You don't have javascript enabled. Please Enabled javascript for better performance.

"विद्या दान" बेस्ट एक्सपीरिएंस शेयरिंग - 2017

Start Date: 06-10-2017
End Date: 15-03-2018

इंदौर संभाग में विगत तीन वर्षों से जारी "विद्या दान" अभियान के तहत अब ...

See details Hide details

इंदौर संभाग में विगत तीन वर्षों से जारी "विद्या दान" अभियान के तहत अब तक 2455 वॉलंटियर्स ने 6 महीने तक सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ अपने ज्ञान को साझा किया। जिसकी वजह से छात्रों के मनोबल में वृद्धि होगी, सपनों को हकीकत में बदलने का विश्वास मिलेगा और नए भविष्य का निर्माण होगा।

आपने इस अनुभव को स्वयं महसूस किया है, जो हमारे लिए बहुमूल्य है. विद्यादान अभियान अपने समस्त वॉलंटियर्स से उनके अनुभव, सफलता, या सुझाव आमंत्रित करता है. साथ ही, बतायें कि बच्चों को और अधिक लाभ कैसे मिल सकता है, और ज्यादा से ज्यादा वॉलंटियर इस योजना से कैसे जुड़ सकते हैं।

आपके द्वारा प्रेषित सुझाव और प्रेरक गाथाओं को प्रकाशन और वेबसाइट में स्थान देने के साथ विद्यादान अभियान द्वारा के पुरुस्कृत भी किया जायेगा. चयनित सुझावों को इस अभियान के सूत्रधार श्री संजय दुबे (आयुक्त- इंदौर संभाग) द्वारा क्रियान्वयन में अमल में लाया जायेगा

आपके द्वारा स्कूल में बच्चों के साथ किये गए संवाद / सह-शैक्षणिक गतिविधियों के रोचक एवं प्रेरणादायी संस्मरण नीचे कमेन्ट बॉक्स में आप अपने बहुमूल्य सुझाव दें :-

All Comments
Reset
17 Record(s) Found

Lal Singh Bani 8 years 4 days ago

I think our students are very poor in English. In schools where 11 to 14 age group students study called Upper Primary school have no English Teacher. So I wrote three books namely 'Glossary' that students can find pronunciation and meanings of difficult words easily. These books are also helpful for teachers also. These books are based on English Text book of Government schools in Uttarakhand government although I didn't got any support from government. I distributed free of cost to students.

Harsh Kumar 8 years 1 week ago

Jise jo prdhna h use wo pdhaya jaye, kyun kisi ko Artist bnna h to use Chemistry pdhai jati h, kyun hta h ye hmare desh me. Har kisi ko ek basic shiksha milni chahiye har cheez ki lekin jb wo krna hi kuch or chahta h to use itna sb kyun pdhaya jata h. Mai bs ye chahta hu k har kisi ko uski marzi ki shiksha mile, iske liye kuch suvidhayein krni chahiye thode badlaav krne hnge hmare education system me agar is desh ko bhot bhot bhot aage leke jana h to.
BASIC edu. then the edu. one wants to opt.

Ghanshyam Chandrode 8 years 1 week ago

Kaksha 8th tak sbhi shalao me vigyan evm samajik vigyan vishay ko behatar dhang se samjhane k liye paryapt practical material hona chahiye aavashykta ke aadhar pr bachcho ko adhik se adhik field me me jakr samjhaye ,,,,avadharanao ko samjhana aasan hoga aur 9th k lite NIV mjbut hogi.

chandra bhooshan mishra 8 years 1 week ago

स्वास्थ्य विभाग की ANM को सरकारी वालंटियर बनाया जाय।वे प्रतिदिन अलग अलग स्कुलो में अपने कार्यक्षेत्र अनुसार शिड्यूल बनाकर 1 घंटे स्वच्छता सम्बन्धी कक्षा लगाएं।मिडिल से ऊपर की कक्षाओं में बालिकाओं की अलग क्लास लेकर शारीरिक विकास परिवार नियोजन जन संख्या वृद्धि आदि विषयों सहित स्वच्छता का पथ पढ़ाया जाय।

chandra bhooshan mishra 8 years 1 week ago

कक्षा पहली से रोजगार परक शिक्षा दिया जाना जरूरी है।वालंटियर स्कुल समय में प्रहायें,यह ठीक नही.।इससे स्कूल के शिक्षकों में अकर्मण्यता आएगी।स्कूल समय सुबह 8 से 2 बजे तक करके उसके बाद पढ़ ने की इच्छा रखने वालों को कई भाषाओँ का ज्ञान दिया जाय।इससे आगे चलकर पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। कृषि और प्रसंस्करण का सरल भाषा में ज्ञान दिया जाये। इससे बेरोजगारी की दशा में उन्नत तक्नीक से खेती कर सकेंगे।किसानों को भी आगे चलकर तक्नीक का ज्ञान मिल सकेगा।अच्छा नागरिक बनाने के लिये क़ानून का ज्ञान कराया जाये।

Rajendra jatav 8 years 1 week ago

माननीय उच्च आयुक्त इंदौर संभाग मध्यप्रदेश में शिक्षा स्तर की बात की जाये उतना ही कम है लेकिन अभी हाल ही में शिक्षा में बहुत ही सुधार हुआ है । जैसे की बच्चों को पढाई में सिखने के लिए बुक की जरुरत नही जितना वो देख कर सिख सकते है । उतना बुक से नही सिख पायँगे। महोदय जी से विनम्र निवेदन करता हूँ की आप डिजिटल इंडिया के तहत स्कूल में प्रोजेक्टर माध्यम से पाढाया जाए। बच्चों को बस्ते का बोझ भी कम होगा । और शिक्षा स्तर और भी 1 पर होगा।
धन्यवाद

  •