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महिलाओं/बालिकाओं के लिए सुरक्षित शहर,सार्वजनिक स्थल,परिवहन एवं कार्यस्थल-सेफ सिटी

Start Date: 24-10-2020
End Date: 26-11-2020

एक ओर हम हर रोज अखबारों में ‘लड़कियों ने बाजी मारी’ शीर्षक से खबरें ...

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एक ओर हम हर रोज अखबारों में ‘लड़कियों ने बाजी मारी’ शीर्षक से खबरें पढ़ते हैं, लेकिन अखबार से दूर दूसरी तरफ कई लड़कियां हैं, जिनके सपने परिस्थितियों के आगे दम तोड़ देते हैं। महिलाओं/ लड़कियों के लिए परिस्थितियां अब भी चुनौतीपूर्ण है, अब भी वे अपने आगे बढ़ने की गति में कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
जेंडर समानता सिर्फ एक शब्द या नारा नहीं है,बल्कि यह समाज की दशा को भी दर्शाता है। लेकिन जेंडर समानता की दिशा में जितने प्रयास खुद महिलाएं कर रही हैं उतना समाज या समुदाय नहीं।
अब समस्या यह है कि जब वह अपने सशक्तिकरण के लिए घर से बाहर आ रही है, तब उसे शहरों,परिवहन,कार्यस्थल व सार्वजनिक स्थलों पर अनेक तरीकों से, विभिन्न प्रकार की हिंसा व उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। शहरों में लड़कियों व महिलाओं पर फब्तियाँ कसना, कटाक्ष करना, घूरना, उनका पीछा करना, यौन आक्रमण, यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं रोजमर्रा की बात हो गई है। यदि इतने बड़े स्तर पर कुछ न घटे, तो भी कार्य स्थल एवं सार्वजनिक स्थल उसे अनुकूल माहौल नहीं देते हैं।

शहरों में बढ़ती हिंसा का भय व असुरक्षा लड़कियों एवं महिलाओं के जीवन को निरंतर प्रभावित करता है, जिससे उनका विकास अवरूद्ध होता है और जिसका प्रभाव उसके सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है।
महिला और पुरुष दोनों समान रूप से समाज के दो पहियों की तरह कार्य करते हैं और समाज को प्रगति की ओर ले जाते हैं। तो फिर ऐसे में पुरषों खासकर युवाओं की जिम्मेदारी है कि लड़कियों व महिलाओं के लिए सुरक्षित व समावेशी शहर व सार्वजनिक स्थलों के विकास में अपना सहयोग दें,जहाँ लड़कियाँ व महिलाएं हिंसा व हिंसा के भय से निडर होकर निर्भीकता पूर्वक विकास की मुख्य धारा में जुड़ सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश सरकार ‘सेफ सिटी- सुरक्षित शहर, कार्यस्थल,परिवहन एवं सार्वजनिक स्थल’ पर परिचर्चा का आयोजन कर रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेटियों व महिलाओं के लिए ऐसे सुरक्षित शहरों एवं सुरक्षित सार्वजनिक स्थलों को विकसित करना है, जहां हर उम्र, समुदाय की बेटियाँ व महिलाएं यौन उत्पीड़न व यौन हिंसा के डर के खतरे से मुक्त हो। वे निर्भीक होकर, शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार जैसी बुनियादी सेवाओं तक पहुँच बना सके तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में निर्भीक होकर समुदाय व समाज में अपना योगदान देने के साथ हिंसा मुक्त जीवन का आनंद ले।
विभाग निम्न मुद्दों पर नागरिकों से उनके सुझाव/ विचार जानना चाहता है:
1. महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर के निर्माण में युवाओं की सकारात्मक भूमिका।
2. सार्वजनिक परिवहन में महिला को पूर्ण सुरक्षा।
3. कार्य स्थल पर महिलाओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित वातावरण का निर्माण।
4. समस्त शिक्षा संस्थानों में लड़कियों व महिलाओं के लिए यौन हिंसा व हिंसा मुक्त वातावरण बनाना।
5. सार्वजनिक जगह व पर्यटन स्थलों को महिलाओं के लिए और अधिक सुरक्षित बनाना।

महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश सभी नागरिकों से ‘सेफ सिटी- सुरक्षित कार्यस्थल, शहर एवं सार्वजनिक स्थल’ विषय पर अपने सकारात्मक सुझाव रखने की अपील करता है। जिससे सभी नागरिकों को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील व जागरुक बनाया जा सके।
“आइये साथ मिलकर एक सुरक्षित शहर का निर्माण करने में भागीदार बनें।”

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Archit Chaturvedi 4 years 5 months ago

महिलाओं के लिए सुरक्षा हेतु हमारे समाज में कुछ महत्वपूर्ण और कारगर प्रयास किए जा सकते है -:
- महिलाओं को सुरक्षा के लिए समाज को महिलाओं के प्रति संवेदना शील रवैए को उजागर होगा करना होगा,इसके लिए समय समय पर महिलाओं के लिए प्रोग्राम "महिला सशक्तिकरण और जन सहयोग" नाम का प्रोग्राम करवाना होगा।
- समाज को महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोकने के लिए उनके अधिकारों को उन्हें बताना होगा जिससे बे अपने द्वारा एक आत्मविश्वास को बना सकेंगी।
- महिलाओं के सुरक्षा संबंधी कानूनों को उन्हें बताए

