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Plant trees, Get plenty of oxygen

Start Date: 04-05-2021
End Date: 21-06-2021

आओ पेड़ लगाएं, भरपूर ऑक्सीजन पाएं

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आओ पेड़ लगाएं, भरपूर ऑक्सीजन पाएं

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ऐसे पौधे जिनसे भरपूर ऑक्सिजन मिलती है उनके संरक्षण, सवर्धन और रोपण पर चर्चा करें

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क्या आप जानते हैं... एक पेड़ की औसत उम्र 50 साल होती है जिसमें वह जीवन भर ऑक्सीजन छोड़ता है और यही ऑक्सीजन हमारे लिए प्राणवायु का काम करती है! औसत उम्र का एक पेड़ साल भर तक एक परिवार को ऑक्सीजन देने के लिए पर्याप्त हो सकता है। अनुसंधान बताते हैं कि पेड़ों और हरे रंग के वातावरण के बीच कुछ मिनटों के भीतर ही हमारा रक्तचाप कम हो जाता है, हमारे हृदय की गति सामान्य हो जाती है और तनाव का स्तर भी कम होने लगता है।

हम सभी जानते हैं आज पूरा देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा है, जिसमें कोरोना से निपटने में ऑक्सीजन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे में कौन नहीं जानता कि पेड़ ऑक्सीजन का उत्पादन करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। पेड़ हमारे जीवन के लिए उतने ही जरूरी हैं जितनी हमारे लिए हमारी साँसे। पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी को वायु की आवश्यकता होती है, अत: जीवन के लिए पेड़ों का जीवित रहना अति आवश्यक है। वर्तमान समय में इस बात को हमसे बेहतर और कौन समझ सकता है!

यह भी सच है कि हम में से अधिकांश लोग काम और जीवन की व्यस्तता के कारण वृक्षारोपण के लिए समय निकाल पाने में असमर्थ हैं। लेकिन पर्यावरण में छोटे स्तर पर बदलाव लाने के लिए पौधों का इनडोर प्लांटेशन तो किया ही जा सकता है। जैसे- तुलसी व बांस के पौधे, गोल्डन पोथोस, पीस लिली, बॉस्टन फर्न, इंग्लिश आइवी या रबर प्लांट अनेकों विकल्प हैं। ऐसे पौधों की विशेषता यह है कि ये न ज्यादा जगह घेरते हैं और ना ही इन्हें अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, बल्कि ये हवा में से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने के साथ ही हमारे घरों में ऑक्सिजन की मात्रा को बढ़ाते हैं और छोटे से खूबसूरत बगीचे का निर्माण करने में मददगार भी साबित होते हैं।

पेड़-पौधों के महत्व के प्रति नागरिकों को जागरूक करने हेतु मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, जिला रतलाम MP MyGov के माध्यम से सभी नागरिकों से अपील करता है कि अपने घर व वातावरण के आस-पास अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें ताकि हम अपने वातावरण को प्रदुषण मुक्त करने में अपना योगदान दे सकें।

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176 Record(s) Found

Jay darshan Rawat 4 years 3 months ago

तुलसी व बांस के पौधे, गोल्डन पोथोस, पीस लिली, बॉस्टन फर्न, इंग्लिश आइवी या रबर प्लांट अनेकों विकल्प हैं।

Jay darshan Rawat 4 years 3 months ago

वृक्षों से मिलती औषधियाँ, जिनसे दूर होती है बीमारियां।
वृक्षों से मिलते मीठे फल, हमें नहीं करना है इनसे छल।
वृक्ष हमको आक्सीजन देते, खुद कार्बन डाइऑक्साइड है लेते।
वृक्ष हमको छाया देते, वृक्ष मिट्टी की कटान को है रोक लेते।
वृक्ष करते प्रदूषण शोषण, पशु पक्षी पाते इनसे पोषण।
वृक्ष कराते वर्षा और जीवन में लाते है खुशहाली,
जिससे धरती पर होती है चारों ओर हरियाली।
हम सबका है यही कहना, अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना।

Jay darshan Rawat 4 years 3 months ago

विश्व का सबसे बड़ा तुलसी का पेड़ यह तुलसी का पेड़ भारत कर्नाटक बिलिगिरांगना बेट्टा में है! हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तुलसी पूजनीय होती है किन्तु तुलसी को एक पौधा समझना उचित नहीं है क्योंकि तुलसी के बीजों में फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक शामिल होते है जो हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में मदद करती है एवं हमारी इम्युनिटी सिस्टम को भी मजबूत बनाती है इसके अलावा तुलसी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है जो की हमारे शरीर में फ्रीरेडिकल्स से होने वाली हानि से भी बचाती है।

PRATAP KATARA 4 years 3 months ago

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् द्वारा निशुल्क पौधे वितरण किए गए कोरोना वालिंटियर द्वारा व वेक्सीनेशन सेंटर पर आए जनसामान्य को टिकाकरण लगवाने के बाद एक व्यक्ति को एक पौधा निशुल्क वितरित किए हैं।

AASHISH SHINDE 4 years 3 months ago

जन अभियान परिषद निस्वार्थ अच्छे कार्य करती है पर हर जिले के कृषकों को कुछ फ्री आफ कॉस्ट या डिस्काउंट से पेड़ पौधे दिए जाएं जिससे वह अपने खेत में लगा सके इससे हमें ज्यादा सहायता प्राप्त होगी

Himanshu Suryawanshi 4 years 3 months ago

पीपल के पेड़ की तरह नीम, बरगद और तुलसी के पेड़ भी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। नीम, बरगद, तुलसी के पेड़ एक दिन में 20 घंटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं।

Dr Dharmendra kumar Satnami 4 years 3 months ago

लगभग 5 वर्ष पूर्व तक हुए वृक्षारोपण कार्य की निगरानी निगरानी समिति बननी चाहिए वृक्षारोपण निगरानी समिति के द्वारा समय-समय पर वृक्षों की यथास्थिति व्यवस्था देखभाल संबंधित

Dr Dharmendra kumar Satnami 4 years 3 months ago

वृक्षारोपण करने के बाद लगभग 5 वर्ष तक वृक्षारोपण करने वाली समितियों संस्थानों शासन प्रशासन आदि को इसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी लेना चाहिए जिससे आर्थिक और श्रम नुकसान नहीं हो सके