You don't have javascript enabled. Please Enabled javascript for better performance.

Inviting suggestions to guide the youth for UPSC and MPPSC exams

Start Date: 13-10-2021
End Date: 29-10-2021

अपने सुझावों से प्रतिभाशाली युवाओं का करें मार्गदर्शन, ...

See details Hide details


अपने सुझावों से प्रतिभाशाली युवाओं का करें मार्गदर्शन,
प्रतियोगी परीक्षाओं का सफर बनाएं आसान

मध्यप्रदेश के युवा संघीय लोक सेवा आयोग सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्रदेश को गौरवान्वित कर रहे हैं। यूपीएससी 2020 परीक्षा में भोपाल की जाग्रति अवस्थी को देश भर में दूसरी रैंक मिली है वहीं मध्यप्रदेश के कुल 38 युवाओं ने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और कड़ी मेहनत से इस परीक्षा में सफल होकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उनकी यह सफलता यह सिद्ध करती है कि मध्यप्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरूरत है उन्हें पर्याप्त मार्गदर्शन की।

प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को उच्च शिक्षा दिलाने और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के संबंध में मार्गदर्शन देने के लिए मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना सहित विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं।

मध्यप्रदेश शासन की मंशा है कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयन के लिए रास्ता आसान बनाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रदेश के युवा यूपीएससी के लिए चयनित हों।

राज्य शासन बच्चों को अच्छे संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण देकर तैयार करेगी। इसके लिए सरकार की तरफ से बैंक, सेना और अन्य क्षेत्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खास शिक्षकों और प्रशिक्षकों से मार्गदर्शन उपलब्ध कराने की योजना है।

अगर प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिले तो प्रतियोगी परीक्षाओं में युवाओं को कामयाबी का प्रतिशत और भी बढ़ सकता है। इस संबंध में अगर आपके कोई सुझाव हों तो नीचे दिए comment box में अवश्य साझा करें।

All Comments
Reset
169 Record(s) Found
13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

देश को आज जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है वो है सभ्य, शिक्षित और अनुशासित नागरिक। योग्य शिक्षक न होने से ये समस्या उत्पन्न हुई है। अतः सरकार योग्य शिक्षकों के चयन पर फोकस करे। योग्य शिक्षक न होने से ही छात्र नशा और अपराध की दुनिया में जा रहे हैं। हम स्कूलों को प्रतियोगिता का स्थान बनाने की वजाए व्यक्तित्व विकास का स्थान बनाएं जिसके लिए महान शिक्षकों की जरूरत है। लोगों ने कोरोना अनुशासन नहीं माना, वो अफवाहों में आ गए क्योंकि उनके शिक्षक अच्छे नहीं थे।

13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

स्कूल/कॉलेज का उद्देश्य व्यक्तित्व विकास और कौशल होना चाहिए। प्रतियोगिता परीक्षा स्कूल/कॉलेज का उद्देश्य नहीं हो सकते। ये छात्र का अपना उद्देश्य होता है जिसके लिए उचित जगह कोचिंग है। स्कूल/कॉलेज की सबसे बड़ी सफलता छात्र का स्वतंत्र व्यक्तित्व विकास मानी जानी चाहिए। यदि कोई छात्र स्वतंत्रपूर्वक नहीं सोच सकता तो ये स्कूल/कॉलेज की नाकामी है। अतः सरकार स्कूल/कॉलेजों को प्रतियोगिता परीक्षाओं का भार न देकर उन्हें ज्यादा स्वायत्तता दे ताकि वो छात्रों के कौशल और व्यक्तित्व विकास पर ज्यादा ध्यान दे सकें

13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ प्रतियोगिता परीक्षा नहीं हो सकता। शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को सभ्य, शिक्षित और कौशलपूर्ण बनाना होता है। उनका IQ और EQ बढ़ाना होता है। उनका व्यक्तित्व विकास करना होता है। इनमें से कुछ छात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं को चुनते हैं। अतः हम सबको प्रतियोगिता परीक्षा के स्तर का नहीं पढ़ा सकते। अतः प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए स्कूल उचित जगह नहीं है। उसके लिए कोचिंग ही सही जगह है। स्कूल में होमवर्क नहीं दिया जाना चाहिए जिससे छात्र घर में अपनी रुचि के अनुरूप पढ़ सकें और कोचिंग जा सकें

13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

प्रदेश में जहां 90 प्रतिशत छात्रों के घरों में शिक्षा का माहौल नहीं है वहां उन्हें गाइडेंस की बहुत जरूरत है। अतः प्रदेश में प्राइवेट शिक्षण संस्थानों/कोचिंग/ट्रेनिंग सेंटर का बहुत महत्व है। सरकार को प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देना चाहिए। सिर्फ कोचिंग संस्थान ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ठीक से गाइड कर सकते हैं क्योंकि उनके पास वैसा मॉडल, शिक्षक और कंटेंट होता है। स्कूल और कोचिंग का अपना अपना महत्व है। अतः हम स्कूल को कोचिंग नहीं बना सकते उससे छात्रों को नुकसान ही होगा।

13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

यदि छात्रों की स्कूली शिक्षा ठीक से नहीं हुई तो बाद में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा निकालना मुश्किल होता है। यदि हम प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं का माहौल बनाना चाहते हैं तो हमे स्कूलों में शिक्षकों का स्तर बढ़ाना चाहिए। यदि किसी ने स्कूल कॉलेज में कुछ नहीं पढ़ा तो फिर वो 2-4 साल की कोचिंग से क्या कर लेगा? क्योंकि निबंध लेखन 2-4 साल में नहीं सीखा जा सकता इसके लिए पूरी स्कूली शिक्षा उस स्तर की होना चाहिए। हम स्कूलों में कोचिंग न दें बल्कि स्कूलों में जो विषय हैं वो अच्छे से पढ़ाएं।

13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

सरकार को अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से सोचना चाहिए। अर्थव्यवस्था अर्थात रोजगार। प्रायवेट शिक्षण संस्थान जिनमे स्कूल, कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर शामिल हैं ये करोड़ों लोगों को रोजगार देते हैं। इनके माध्यम से ही होस्टल, टिफिन, चाय, लायब्रेरी, स्कूल रिक्सा,किताब दुकान, फोटोकॉपी इत्यादि व्यवसाय से लोगों की रोजी रोटी चलती है। सरकार को प्राइवेट शिक्षण उद्योग को और सुविधाएं देना चाहिए जिससे लोगों को रोजगार मिले। अतः प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को ही कार्य करने देना चाहिए।

13900

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago

प्रतियोगी परीक्षा एक अर्थव्यवस्था है। हमे अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं से सरकार को भी कमाई होती है और कोचिंग संस्थानों के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है जिसमें होस्टल, टिफिन, बुक लायब्रेरी शामिल है। सरकार कोचिंग संस्थानों को बढ़ावा दे। सरकार पैसा न बांटे बल्कि लोगों को पैसा खर्च करने दे उससे अर्थव्यवस्था बढ़ती है। सरकार कोचिंग संस्थानों को सब्सिडी पर बिजली और भूमि प्रदान करे और कोचिंग को टैक्स फ्री करे करे। जब अच्छे कोचिंग आएंगे तो सिलेक्शन भी बढेंगे।

52660

Rashtrarishi KL Chouhan 3 years 7 months ago

UPSC एक लोककल्याणकारी पद के चयन की परीक्षा है, अतः अपने आपको उसके योग्य साबित करने हेतु ज्ञान व समझ विकसित करें।