले ने दी है तो निश्चित ही उस असक्षमता के अलावा कोई दूसरी विशेषता भी अवश्य दी होती है हमें उस विशेषता को पहचान कर उसका पूरा उपयोग करना चाहिए।

Yash Rawat 4 years 3 months ago

मैं सभी निशक्त जनों को के प्रति यह बताना चाहता हूं कि उनके लिए अधिकतर संगीत के विषय में अधिक योगदान देना चाहिए निशक्त जनों के सशक्तीकरण उत्थान के लिए मेरा यह सुझाव है कि सभी निशक्त जनों को संगीत की और अधिक जोर देना चाहिए क्योंकि वह अपने संगीत के माध्यम से हमारे देश की संस्कृति को आगे बढ़ा सके संगीतकार के रूप में उभरे तथा हमारे देश की तरक्की में उनका योगदान रहेl

Yash Rawat 4 years 3 months ago

सरकार सुनिश्चित करे कि तकनीकी/ सिखाने वाले यंत्र औजार, जैसे खिलौने, ब्रेल, टॉकिंग बुक, उचित सॉफ्टवेयर इत्यादि भी उपलब्ध कराये जाएंगे। सामान्य पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी, ब्रेल-लाइब्रेरी तथा टॉकिंग बुक लाइब्रेरी, संसाधन कक्ष की स्थापना के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। मनोरंजन, सांस्कृतिक गतिविधियों तथा खेलकूद, हॉस्टल, समुद्र तट, स्पोर्ट एरीना, ऑडिटोरियम, जिम हॉल इत्यादि को विकलांग व्यक्तियों की पहुंच के लायक बनाना चाहियें।

Yash Rawat 4 years 3 months ago

निशक्तजनो के प्रति किसी भी प्रकार का भेदभाव न रखा जाये | अभेदभाव के इस तत्व के अनुसार भवनों को अनुकूल बनाया जाना अपरिहार्य है जिसके फल स्वरूप विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति भी उनका सहजता से प्रयोग कर सके| सार्वजनिक भवन (कार्यात्मक या मनोरंजनात्मक), परिवहन सुविधाएं, जैसे सड़क, सब-वे तथा फुटपाथ, रेलवे प्लेटफॉर्म, बस स्टॉप/ टर्मिनस/ बंदरगाह/ हवाई अड्डे, परिवहन के माध्यम (बस, ट्रेन, वायुयान तथा जहाजों), खेल के मैदान, खुले स्थान इत्यादि को विकलांग व्यक्तियों के लिए अवरोध मुक्त पहुंच हों।

Yash Rawat 4 years 3 months ago

सामान्य शिक्षा के साथ निशक्तजनों को कुछ आत्मनिर्भर बनाने क़़ा कौशल दिया जो आर्थिक मजबूती के साथ मनोबल को उच्च करता है। उन्हें विशेष रूप से कला,हस्तकला, दस्तकारी, कम्प्यूटर कोर्स, डाटा इन्ट्री,नक्काशी, संगीत, खेल, अध्यापन, लेखन, समाचारपत्र, कहानी कविता लेखन, की वास्तविक शिक्षा दी जाए। देश में विकलांगता हितैषी आइटी वातावरण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

Yash Rawat 4 years 3 months ago

समाज को नि:शक्तजनों के प्रति दया और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि ऐसे व्यक्तियों को समुचित अवसर प्रदान करने की ज़रूरत है। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि कोई देश केवल तभी ऊपर उठ सकता है जब समाज के हर वर्ग को सशक्त होने का अवसर मिले और सामूहिक रूप से समावेशी विकास की ओर एक कदम बढ़ाया जाए।

Yash Rawat 4 years 3 months ago

विकलांगता से पीड़ित व्यक्ति के प्रति किसी भी प्रकार का भेदभाव न रखा जाये | सार्वजनिक भवन (कार्यात्मक या मनोरंजनात्मक), परिवहन सुविधाएं, जैसे सड़क, सब-वे तथा फुटपाथ, रेलवे प्लेटफॉर्म, बस स्टॉप/ टर्मिनस/ बंदरगाह/ हवाई अड्डे, परिवहन के माध्यम (बस, ट्रेन, वायुयान तथा जहाजों), खेल के मैदान, खुले स्थान इत्यादि को विकलांग व्यक्तियों के लिए अवरोध मुक्त पहुंच हों।

Jay darshan Rawat 4 years 3 months ago

दिव्यांग बच्चों के साथ उनके माता या पिता में से किसी एक को आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जाय तो परिवार में उस पर खर्च होने से उसे एक खुशी भी होगी क्योकि यदि उसे परिवार में वह प्राईवेट नौकरी कर रहा हो और बच्चा जन्म से दिव्यांग हो एवम जैसे-जैसे बड़ा होगा उस पर इलाज के साथ उस पर खर्च भी बढ़ता जाता है और साथ मे किसी एक माता या पिता को रहना पड़ता वही बेटियो के मामलों ज्यादा सोचनीय स्थिति हो जाती है दूसरी और सरकारी की जो योजनाए उनके लिये होती है सीधे उनकी आईडी के माध्यम से मिले तो अच्छा है।

Jay darshan Rawat 4 years 3 months ago

निशक्तजनों को यदि हम कलात्मक शिक्षा उपलब्ध कराए और उनके कौशल का विकास करने में सफल हो जायें तो अवश्य ही दिव्यांगजन अपनी कमियों को भूलकर, अपनी योग्यता पर ध्यान देंगे और खुद को औरों से अलग नहीं समझेंगे। निशक्तजनों में कोई असक्षमता यदि ऊपर वाले ने दी है तो निश्चित ही उस असक्षमता के अलावा कोई दूसरी विशेषता भी अवश्य दी होती है हमें उस विशेषता को पहचान कर उसका पूरा उपयोग करना चाहिए।

Jay darshan Rawat 4 years 3 months ago

समाज को नि:शक्तजनों के प्रति दया और सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि ऐसे व्यक्तियों को समुचित अवसर प्रदान करने की ज़रूरत है। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि कोई देश केवल तभी ऊपर उठ सकता है जब समाज के हर वर्ग को सशक्त होने का अवसर मिले और सामूहिक रूप से समावेशी विकास की ओर एक कदम बढ़ाया जाए।