रचनात्मक कोना
- Competitions on COVID-19 Appropriate Behaviour
- Creative Corner
- Creative Quarantine
- Department of Culture
- Department of Farmers welfare and Agriculture Development
- Department of Mines and Minerals
- Department of School Education - Madhya Pradesh
- Dil Se CM Radio Program
- Lok Seva Department
- Madhya Pradesh Tourism Department
- Smart City Bhopal
- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण
- कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग
- तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग
- नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग
- नया मध्यप्रदेश
- मध्य प्रदेश इको पर्यटन विकास बोर्ड
- मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
- मध्यप्रदेश वन विभाग की वन्यजीव शाखा
- मध्यप्रदेश सरकार का सफल 1 वर्ष
- माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश
- लोक स्वास्थ्य विभाग, मध्य प्रदेश
- संचालनालय, खेल एवं युवा कल्याण विभाग
- सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग
- स्तनपान शिशु के जीवन का आधार
वित्तीय धोखाधड़ी एवं अपराध संबंधी परिचर्चा
Start Date: 28-11-2020
End Date: 07-02-2021
हम सभी जानते हैं कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेज गति से ...
Hide details

RAVI KHAVSE 4 years 4 months ago
वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए व्यक्ति का
जागरूक होना आवश्यक है।
VIJAY KUMAR VISHWAKARMA 4 years 4 months ago
जैसे पीने का पानी घड़े से जग या लोटे में फिर जग या लोटे से गिलास में निकाला जाता है ऐसे ही वित्तीय खातों में व्यवस्था से हो तो बडी धोखाधड़ी से समय रहते बचा जा सकता है, अर्थात धोखाधड़ी करने वालों को सीधे आपके घड़े यानि मुख्य पूंजी तक पहुंच से रोका जा सकता है । व्यक्तिगत स्तर पर मेन एवं सहायक खाता खुलवाया जा सकता है, बैंक आदि संस्था चाहें तो एक ही खाते में दोहरी व्यवस्था कर निकासी हेतु बैरियर का इंतजाम कर सकती हैं ।
Pankaj Choudhary 4 years 4 months ago
भारत में बढ़ते बाजारवाद के दौर में बेशक उपभोक्ता संस्कृति में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन अभी भी उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी है। वस्तुओं में मिलावट, दूसरों को धोखा देकर अपना उल्लू सीधा करना,व्यापारियों द्वाराअधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिए अनैतिक तरीकों को अपना कर ठगना, तथा भ्रामक एवं मिथ्या विज्ञापनों के द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाने की प्रवृत्ति बहुत बढ़
Dharmveer yadav 4 years 5 months ago
भारत में बढ़ते बाजारवाद के दौर में बेशक उपभोक्ता संस्कृति में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन अभी भी उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी है। वस्तुओं में मिलावट, दूसरों को धोखा देकर अपना उल्लू सीधा करना,व्यापारियों द्वाराअधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिए अनैतिक तरीकों को अपना कर ठगना, तथा भ्रामक एवं मिथ्या विज्ञापनों के द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाने की प्रवृत्ति बहुत बढ़ गई है।
ऐसे में उपभोक्ता को अनेक दिक्कतों व परेशानियों का सामना करना पड़त रहा था। उपभोक्ता को शोषण से बचाने के लिए ही 24 दिसम्बर 1986 को उपभोक्ता संरक्ष
Hareesh Kumar 4 years 5 months ago
Mere Sath Bharti mein Main galat tarike se paise liya Gaya Yah Ek Manavta Ka Galat upyog Kiya Gaya Jaise vyakti Vishwas Nahin Rakhta kisi ke upar Ye Dhokha Dhadi ka Kam hai ise Saja Milana chahie
Avi Kumar 4 years 5 months ago
महोदय जिस प्रकार से देश और दुनिया डिजिटल होते जा रहे है ठीक उतने ही तेजी से डिजिटल में अपराध भी बढ़ते जा रहे है। आये दिन paytm ऑफर तो कभी लकी ड्रा के नाम पर सीधे लोगो से ठगी भी किया जा रहा है। ऐसे अपराधों पर कड़ी से कडी कारवाही होनी चाहिए। हमारा ब्लॉग भी देखे https://hindimeto.com/
ARUN KUMAR TIWARI 4 years 5 months ago
मान्यनीय महोदय जी, वित्तीय धोखाधड़ी में चिटफंड कंपनी और सायबर अपराध मुख्य भूमिका निभाते है। जिसकी जानकारी आमजनमानस को नही होने के कारण बड़ी संख्या में लोग ठगी का शिकार बन जाते है । लुभावने वेड करके ठगी का प्रयास किया जाता है
Gagan kaur 4 years 5 months ago
इस तरह की धोखा घड़ी से केवल एयर केवल जनता की जागरूकता ही जानता को बचा सकती है तथा बैंक फाइनेंस से जुडी संस्थाएं आम जनता को धोखे से जुड़े सभी पहलुओं पर फ्री जागृक्क्त देनी अनिवार्य करे जिससे इन कंपनी के ग्राहक को भी बचाव मिले
rohitkumarsingh 4 years 5 months ago
hamari artha vevasta teji se kam ho rahi he ise rokne ke liye new ideas he mere pass chaye he to reply kre mere is comment ka
SANJAYYADAV 4 years 5 months ago
मेरे घर के सामने का आम रास्ता जो मुख्य मार्ग से लगभग 300 मीटर अंदर है जिसकी चौड़ाई लगभग 25 फीट हैं जिसको प्रारम्भ के भू स्वामियों के द्वारा कब्जा कर वर्तमान में शेष 10 फीट का रहने दिया है