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सड़कों पर ट्रैक्टर-ट्राली की आवाजाही से होने वाली दुर्घटनाओं से कैसे बचा जाए?
Start Date: 13-07-2020
End Date: 31-10-2020
अक्सर यह देखा गया है कि लोग शादी-बारात, मेले, धार्मिक स्थलों पर होने ...
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pravin chouhan 5 years 2 months ago
Reflector lagwana chahie
Tractor ki trali ka shi upyog karna chahie
Tractor ko Dhyan se Dhire chalana chahie
Chala de Samay Pahad savdhaniyan rakhni chahie
manoj kushwah 5 years 2 months ago
मेरी जानकारी से ये पॉइंट होसक्ते है
1. सभी ट्रालियों के पीछे अन्य वाहनो की तरह बॅक लाइट एंड साइड लाइट लगानी चाहिए
2. सभी ट्राली के साइड्स एंड बॅक मे रिफलेक्टर लगाए जाए
3. अन्य वाहनो की तरह ओवर लोडिंग की लिमिट की जाए
4. किसान मित्र बनाए जाए जो साल या 6 माह बाद चेक करे
HARISH SINGH GURJAR 5 years 2 months ago
मालूम हो कि ट्रैक्टर के साथ दौडऩे वाली ट्रालियों में लाइट की व्यवस्था नहीं रहती है। जबकि सामने से आ रहे वाहन चालक ट्रैक्टर की रोशनी देकर साइड दे देते हैं। ओवर टैकिंग के दौरान ट्रैक्टर के पीछे से आ रहे वाहन के ट्राली से दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनीं रहती है। यही वह कारण है कि इन वाहनों में रिफ्लेक्टर लगाए जाने से दूसरे वाहन चालक को चमकेंगे और कोई सड़क दुर्घटना नहीं होगी। इसके लिए नियम भी है।
Nitesh Pandey 5 years 2 months ago
ट्रैक्टर खेती के लिए बनाया गया है।पर आज किसान भाई आवागमन के लिए इसका उयोग करते है। नागरिकों को कुशल चालक की खोज करना चाहिए।और ट्रॉली पर सवारी करने पर बचना चाहिए।
Dr Dinesh Choudhari 5 years 2 months ago
Trolley ke Charo aur radium chipkana chahiye. Jisase ratri me reflection ho, aur pichhe vahan Chalak aasani se dekh sakega.
ANAND PANCHAL 5 years 2 months ago
3 . ट्रेक्टर और ट्राली के बिच अत्यधिक गैप होना |
4 . ट्रॉली का ट्रेक्टर से अधिक चौड़ा होना जिससे पीछे वाले वाहन को देखने में असमर्थता | आदि अनेक कारण है जो वैज्ञानिक सुधारों द्वारा ट्रेक्टर में परिवर्तन से संभव है |
धन्यवाद मध्यप्रदेश सरकार
ANAND PANCHAL 5 years 2 months ago
माननीय मध्यप्रदेश सरकार , में एक किसान का पुत्र हूँ तथा में ट्रेक्टर ट्राली की उपयोगिता को बहुत करीब से समझता हूँ , हम स्वीकार करते है कि ट्रेक्टर ट्राली वर्तमान समय में दुर्घटना के महत्वपूर्ण भाग बन चुके है और इस समस्या का निराकरण यही है कि सरकार निम्नलिखित बिंदुओं का समाधान ढूँढे ,
1 . ट्राली के पीछे हेडलाइट नहीं होती जिससे पीछे चलने वाले यात्री अक्सर दुर्घटना का शिकार जाते है |
2 . पीछे चलने वाले वाहक द्वारा हॉर्न बजाये जाने पर ट्रेक्टर चालाक को सुनाई न देना |
ARYAN SHARMA 5 years 2 months ago
सड़क हादसे में एक नही हमेशा दोनों पक्षों का घाटा होता है ऐसे में कल्पना करके रूह भी काप जाती है की अगर कोई बेटा कई वर्षो बाद अपनी माँ से मिलने जा रहा होता है और उसके साथ ये घटना हो जाये तो...
ये एक नहीं कईयों के पीढ़ी का अंत कर सकता है ऐसे में आपकी भूमिका है की आप एक मूल नागरिक की तरह वाहन नियमों का पालन करे,दो मिनट ट्रैफिक में ही सही पर दो महीने अस्पताल में गुजारने से बढ़िया ही तो है|अपनी भूमिका को स्वयं समझे क्यूंकि
..........................""आप बड़े हो गये है गाड़ी चलने लायक"".................
Bharat Meena 5 years 2 months ago
माननीय मेरा मत है कि ट्रैक्टर ट्राली देश के किसानों के उपयोग मे आने वाली एक ऎसी मशीन है जिसके आने के बाद से किसानों की समय की काफी बचत हुई है। ऎसे मे हम इनपर पूर्णत प्रतिबंध भी नहीं लगा सकते क्यो कि बहुत बड़ी मात्रा मे किसान अपनी फसलों को मंडियों मे पहुचाने में इनका उपयोग करते है। लेकिन ऎसे कुछ नियम हम बना सकते है जिससे एक तरह से हम दुर्घटनाओं की संभावना को कम कर सकते हैं।जेसे की... 1बहुत जादा मात्रा मे हम माल को ट्रैक्टर पर ना लादे।
2. ट्रैक्टर बजने वाले ध्वनिविस्तारक यंत्रों को सड़को पर रोक।
Amit Kumar Tiwari 5 years 2 months ago
ट्रेक्टर ट्रालियों और मालवाहक वाहनों को रात्रि में ही माल डिलीवरी की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि दिन के समय यातायात अधिक होने की वजह से दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है इसलिए ट्रेक्टर ट्राली और मालवाहक वाहनों को रात्रि में ही माल ढोने की अनुमति दी जानी चाहिए।