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मुनगा (सहजन) व गिलोय है पोषक और आयुर्वेदिक गुणों का भण्डार

Start Date: 11-07-2018
End Date: 25-09-2018

मुनगा (सहजन)

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मुनगा (सहजन)

मुनगा (सहजन) की फली के बारे में तो हम सभी जानते हैं जिसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। यह लगभग हर घर में सब्जी के रूप में बनती है। सहजन की फली एवं पत्तों का उपयोग सब्जी के अतिरिक्त स्वास्थ्य वर्धन के लिए भी किया जाता है।

दुनिया का सबसे पोषण पूर्ण आहार है मुनगा (सहजन), जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार से पोषण के लिए होता है। विभिन्न वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि सहजन में हमारे शरीर के लिए नित्य प्रतिदिन उपयोगी तत्वों की भरमार है। स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली और पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, विटामिन- A ओर C प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

सहजन के पेड़ का कोई एक भाग ही नहीं बल्कि इसके फल के अतिरिक्त इस पेड़ के सभी भाग जैसे- फूल, छाल, पत्तियां सभी का पोषक एवं औषधीय महत्व है।


गिलोय

गिलोय को आयुर्वेद में सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कार्डिफोलिया है। गिलोय का पर्याय अमृता भी है, जो अमृत का भारतीय नाम है क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के शरीर पर अमृत से कम नहीं होता। यह विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में बहुत ही उपयोगी है। गिलोय की बेल को टुकड़ों में विभाजित करके उनका रस निकालकर उपयोग किया जाता है। औषध के लिए इसका तना ही सर्वाधिक उपयोगी माना जाता है।

गिलोय के पत्ते देखने में बिल्कुल पान के पत्तों की तरह लगते हैं जिसे हम अपने घर में, बाग-बगीचे में या फिर घर की दीवार या पेड़ के साथ आसानी से लगा सकते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि गिलोय जिस पेड़ के ऊपर चढ़कर फैलती है उसके सारे गुण अपने में समाहित कर लेती है।

सहजन और गिलोय कहीं भी आसानी से उगाए जा सकते हैं। इनकी उपयोगिता को देखते हुए मध्यप्रदेश शासन, आयुष विभाग द्वारा मानसून में बड़े पैमाने पर सहजन और गिलोय का रोपण किया जा रहा है।
तो आइये इस मानसून अपने घर के बगिया में इन पौधों को लगाकर अपने बगिया को आयुर्वेद और पोषक के गुणों से भर दें।

मुनगा (सहजन) व गिलोय के आयुर्वेदिक एवं पोषक गुणों को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर इन पौधों के बारे में अपने विचार/सुझाव अपने नाम और जिले के साथ साझा करें।

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Antariksh Laxminarayan Joshi 6 years 10 months ago

मुनगा (सहजन) और गिलोय के महत्वपूर्ण उपयोग को समझे ।औषधीय गुणवत्ता से पूर्ण पौधों वृक्षों को बचाये इनकी प्रजातियों को बचाये इनका सदुपयोग प्रयोग करे वैज्ञानिक महत्त्व को समझे जाने इन पौधों वृक्षों का औषधीय महत्त्व ,हर प्रकार के औषधीय और जो औषधीय पौधे वृक्ष नहीं है उन पर भी शोध हो शोध संसथान खुले और पाठ्यक्रम में पढाई में हर कक्षा में कॉलेज लेवल से लेकर कॉम्पिटिटिव एग्जाम में भी प्राकृतिक चीजों औषधीय महत्त्व के विषय पर सवाल पूछे वृक्षों को पौधों को बचाये ।मृदा को उपजाऊ उपयोगी बनाये ।

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Vandana Lakhani 6 years 10 months ago

Giloy is must now-a-days as a medicine for everyone because of various bacterial diseases are spreading. It helps to prevent any kind of fever.
Drumstick has also unique nutritional qualities. Its leaves & flowers are full of iron and calcium.

720300

Ramakrishna Lakshmanan 6 years 10 months ago

I would suggest that awareness camps be held across the state which may include dishes being served which is made using Drumstick and Giloy. Freshly made Giloy juice may be served. Information to brain through stomach is a very effective method. Taste buds in the tongue will ensure that information to the brain goes unfailingly and impact stays forever. Even small booklets about information and recipes of dishes made using drumsticks and its health benefits may be sold at a reasonable price.

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Vivek Choubey 6 years 10 months ago

Sir
Me Dr Vivek Kumar choubey bams Dr hu sir ap ayurved ko aage badha rahe h sir lekin sir hum bams Dr k rojgar ki vyavastha ki jiye sir itni BADI degree lene k bad V hum log berojgar h sir me Jan na chahta hu sir hum logo k future k bare me govt ki kya yojnae h
Sir please do something for us
Thanks sir

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