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Mohit Prajapati 4 years 5 months ago

महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा का कदम उठाने हेतु हमारी ऒर से म.प्र.सरकार का बहुत बहुत धन्यबाद ।।
इस अभियान को आगे बढ़ाने हेतु मेरी तरफ से कुछ सुझाव देना चाहूँगा जो कि निम्न है-
1- महिलाओ एवं बालिकाओ को सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षण देना।
2- पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाना।
3- तथा उनके लिए फ़ोन/मोबाइल का वितरण करना एवं कुल 20 ऐसे
टोल फ्री नम्बर वितरण करना ।

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SOURABH RATHOR 4 years 5 months ago

हमारे देश की माता बहने इस देश में पुरुषों के मुकाबले इस देश की महानता हैआइए जानते हैं वह कैसे हम कुछ कार्य बतातेदेश की राजनीति ,खेल , शिक्षा, व्यापार हर क्षेत्र में देश बेटी आगे हैबात आती है इनकी सेफ्टी की तो भारत सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने चाहिए
अगर किसी महिला के साथ क्राइम होता है। अगर किसी व्यक्ति छेड़छाड़ करता है तो इनको अधिकार दिया जाए कि वह बचाव मे इन्हे मार सकती है लेकिन इन पर कोई कार्यवाही नही होगी बस केवल तहकीकात! इस देश के नियम मे ये लागू

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NASEEV KHAN 4 years 5 months ago

Mahilao ko surakshit rahne ke liye unke as Pas polish station tatha UN ke liye surakksha karyalay hona chahiye jisse co Apne ap ko surakkshit samajh sake mahilao Anam bal Vikash bibhag MADHAY PRADESH sabhi nagriko se seft sosayti surakkshit samajh me rah sake jisse a mahilaon ko koi bhi nuksan na pahunche mahilaon ke liye society mein ek police station tatha ek aspataal hona anivar chahie jisse vah apna ilaaj tatha apni shikayat ko darj karva sake jisse ki vah apne aap ko mahsus samjhenge thank

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Govind Sharma 4 years 5 months ago

हमारे यहां मनुस्मृति में कहा है"यत्र नार्यस्तु पुज्यते रमन्ते तत्र देवता"!
स्वतंत्रता के बाद स्त्रियों ने भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए उनमें से इंदिरा गांधी विजयलक्ष्मी सरोजिनी नायडू मदर टेरेसा आदि के नाम
सराहनीय है आज की महिलाएं अपने हर क्षेत्र में सम्मान व गौरव का प्रतीक है आज की महिलाएं अपने कर्तव्यों से ज्यादा अपने अधिकारों के प्रति सतर्क 5000 से उसे घरेलू कर्तव्यों से अधिक अपने देश की उन्नति व प्रगति की चिन्ता है

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suresh kumar gohe 4 years 5 months ago

कही ना कही हमे ऐसा प्रतित होता हैं कि अभी भी कुछ ना कुछ कही ना कही तो कमी हैं महिलाओं के प्रति जन जाग्रति की जिससे वे सभी महिला अपने हक के लिए हिम्मत रख सके।

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Sanjaysingh 4 years 5 months ago

शासन द्वारा महिला सुरक्षा एप में महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों को गंभीरता से अध्ययन कर उन व्यक्तियों एवं स्थानों को आसानी से चिन्हित किया जा सकता है जहां अक्सर महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है किंतु महिलाएं लोक लज्जा वस या अन्य दबाव के कारण शिकायतें दर्ज नहीं करती हैं किंतु ऐप में अपने विचार निर्भय होकर रख सकेंगे और ऐसे अपराधियों की पहचान हो सके

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Sanjaysingh 4 years 5 months ago

शासन द्वारा स्कूल कॉलेज एवं कार्यालयों में महिला सुरक्षा के लिए मोबाइल ऐप डेवलप करना चाहिए जिसमें सभी महिलाओं एवं लड़कियों का रजिस्ट्रेशन कर मंथली फीडबैक लिया जाए इसकी मॉनिटरिंग उच्च स्तर पर होना चाहिए और किसी भी महिला का नाम सार्वजनिक नहीं होना चाहिए इससे उत्पीड़न की घटनाओं में अंकुश लगाया जा सकता

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Gagan kaur 4 years 5 months ago

प्रत्येक प्रदेश को अपने राज्य मे महिलाओ के लिए सुरक्षा शक्ति केंद्र बनाने चाहिए जो हर महिला की सुरक्षा रिकॉर्ड बनाये और किस महिला को क्या सुरक्षा कवच दिया गया है उस को भी अलग से चिह्नित कर देना चाहिए सामने वाला जान सके की यह महिला शक्ति ससुऱक्षा मिशन से जुडी है सामज मे डर भी होना जरुरी है