'गुड सेमेरिटन' - घायलों की मदद करने वालों को प्रोत्साहित करने की योजना के लिए सुझाव दें
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योजना का उद्देश्य — मोटर यान सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर में जान बचाने के लिए अस्पताल /ट्रामा केयर सेंटर ले जाने के लिए आम लोगों (गुड सेमेरिटन) को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना आरंभ की जा रही है। ताकि आम जनता इससे प्रेरित होकर दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जान बचाने सामने आए ताकि सड़क दुर्घटनाओं में मृत्युदर में कमी लाई जा सके। इस योजना के अंतर्गत 'गुड सेमेरिटन' को 5 हजार रुपए नगद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
जीवन कीमती है और इसका मूल्य तब पता चलता है, जब किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति मदद की गुहार लगा रहा होता है। अगर इनको तुरंत ही (गोल्डन ऑवर) में अस्पताल पहुंचा दिया जाए या उन तक चिकित्सा सुविधा पहुंचा दी जाए तो इनकी जान बचाई जा सकती है।
ऐसे में हमारे आस-पास कुछ ऐसे नेक व्यक्ति (गुड सेमेरिटन ) होते हैं जो मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाकर घायल को तुरंत अस्पताल ले जाते हैं। अब इन नेक व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ,भारत सरकार द्वारा मोटर यान दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर में अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर पहुंचाकर जान बचाने के लिए प्रोत्साहन अवार्ड योजना नाम दिया गया है।
सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को नेक व्यक्ति (गुड सेमेरिटन ) द्वारा सीधा अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर ले जाया जाता है तो उस व्यक्ति के बारे में डॉक्टर द्वारा स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाएगा। पुलिस द्वारा गुड सेमेरिटन का पूर्ण पता, घटना का विवरण, मोबाइल नंबर आदि एक अधिकृत लेटरपेड पर निर्धारित प्रारूप में लिख कर एक प्रति गुड सेमेरिटन को दी जाएगी एवं एक प्रति जिला अप्रेजल कमेटी को भेजी जाएगी।
जिला अप्रेजल कमेटी द्वारा पुलिस थाना, अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर द्वारा जानकारी प्राप्त होने पर प्रकरणों की समीक्षा कर गुड सेमेरिटन अवार्ड प्रदान करने के लिए निर्णय लिया जाएगा। इस प्रकार चयनित प्रकरणों की सूची को राज्य परिवहन आयुक्त को भेजा जाएगा। यह जानकारी केवल पारितोषक राशि देने के लिए ही दी जावेगी, अन्य किसी कार्य के लिए नहीं|
राज्य परिवहन आयुक्त द्वारा सीधे गुड सेमेरिटन के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि जमा कर दी जाएगी।
पुलिस ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI), पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा इस नेक काम में जन-भागीदारी सुनिश्चित करने और इस योजना को बेहतर बनाने के लिए सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।
'गुड सेमेरिटन'- घायलों को तुरंत मदद उपलब्ध कराने के इस अभियान को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव यहां comment box में साझा कर सकते हैं।
SANJAY KUMAR BUNKAR 3 years 7 months ago
विश्व में सड़क यातायात में मौत या जख्मी होना कुछ बहुत बड़ी परेशानियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष 10 लाख से अधिक लोग सड़क हादसों के शिकार व्यक्ति की मौत हो जाती है। इस संगठन के द्वारा एक जानकारी वर्ष 2004 में प्रकाशित की गई। जिसके अनुसार लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु और 5 करोड़ लोग इसके कारण इस वर्ष घायल हुए हैं। इसमें से सबसे अधिक मौतें 10 से 19 वर्ष के लोगों के हुए हैं। इस जानकारी के अनुसार अधिक विकासशील देशों में यह समस्या और भी अधिक खतरनाक है।
Dinesh kumar sharma 3 years 7 months ago
सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र की गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना कई लोगों की जिंदगी बचाने में मददगार साबित होगी।इसमें पीड़ितों को स्वर्ण घंटे (शुरुआती बेशकीमती समय जब पीड़ितों के अस्पताल पहुंचाए जाने पर उसकी जान बचने की काफी गुंजाईश रहेगी।सरकार घायल को अस्पताल में लाने के तत्काल बाद उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
Govind Sharma 3 years 7 months ago
कई बार हम देखते हैं शहर के लोगों में नैतिकता का गुण होता है जिसके कारण वह दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को सबसे पहले प्राथमिक उपचार के लिए रोगी को प्राथमिक उपचार केंद्र पर भेजा जाता है जिससे उसका उपचार किया जा सके तथा उसकी जान बचाई जा सके। तथा उसके विपरीत भी गांव के लोगों के अंदर नैतिकता का अभाव होने के कारण कई बार लोग रोगी की मदद किए बगैर वहां से चले जाते हैं उनके अंदर शिक्षा का अभाव होने के कारण या मानसिकता होती है हमें सरकार कागजी जी कार्य में बार-बार परेशान किया जाएगा
Govind Sharma 3 years 7 months ago
सरकार द्वारा चलाए जा रहे गुड सेमेरिटन इस योजना का तहे दिल से स्वागत करते हैं। कई बार लोग अनैतिकता के नाते शासन की अभाव कारी उलझनों से छुटकारा पाने के लिए नैतिकता भूलकर और मानवीय हो जाते हैं जिसके कारण वे सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को किसी भी प्रकार की मदद किए बगैर वहां से चले जाते हैं और जिसके कारण कई बार घायल व्यक्ति को मदद ना मिलने या प्राथमिक उपचार ना मिलने के कारण अभावग्रस्त रूप से उसकी मृत्यु हो जाती है ऐसी विडंबन कारी स्थिति से निपटने के एक मानवीय कार्य किया है
Govind Sharma 3 years 7 months ago
किसी भी प्रकार की दुर्घटना से गंभीर हालत में घायल व्यक्ति को सबसे पहली प्राथमिकता होती है कि उसे प्राथमिक उपचार मिले जिससे उसकी जान बच सके दुर्घटना किसी भी हो किसी भी स्थान पर हो गलती चाहे किसी की भी हो या ना भी हो लेकिन आम जनमानस को मानवता के नाते प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि घायल व्यक्ति को बिना किसी तेरी यादों की सबसे पहले प्राथमिकता घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार दिया जाए जिससे उसे मृत्यु से बचाया जा सके यदि उसके सर में कोई गंभीर चोट हो जिससे ब्लड को रोककर मृत्यु से बचाया जा सकता है
Santanu Datta 3 years 7 months ago
Even the person who first teliphone to police or hospital to save a person in golden hour also should be honoured and given prize.