रचनात्मक कोना
- Competitions on COVID-19 Appropriate Behaviour
- Creative Corner
- Creative Quarantine
- Department of Culture
- Department of Farmers welfare and Agriculture Development
- Department of Mines and Minerals
- Department of School Education - Madhya Pradesh
- Dil Se CM Radio Program
- Lok Seva Department
- Madhya Pradesh Tourism Department
- Smart City Bhopal
- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण
- कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग
- तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग
- नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग
- नया मध्यप्रदेश
- मध्य प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड
- मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
- मध्यप्रदेश वन विभाग की वन्यजीव शाखा
- मध्यप्रदेश सरकार का सफल 1 वर्ष
- माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश
- लोक स्वास्थ्य विभाग, मध्य प्रदेश
- संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण विभाग
- सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग
- स्तनपान शिशु के जीवन का आधार
Inviting suggestions to guide the youth for UPSC and MPPSC exams
Start Date: 13-10-2021
End Date: 29-10-2021
अपने सुझावों से प्रतिभाशाली युवाओं का करें मार्गदर्शन,
...
Hide details

Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
देश को आज जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है वो है सभ्य, शिक्षित और अनुशासित नागरिक। योग्य शिक्षक न होने से ये समस्या उत्पन्न हुई है। अतः सरकार योग्य शिक्षकों के चयन पर फोकस करे। योग्य शिक्षक न होने से ही छात्र नशा और अपराध की दुनिया में जा रहे हैं। हम स्कूलों को प्रतियोगिता का स्थान बनाने की वजाए व्यक्तित्व विकास का स्थान बनाएं जिसके लिए महान शिक्षकों की जरूरत है। लोगों ने कोरोना अनुशासन नहीं माना, वो अफवाहों में आ गए क्योंकि उनके शिक्षक अच्छे नहीं थे।
Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
स्कूल/कॉलेज का उद्देश्य व्यक्तित्व विकास और कौशल होना चाहिए। प्रतियोगिता परीक्षा स्कूल/कॉलेज का उद्देश्य नहीं हो सकते। ये छात्र का अपना उद्देश्य होता है जिसके लिए उचित जगह कोचिंग है। स्कूल/कॉलेज की सबसे बड़ी सफलता छात्र का स्वतंत्र व्यक्तित्व विकास मानी जानी चाहिए। यदि कोई छात्र स्वतंत्रपूर्वक नहीं सोच सकता तो ये स्कूल/कॉलेज की नाकामी है। अतः सरकार स्कूल/कॉलेजों को प्रतियोगिता परीक्षाओं का भार न देकर उन्हें ज्यादा स्वायत्तता दे ताकि वो छात्रों के कौशल और व्यक्तित्व विकास पर ज्यादा ध्यान दे सकें
Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ प्रतियोगिता परीक्षा नहीं हो सकता। शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को सभ्य, शिक्षित और कौशलपूर्ण बनाना होता है। उनका IQ और EQ बढ़ाना होता है। उनका व्यक्तित्व विकास करना होता है। इनमें से कुछ छात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं को चुनते हैं। अतः हम सबको प्रतियोगिता परीक्षा के स्तर का नहीं पढ़ा सकते। अतः प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए स्कूल उचित जगह नहीं है। उसके लिए कोचिंग ही सही जगह है। स्कूल में होमवर्क नहीं दिया जाना चाहिए जिससे छात्र घर में अपनी रुचि के अनुरूप पढ़ सकें और कोचिंग जा सकें
Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
प्रदेश में जहां 90 प्रतिशत छात्रों के घरों में शिक्षा का माहौल नहीं है वहां उन्हें गाइडेंस की बहुत जरूरत है। अतः प्रदेश में प्राइवेट शिक्षण संस्थानों/कोचिंग/ट्रेनिंग सेंटर का बहुत महत्व है। सरकार को प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देना चाहिए। सिर्फ कोचिंग संस्थान ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ठीक से गाइड कर सकते हैं क्योंकि उनके पास वैसा मॉडल, शिक्षक और कंटेंट होता है। स्कूल और कोचिंग का अपना अपना महत्व है। अतः हम स्कूल को कोचिंग नहीं बना सकते उससे छात्रों को नुकसान ही होगा।
Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
यदि छात्रों की स्कूली शिक्षा ठीक से नहीं हुई तो बाद में कोई भी प्रतियोगिता परीक्षा निकालना मुश्किल होता है। यदि हम प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं का माहौल बनाना चाहते हैं तो हमे स्कूलों में शिक्षकों का स्तर बढ़ाना चाहिए। यदि किसी ने स्कूल कॉलेज में कुछ नहीं पढ़ा तो फिर वो 2-4 साल की कोचिंग से क्या कर लेगा? क्योंकि निबंध लेखन 2-4 साल में नहीं सीखा जा सकता इसके लिए पूरी स्कूली शिक्षा उस स्तर की होना चाहिए। हम स्कूलों में कोचिंग न दें बल्कि स्कूलों में जो विषय हैं वो अच्छे से पढ़ाएं।
Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
सरकार को अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से सोचना चाहिए। अर्थव्यवस्था अर्थात रोजगार। प्रायवेट शिक्षण संस्थान जिनमे स्कूल, कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर शामिल हैं ये करोड़ों लोगों को रोजगार देते हैं। इनके माध्यम से ही होस्टल, टिफिन, चाय, लायब्रेरी, स्कूल रिक्सा,किताब दुकान, फोटोकॉपी इत्यादि व्यवसाय से लोगों की रोजी रोटी चलती है। सरकार को प्राइवेट शिक्षण उद्योग को और सुविधाएं देना चाहिए जिससे लोगों को रोजगार मिले। अतः प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को ही कार्य करने देना चाहिए।
Akhilesh Khare 3 years 7 months ago
प्रतियोगी परीक्षा एक अर्थव्यवस्था है। हमे अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं से सरकार को भी कमाई होती है और कोचिंग संस्थानों के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है जिसमें होस्टल, टिफिन, बुक लायब्रेरी शामिल है। सरकार कोचिंग संस्थानों को बढ़ावा दे। सरकार पैसा न बांटे बल्कि लोगों को पैसा खर्च करने दे उससे अर्थव्यवस्था बढ़ती है। सरकार कोचिंग संस्थानों को सब्सिडी पर बिजली और भूमि प्रदान करे और कोचिंग को टैक्स फ्री करे करे। जब अच्छे कोचिंग आएंगे तो सिलेक्शन भी बढेंगे।
Rashtrarishi KL Chouhan 3 years 7 months ago
UPSC एक लोककल्याणकारी पद के चयन की परीक्षा है, अतः अपने आपको उसके योग्य साबित करने हेतु ज्ञान व समझ विकसित करें।
Rashtrarishi KL Chouhan 3 years 7 months ago
सर्वहित, आनंदमयी, समृद्धि ही जीवन की सफलता है।
-राष्ट्रऋषि
krishnapal solanki 3 years 7 months ago
Kosis karne ballo Ki kabhi har
nahi hoti is liye menat karte
rahe.