You don't have javascript enabled. Please Enabled javascript for better performance.

मिशन मध्यप्रदेश नंबर-01

Start Date: 26-11-2018
End Date: 07-02-2019

प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में देश के 100 ...

See details Hide details

प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में देश के 100 स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के 20 शहरों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। साथ ही देश के 4041 शहरों में हुई स्वच्छ प्रतिस्पर्धा में प्रथम और द्वितीय स्थान इंदौर और भोपाल ने प्राप्त किये।

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत एक तरफ प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ शौचालयों, सार्वजनिक-सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वच्छता व्यवहारों को प्रोत्साहित करने हेतु जन-समुदाय के बीच व्यवहार परिवर्तन के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। सभी नागरिक स्वच्छता हेतु अपने घरों पर ही कचरे को दो डस्टबिन में रख रहे हैं; और गीले कचरे को अपने घर पर ही कंपोस्ट बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के शहरों के बीच प्रतियोगिता का आगाज हो चुका है। प्रदेश के 378 शहरों के नागरिक इस प्रतियोगिता में अपने शहरों को उत्तम स्थान पर लाने और शहरों की रैंकिंग बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। हम अपने शहर को बेहतर कैसे बना सकते हैं? जिससे हमारा शहर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सके।

आपके सुझाव शहरों और मध्यप्रदेश को देश में नंबर 01 पर लाने में सहयोग करेंगे। अपने महत्वपूर्ण सुझावों से इस मुहिम का हिस्सा बनें और इस अभियान को सशक्त बनाएं।

All Comments
Reset
79 Record(s) Found

mukesh bahetra 7 years 3 weeks ago

जन समस्या---मध्यप्रदेश,रीवा शहर ,यहाँ शायद स्वच्छता अभियान कोई गंभीरता का विषय नही है अन्यथा कैसे हो सकता है कि रीवा, मध्यप्रदेश ,वेंकट रोड यहाँ खुलेआम सड़क पर कई मछली माँस की दुकानें चल रही है,जबकि सर्वविदित है कि सार्वजनिक जगहों पर माँस बेचना विधि विरोधी है,सही नही है ,,,मजबूरी में झेल रहे है माँस की गंदी बदबू बेचारे राह चलते लोग और आस पास के व्यापारी,स्वास्थ खराब करने वाली गंदी बदबू फैली रहती है सड़क पर,,,

Kanha soni 7 years 3 weeks ago

अभी हम जो हर घर से सारा कचरा सूखे और गीले अलग अलग भाग में लेते है,अलावा मेडिकल और इलेक्ट्रोनिक कचरे के अलग व्यवस्था करे। उसी में ही एक भाग पूजन सामग्री का भी होना चाहिए, हम हर माह में या सप्ताह में सारी पूजन सामग्री एकत्रित करे, जिसमे वस्त्र,हवन,मिठाईयां, नारियल,हॊति है और जो लोगो को यह विश्वास दिलाये की ये सामग्री को , उचित तरीके से ही उपचार किया जाएगा तो लोग बहार डालना और जल स्त्रोतों में प्रवहित नहीं करेंगे. जो भी ३ या ६ माह में अधिकतम वजन का पूजन सामग्री देगा पुरस्कृत किया जाय

anand kumar 7 years 3 weeks ago

अभी हम जो हर घर से सारा कचरा सूखे और गीले अलग अलग भाग में लेते है,अलावा मेडिकल और इलेक्ट्रोनिक कचरे के अलग व्यवस्था करे। उसी में ही एक भाग पूजन सामग्री का भी होना चाहिए, हम हर माह में या सप्ताह में सारी पूजन सामग्री एकत्रित करे, जिसमे वस्त्र,हवन,मिठाईयां, नारियल,हॊति है और जो लोगो को यह विश्वास दिलाये की ये सामग्री को , उचित तरीके से ही उपचार किया जाएगा तो लोग बहार डालना और जल स्त्रोतों में प्रवहित नहीं करेंगे. जो भी ३ या ६ माह में अधिकतम वजन का पूजन सामग्री देगा पुरस्कृत किया जायेगा।

kapil 7 years 3 weeks ago

खुशी की बात हैं कि मध्य प्रदेश १ पर आपने आप को क़ायम रख सका । मेरा मत है कि हमें गीला और सुखे कचरे के अलावा मेडिकल और इलेक्ट्रोनिक कचरे के अलग व्यवस्था करे। साथ ही हम उस जिले के वर्डो को हर साल पुरूस्कृत करे और बहा के सफाई कर्मचारी को ।
Thanks

RAVI KHAVSE 7 years 3 weeks ago

घर से निकलने वाले बेकार कबाड़ को एक जगह जमा करके कबाड़ वालों को बेचना चाहिए। घर के आसपास का कचरा जला देना चाहिए। पन्नियो को भी एकत्र कर जला देना चाहिए।

Tripti soni 7 years 3 weeks ago

I am Tripti Soni
Mera ye Sujaav h ki hame apne desh ko no.1 banane ke liye bachpan Se hi apne bachoo ko ye sikhana chahiye ki saf- safai ke kya mahatv h. unhe mata- pita hi in sabhi achi aadato ke bare me bta sakte h kuki bachoo ke pehle goru mata-pita hi hote h.Ku aj ke bachee hi kal ka bavisye h isliye suruat unse hi karna chahiye.or ham kya tarike btaye jab ham kud saf-safai nhi rakhenge to dusro se ummed krne ka koi haq nhi h.pehle apni soch me saf-safai ka sankalp kro fr sujav do

SHASHIKANT PRAJAPATI 7 years 3 weeks ago

मेरी श्रीमती जी और मेरा का एक सुझाव से अवगत करना चाहूंगा। अभी हम जो हर घर से सारा कचरा सूखे और गीले अलग अलग भाग में लेते है, उसी में ही एक भाग पूजन सामग्री का भी होना चाहिए, हम हर माह में या सप्ताह में सारी पूजन सामग्री एकत्रित करे, जिसमे वस्त्र,हवन,मिठाईयां, नारियल,हॊति है और जो लोगो को यह विश्वास दिलाये की ये सामग्री को , उचित तरीके से ही उपचार किया जाएगा तो लोग बहार डालना और जल स्त्रोतों में प्रवहित नहीं करेंगे. जो भी ३ या ६ माह में अधिकतम वजन का पूजन सामग्री देगा पुरस्कृत किया जायेगा।

  •