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सही समय पर स्तनपान शिशु स्वास्थ्य के लिए है वरदान

Start Date: 23-07-2019
End Date: 26-08-2019

जब किसी घर-परिवार में नवजात शिशु का जन्म होता है तो पूरा घर शिशु की ...

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जब किसी घर-परिवार में नवजात शिशु का जन्म होता है तो पूरा घर शिशु की मीठी किलकारी से गूंजने लगता है... सभी उसकी बलाएँ लेते हैं... परिवार में जन्म लेने वाला शिशु अपने साथ माँ-पिता व परिवार के लिए खुशियों एवं उम्मीदों का खजाना लेकर आता है। सभी चाहते हैं कि नवजात को कोई भी बीमारी न हो और वह खूब तन्दरुस्त, बलशाली और बुद्धिमान बने।

लेकिन थोड़ी सी लापरवाही नवजात शिशु को कमजोर और कुपोषित बना देती है। डॉ. के अनुसार जन्म के तुरंत बाद बच्चे को माँ का पीला, गाढ़ा दूध यानि खीस (कोलस्ट्रम) जरूर दिया जाना चाहिए। यह बच्चे का पहला टीका है। मानव जीवन में केवल एक ही बार, जन्म के तीन दिनों तक ही बच्चे को माँ से खीस (कोलस्ट्रम) मिलता है। यदि यह मौका निकल गया तो जीवन भर इसका कोई विकल्प नहीं। शिशु को जन्म से एक घंटे के भीतर ही स्तनपान शुरू कराके जीवन के पहले ही महीने होने वाली 5 में से 1 बाल मृत्यु को रोकी जा सकती है। कोलस्ट्रम में अनेकों वृद्धिकारक तत्व हैं जो प्रोटीन से भरपूर होता है, जो शिशु की आँतों की परिपक्वता में सहायक होता है। इम्यूनोग्लोबिन होने के कारण कोलस्ट्रम जीवन रक्षक है, जो शिशु को संक्रमण व एलर्जी से बचाता है एवं शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता करता है।

आंकड़े दर्शाते हैं कि हमारे प्रदेश में प्रति वर्ष जन्म लेने वाले 14 लाख बच्चों में से केवल 4.8 लाख बच्चों को ही जन्म के तुरन्त बाद जीवन रक्षक खीस (कोल्सट्रम) मिलता है। बाकी के 9.2 लाख बच्चे इससे वंचित ही रह जाते हैं, यानि हमारे प्रदेश के इतने बच्चे खतरे में हैं और सही समय पर स्तनपान के अभाव में कुपोषण से जूझ रहे हैं।
• प्रदेश में लगभग 80.08 प्रतिशत संस्थागत प्रसव होते हैं, इनमें से 93.08 शहरी क्षेत्रों में एवं 76.04 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव होते हैं।
• शहरी क्षेत्रों में 42.07 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 38.0 प्रतिशत सिजेरियन होते हैं। संभवतः सिजेरियन प्रसव के बाद जन्म के तुरंत बाद स्तनपान की शुरुआत नहीं हो पाती है।

इन सबके पीछे कारण कुछ भी हो सकते हैं... नर्सिंग होम में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, परिवार के सदस्य, पति की अज्ञानता; लेकिन सोचिए ये लापरवाही शिशु के स्वास्थ्य को कितने खतरे में डाल देती है!
अत: नवजात शिशु के स्वास्थ्य के प्रति उसके माँ के साथ-साथ परिवार के सभी सदस्यों की भी ज़िम्मेदारी है कि जन्म से एक घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत कराएं, एक भी बच्चा इस से वंचित न रह पाए।

इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्य प्रदेश इन दिनों "जन्म के पहले घंटे में स्तनपान क्यों नहीं कराया जा रहा है और इसका समाधान क्या होना होना चाहिए?" यह जानने के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर आपके विचार जानना चाहता है:
• परिवार के सभी सदस्यों को शिशु के सही समय पर स्तनपान के प्रति जिम्मेदार कैसे बनाएं।
• कितने लोग जानते हैं कि शिशु के जन्म के तुरंत बाद उसे स्तनपान कराना ज़रूरी है।
• नवजात शिशु कैसा भी हो जन्म के तुरंत बाद उसके लिए माँ का गाढ़ा दूध खीस (कोल्सट्रम) बहुत आवश्यक है।
• समाज में लोगों को इसके प्रति जागरूक कैसे किया जाए।
• नर्सिंग होम को इसके लिए जागरुक कैसे करें।

अपने महत्वपूर्ण विचार व सुझाव mp.mygov.in पर साझा करें। आपका यह योगदान निश्चित ही मध्यप्रदेश को सुपोषित एवं विकसित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।

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35 Record(s) Found

sandip ghayal 6 years 1 month ago

Responsibility should be fixed to maternity hospital where the children born.counselling should be given by doctors,nurses etc.about Breastfeeding. equipment like artificial breast pumps must be available in every hospital of the state

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