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‘नेकी की दीवार’ कार्यक्रम के लिए अपने विचार साझा करें

Start Date: 21-10-2019
End Date: 10-12-2019

‘नेकी की दीवार’- राज्य आनंद संस्थान, आध्यात्म विभाग मध्यप्रदेश ...

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‘नेकी की दीवार’- राज्य आनंद संस्थान, आध्यात्म विभाग मध्यप्रदेश द्वारा दूसरों की मदद करने की एक पहल है। इसके लिए विभाग आपके महत्वपूर्ण विचार आमंत्रित करता है।

कहते हैं संसार में सबसे सुखी वही है, जो दूसरों को कुछ देने में विश्वास रखता है; और यह बात समाज द्वारा भी मानी गई है कि सच्ची खुशी का सार दूसरों की मदद करने में ही निहित है। विभिन्न प्रयोगों से भी पता चलता है कि दूसरों की मदद करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में न केवल खुश रहता है, बल्कि स्वस्थ और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण भी रहता है।

खुशी के इसी विचार को ध्यान में रखते हुए राज्य आनंद संस्थान, आध्यात्म विभाग मध्यप्रदेश ने ‘आनंदम’ नामक एक पहल की शुरूआत की है, जिसका उद्देश्य जरूरत मंदों को उनकी आवश्यकता का सामान उपलब्ध करवाना तथा सामग्री देने वाले व्यक्ति को ‘Joy of Giving’ का अनुभव कराना है। 'नेकी की दीवार' इसी का एक रूप है, जिसमें आमजन को उनके घरों में उपलब्ध अनावश्यक दैनिक उपयोग की वस्तुओं को जरुरत मंदों के साथ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया जाता है। आज प्रदेश भर में 170 से अधिक ऐसे स्थान हैं जो स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं।

इस कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए अपने विचार व सुझाव साझा करें।

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194 Record(s) Found

Deepak Singhal 5 years 12 months ago

नेकी की दीवार बहुत अच्छी पहल है,पर इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे,मेने कई शहर में ये प्रोग्राम देखे है,पर कुछ समय बाद ये बंद हो जाते है,इसलिए सरकार ओर संस्थानों को सुरक्षा के पूरे मापदंड रखने चाहिए,जैसे ये प्रोग्राम हमेशा हॉस्पिटल,रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड के पास चलाने चाहिए,जिससे वहां पर को गरीब लोग है उनके काम आ सके,ओर इसको नियामत करना चाहिए ।।

V K TYAGI 5 years 12 months ago

नेकी की दीवार का विचार अच्छा है यह दोनों लेने वालो व देने वालो के लिए अच्छा है इस प्रकार की दीवार प्रत्येक शहर में होनी ही चाहिए

Jayesh Humbal 5 years 12 months ago

The first wall of kindness was started by an anonymous Iranian when the economy of Iran was hit and unemployment was on the rise. Many people could not buy clothes and so the idea was born in order to meet the demand for resources from charities. The wall in this case symbolised unity instead of separation and the community came together to donate clothes which they had no further need for.

Jayesh Humbal 5 years 12 months ago

The wall of kindness is a charity work phenomenon, during which unwanted clothes are hung on a wall and collectively make the wall one of kindness. These clothes – mainly winter ones – or other objects, such as books in good condition, can then be taken freely by anyone who needs them.

Manisha Dhurve 6 years 3 days ago

बच्चो को शिषा के लिए पेन,कॉपी एंव जरूरतमंदो को ठंड से बचाव के लिए नए वा पुराने गर्म कपडे़ दिए जा सकते है।बिमारो को दवाई भी दिया जाना चाहिए।परोपकार सबसे बडा़ धर्म है ,हर व्यति को अपनी तरफ से यह कार्य करना चाहिए।

Rahul 6 years 3 days ago

ऐसी कोई जरूरत की चीजें जो आपके उपयोग में नहीं आ रही हो और वो चीज किसी दूसरे के लिए जरूरी हो तो उसको किसी जरूरतमंद को दे देना चाहिए।सभी साक्षर लोगो को इस पहल में भागीदार बनना चाहिए।

Rahul 6 years 3 days ago

बहुत ही उत्तम पहल है अपने सामाजिक योगदान और सामाजिक उत्तदायित्व को समाज के लिए निर्वहन करना चाहिए।नेकी की दीवार के माध्यम से युवा शक्ति जुड़ेगी और अच्छे परिणाम भी आयेंगे।सभी को अपने देश,प्रदेश और समाज के निर्माण में भागीदार बनना चाहिए।

Surbhi Soni 6 years 3 days ago

Ye diwar har muhalle me honi chaiye.Or is program me har muhalle k 4 5 volunteers hone chaiye.Ye volunteer student's, old,koi v ho sakta h.Logo ko btana chaiye ki agar unke paas koi aesi cheej h jo vo use na karte ho jese kapde vo yha de sakte h.
Or Jaruratmand bacche bude iska use kar sakte h.
Isse logo ko dusro ki madad krne ki prerna v milegi or dusre ki madad v ho jayegi.
Agar muhalle me koi jarurtmand nhi pahuch pata h.To gaon me 2 3 jagah ye cheeje ko batne jana chaiye jaha pr gareb h.