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Start Date: 28-02-2022
End Date: 10-04-2022

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत ...

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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत
दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार जागरूकता के लिए दीजिए सुझाव

भारत सरकार व मध्यप्रदेश शासन दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए संकल्पित है। भारतीय संविधान दिव्यांगजनों सहित सभी नागरिकों को समानता और न्याय के संबंध में स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है।

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत संयुक्त रूप से विकास की ओर चलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने नि:शक्तजनों के लिए म.प्र. दिव्यांगजन अधिकार नियम 2017 बनाये हैं। जिसके अंतर्गत मानव संसाधन विकास और उनका पुनर्वास शामिल है। नि:शक्तजनों को लेकर सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना, दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए सुविधाएं प्रदान करना और दूसरों के बीच उनके लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।

6 से 18 वर्ष के तक के प्रत्येक दिव्यांग बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उच्च शिक्षा, सरकारी नौकरियों और विभिन्न योजनाओं में दिव्यांगजनों को विशेष रूप से आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।

शासन की इस मंशा को पूरा करने के लिए समाज के हर वर्ग के व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करें और उन्हें अधिक उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराएं।

आयुक्त नि:शक्तजन, मध्यप्रदेश के आम नागरिकों से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार जागरूकता के संबंध में सुझाव आमंत्रित करता है।

आप अपने सुझाव MPMyGov के माध्यम से नीचे कमेंट बॉक्स में साझा कर सकते हैं।

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71 Record(s) Found
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AKHILESH SALVE 3 years 3 months ago

शासन द्वारा दिव्यांगो को दी जा रही दिव्यांग सहायता राशी रु.600 आज के इस महगाई के युग में काफी नहीं हैं | भारत के अलग-अलग राज्यों में यह राशि अलग-अलग है | जिसे सभी राज्बयों में एक समान करते हुए, दिव्यांग पेंशन कम से कम रु.2000 की जाना चाहिए | एवं दिवांगो को राशन दुकान से अतिरिक्त राशन दिया जाना चाहिए |

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AKHILESH SALVE 3 years 3 months ago

दिव्यांगो को समाज में सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करने के लिये उन्हें रोजगार की सखत जरूरत हैं | इसके लिये शहरी क्षेत्रो में नगर पालिका द्वारा निर्मित दुकानों को दिव्यांगो को स्वरोजगार स्तापिथ करने के लिये अधिकतम 5 वर्षो के लिये निशुल्क उपलब्ध कराई जाना चाहिए,और ग्रामीण क्षेत्रो में पंचायत स्तर पर रोजगार की व्यवस्था की जाना चाहिए |

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Pranjal Garg 3 years 3 months ago

There should be training programs, as per the person wants. Many can do reception Work, data entry, computer works. like, there are so many works they can be trained. They can do speech over work like in Radio, book reading like pod cast etc. Contact me - pranjalgarg0663@gmail.com , Fb- https://www.facebook.com/Pranjal-Venimadhava-Garg-110830541548999/ Insta -https://www.instagram.com/_shriharibhakt/

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Sudhir_82 3 years 3 months ago

विभिन्न यंत्रों एवं आईटी की मदद से दिव्यांगों के लिए एक ऐसी व्यवस्था पर काम हो जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सकती है, विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों एवं सामाजिक जागरूकता के माध्यम से इस कार्य को संभव किया जा सकता है।
https://www.employment-news.net/p/sarkari-result.html

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Sachin 3 years 3 months ago

सर का कहना वह सही है।

दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सरकार निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की जरूरत है।जो दिव्यांगों अनेक प्रकार के छोटे छोटे कुटीर उद्योग चलाने के लिये तकनीक और सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्वरोजगार करने के लिये प्रेरणा देने वाले कार्यक्रम चलाने चाहिये।

https://studyroot.in

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kuldeep mohan trivedi 3 years 3 months ago

दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सरकार निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की जरूरत है।जो दिव्यांगों अनेक प्रकार के छोटे छोटे कुटीर उद्योग चलाने के लिये तकनीक और सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्वरोजगार करने के लिये प्रेरणा देने वाले कार्यक्रम चलाने चाहिये।

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Vikram singh Tomar 3 years 3 months ago

केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार को भी आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सरकारी नौकरियों के साथ-साथ क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रों में नई दिशा के साथ कार्य करना होगा प्रत्येक जिले में क्लस्टर योजना शुरू की जानी चाहिए जिससे उस जिले के विशेष उत्पादों को एक ऑनलाइन पोर्टल से जोड़ा जाए साथ ही उस जिले की कला और संस्कृति को जानने वाले लोगों को इकट्ठा किया जाना चाहिए जिसके माध्यम से कला और संस्कृति से जुड़े रोजगार ओ को ऑनलाइन मार्केट जोड़कर एक नया मुकाम मिल सके

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ShivSingh 3 years 3 months ago

https://studyroot.in/
हर हाथ को काम देने के लिये सरकार को कुटीर उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिये उनको प्रशिक्षण की व्यवस्था और बिना किसी परेशानी के बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाए।उद्यमिता से सम्बंधित प्रशिक्षण संस्थानों में 6-6 महीने के कोर्स करके लोगो को उद्यम लगाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।स्थानीय शिल्पकारों को भी सरकार को प्रोत्साहन देना चाहिये।जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो को रोजगार के लिये भटकना न पड़े

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mukuljain 3 years 3 months ago

Landmark policies like the Americans with Disabilities Act and cutting-edge technologies allow people with disabilities to reach their fullest potential. Good community planning, lower-tech devices and common-sense adaptations provide practical methods to help people go about their lives safely and independently.