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वित्तीय धोखाधड़ी एवं अपराध संबंधी परिचर्चा

Start Date: 28-11-2020
End Date: 07-02-2021

हम सभी जानते हैं कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेज गति से ...

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हम सभी जानते हैं कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसके अलावा हमारे देश में आर्थिक विषमता भी बहुत ज्यादा है, जिसके कारण समाज के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के प्रभावित होने की सम्भावना सबसे अधिक है। हाल ही के दिनों में अनेक प्रकार के आर्थिक घोटाले सामने आए हैं जैसे- चिटफण्ड, वित्तीय संस्थाओं के घोटाले।

सहकारी संस्थाओं के अलावा प्रदेश में राष्ट्रीयकृत व निजी क्षेत्र में स्थित बैंक, चिटफण्ड कंपनियों एवं गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं, स्वैच्छिक संगठनों जैसे- ट्रस्ट, एनजीओ तथा व्यक्तियों द्वारा भी आम जनता के साथ अथवा इन संस्थाओं में भी आर्थिक अनियमितताओं एवं धोखाधड़ी करने के प्रकरण प्रकाश में आये हैं।

मध्यप्रदेश भी आर्थिक विषमता के कारण अन्य प्रदेशों की तरह धोखाधड़ी के अपराधों के प्रति उतना ही प्रभावित है। इस तरह के वित्तीय घोटालों के कारण देश की अर्थव्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रही है तथा निवेशकों की दृष्टि में प्रदेश की भी नकारात्मक छवि बन रही है।

वित्तीय अपराध, को-ऑपरेटिव फ्रॉड, लोक सेवा गारंटी एवं सूचना का अधिकार, पुलिस मुख्यालय भोपाल, मध्यप्रदेश किसी भी वित्तीय अपराध एवं धोखाधड़ी से पीड़ित नागरिकों को दोषियों को दण्डित करवाकर उन्हें न्याय दिलाने में मदद करता है। यदि आपके साथ भी इस तरह की वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो आप विभाग से शिकायत कर सकते हैं।

विभाग के साथ-साथ एक नागरिक के रूप में हमारी भी जिम्मेदारी है कि इस तरह के वित्तीय धोखाधड़ी से हम स्वयं भी सतर्क व सावधान रहें। इस तरह के वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव हेतु यदि आपके पास भी कोई विचार या सुझाव है तो अपने सकारात्मक सुझाव हमसे अवश्य साझा करें।

ऐसी किसी समस्या के लिए आप विभाग से संपर्क कर सकते हैं : 0755-2443022

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VIJAY KUMAR VISHWAKARMA 4 years 10 months ago

जैसे पीने का पानी घड़े से जग या लोटे में फिर जग या लोटे से गिलास में निकाला जाता है ऐसे ही वित्‍तीय खातों में व्‍यवस्‍था से हो तो बडी धोखाधड़ी से समय रहते बचा जा सकता है, अर्थात धोखाधड़ी करने वालों को सीधे आपके घड़े यानि मुख्‍य पूंजी तक पहुंच से रोका जा सकता है । व्‍यक्तिगत स्‍तर पर मेन एवं सहायक खाता खुलवाया जा सकता है, बैंक आदि संस्‍था चाहें तो एक ही खाते में दोहरी व्‍यवस्‍था कर निकासी हेतु बैरियर का इंतजाम कर सकती हैं ।

Pankaj Choudhary 4 years 10 months ago

भारत में बढ़ते बाजारवाद के दौर में बेशक उपभोक्ता संस्कृति में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन अभी भी उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी है। वस्तुओं में मिलावट, दूसरों को धोखा देकर अपना उल्लू सीधा करना,व्यापारियों द्वाराअधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिए अनैतिक तरीकों को अपना कर ठगना, तथा भ्रामक एवं मिथ्या विज्ञापनों के द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाने की प्रवृत्ति बहुत बढ़

Dharmveer yadav 4 years 10 months ago

भारत में बढ़ते बाजारवाद के दौर में बेशक उपभोक्ता संस्कृति में बढ़ोत्तरी हुई लेकिन अभी भी उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी है। वस्तुओं में मिलावट, दूसरों को धोखा देकर अपना उल्लू सीधा करना,व्यापारियों द्वाराअधिकाधिक मुनाफा कमाने के लिए अनैतिक तरीकों को अपना कर ठगना, तथा भ्रामक एवं मिथ्या विज्ञापनों के द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाने की प्रवृत्ति बहुत बढ़ गई है।

ऐसे में उपभोक्ता को अनेक दिक्कतों व परेशानियों का सामना करना पड़त रहा था। उपभोक्ता को शोषण से बचाने के लिए ही 24 दिसम्बर 1986 को उपभोक्ता संरक्ष

Avi Kumar 4 years 10 months ago

महोदय जिस प्रकार से देश और दुनिया डिजिटल होते जा रहे है ठीक उतने ही तेजी से डिजिटल में अपराध भी बढ़ते जा रहे है। आये दिन paytm ऑफर तो कभी लकी ड्रा के नाम पर सीधे लोगो से ठगी भी किया जा रहा है। ऐसे अपराधों पर कड़ी से कडी कारवाही होनी चाहिए। हमारा ब्लॉग भी देखे https://hindimeto.com/

ARUN KUMAR TIWARI 4 years 10 months ago

मान्यनीय महोदय जी, वित्तीय धोखाधड़ी में चिटफंड कंपनी और सायबर अपराध मुख्य भूमिका निभाते है। जिसकी जानकारी आमजनमानस को नही होने के कारण बड़ी संख्या में लोग ठगी का शिकार बन जाते है । लुभावने वेड करके ठगी का प्रयास किया जाता है

Gagan kaur 4 years 10 months ago

इस तरह की धोखा घड़ी से केवल एयर केवल जनता की जागरूकता ही जानता को बचा सकती है तथा बैंक फाइनेंस से जुडी संस्थाएं आम जनता को धोखे से जुड़े सभी पहलुओं पर फ्री जागृक्क्त देनी अनिवार्य करे जिससे इन कंपनी के ग्राहक को भी बचाव मिले

SANJAYYADAV 4 years 10 months ago

मेरे घर के सामने का आम रास्ता जो मुख्य मार्ग से लगभग 300 मीटर अंदर है जिसकी चौड़ाई लगभग 25 फीट हैं जिसको प्रारम्भ के भू स्वामियों के द्वारा कब्जा कर वर्तमान में शेष 10 फीट का रहने दिया है