एक ओर हम हर रोज अखबारों में ‘लड़कियों ने बाजी मारी’ शीर्षक से खबरें पढ़ते हैं, लेकिन अखबार से दूर दूसरी तरफ कई लड़कियां हैं, जिनके सपने परिस्थितियों के आगे दम तोड़ देते हैं। महिलाओं/ लड़कियों के लिए परिस्थितियां अब भी चुनौतीपूर्ण है, अब भी वे अपने आगे बढ़ने की गति में कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
जेंडर समानता सिर्फ एक शब्द या नारा नहीं है,बल्कि यह समाज की दशा को भी दर्शाता है। लेकिन जेंडर समानता की दिशा में जितने प्रयास खुद महिलाएं कर रही हैं उतना समाज या समुदाय नहीं।
अब समस्या यह है कि जब वह अपने सशक्तिकरण के लिए घर से बाहर आ रही है, तब उसे शहरों,परिवहन,कार्यस्थल व सार्वजनिक स्थलों पर अनेक तरीकों से, विभिन्न प्रकार की हिंसा व उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है। शहरों में लड़कियों व महिलाओं पर फब्तियाँ कसना, कटाक्ष करना, घूरना, उनका पीछा करना, यौन आक्रमण, यौन उत्पीड़न जैसी घटनाएं रोजमर्रा की बात हो गई है। यदि इतने बड़े स्तर पर कुछ न घटे, तो भी कार्य स्थल एवं सार्वजनिक स्थल उसे अनुकूल माहौल नहीं देते हैं।
शहरों में बढ़ती हिंसा का भय व असुरक्षा लड़कियों एवं महिलाओं के जीवन को निरंतर प्रभावित करता है, जिससे उनका विकास अवरूद्ध होता है और जिसका प्रभाव उसके सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है।
महिला और पुरुष दोनों समान रूप से समाज के दो पहियों की तरह कार्य करते हैं और समाज को प्रगति की ओर ले जाते हैं। तो फिर ऐसे में पुरषों खासकर युवाओं की जिम्मेदारी है कि लड़कियों व महिलाओं के लिए सुरक्षित व समावेशी शहर व सार्वजनिक स्थलों के विकास में अपना सहयोग दें,जहाँ लड़कियाँ व महिलाएं हिंसा व हिंसा के भय से निडर होकर निर्भीकता पूर्वक विकास की मुख्य धारा में जुड़ सके।
महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश सरकार ‘सेफ सिटी- सुरक्षित शहर, कार्यस्थल,परिवहन एवं सार्वजनिक स्थल’ पर परिचर्चा का आयोजन कर रहा है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेटियों व महिलाओं के लिए ऐसे सुरक्षित शहरों एवं सुरक्षित सार्वजनिक स्थलों को विकसित करना है, जहां हर उम्र, समुदाय की बेटियाँ व महिलाएं यौन उत्पीड़न व यौन हिंसा के डर के खतरे से मुक्त हो। वे निर्भीक होकर, शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार जैसी बुनियादी सेवाओं तक पहुँच बना सके तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में निर्भीक होकर समुदाय व समाज में अपना योगदान देने के साथ हिंसा मुक्त जीवन का आनंद ले।
विभाग निम्न मुद्दों पर नागरिकों से उनके सुझाव/ विचार जानना चाहता है:
1. महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर के निर्माण में युवाओं की सकारात्मक भूमिका।
2. सार्वजनिक परिवहन में महिला को पूर्ण सुरक्षा।
3. कार्य स्थल पर महिलाओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित वातावरण का निर्माण।
4. समस्त शिक्षा संस्थानों में लड़कियों व महिलाओं के लिए यौन हिंसा व हिंसा मुक्त वातावरण बनाना।
5. सार्वजनिक जगह व पर्यटन स्थलों को महिलाओं के लिए और अधिक सुरक्षित बनाना।
महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश सभी नागरिकों से ‘सेफ सिटी- सुरक्षित कार्यस्थल, शहर एवं सार्वजनिक स्थल’ विषय पर अपने सकारात्मक सुझाव रखने की अपील करता है। जिससे सभी नागरिकों को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील व जागरुक बनाया जा सके।
“आइये साथ मिलकर एक सुरक्षित शहर का निर्माण करने में भागीदार बनें।”
Buddhasen Patel 4 years 5 months ago
मोबाइल में COVID19 शंदेश के बारे में
कोरोना बीमारी से बचाव का शंदेश मोबाइल रेलवे स्टेशन में प्रसारित किया जा रहा है यह शंदेश फ़िल्मी एक्टर के द्वारा दिया जा रहा है अभी हाल में फ़िल्मी एक्टरो पर drug लेने का आरोप लग रहा है . फिर इन एक्टर का covid 19 बचाव का सन्देश उचित नहीं है
प्लीज पीएमओ सर मोबाइल में रेलवे स्टेशन या टीवी में COVID19 बचाव शंदेश देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या मुख्यमंत्री के द्वारा आम जनता को दिया जाए तो बहुत उपयोगी होगा
भारत सरकार से सम्मानित Student
Gagan kaur 4 years 5 months ago
आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं
Ratna wadhwani 4 years 5 months ago
Save girl save society
Amit singh 4 years 5 months ago
Government plans to digitise the protection for girls
Sir, government to work on making application that can girl use if she is in trouble anywhere in the state and application should direct under the cm office for ensuring efficient safety for girls.App is also connected to their family members and under district SP for better protection under this scheme.
Madhav Kumar 4 years 5 months ago
पहले तो मानसिक सोच बदले, महिलाओं के प्रति नैतिकता, से व्यवहार करे
Kapilesh VNajwale 4 years 5 months ago
#सुरक्षित_कार्यस्थल, शहर एवं सार्वजनिक स्थल
#Suggestions - Har Karyasthal par Mahilaa Adhikari ki upsthiti anivarya ho.. Jaise Har Office me, har bus me conductor Mahilaa ho, paryatan sthalo par bhi Mahilaa karmachari, Mahilaa police honi chahiye.
Kyounki Mahilaa hi Mahilaa ko safe rakh sakte hai.
#Mahilaao ke liye ek emergency contact number hai, Jise har jagah, office, bus, train, paryatan sthal, Anya Sabhi jagaho par Hindi or English bhashas me likhe har 50 meter par Ho.
Tripti Gurudev 4 years 5 months ago
Save girl child save society.
SUDARSHAN SOLANKI 4 years 5 months ago
महिलाओं/बालिकाओं के लिए सुरक्षित शहर,सार्वजनिक स्थल,परिवहन एवं कार्यस्थल के लिए मेरा विस्तृत लेख
https://sudarshansarticles.blogspot.com/2020/10/blog-post_26.html
लिंक पर क्लिक कर पढ़े.
KOPATEL RAMESHBHAI ATMARAMBHAI 4 years 5 months ago
#सेफ_सिटी- #सुरक्षित_कार्यस्थल, शहर एवं सार्वजनिक स्थल
#Suggestions - Har Karyasthal par Mahilaa Adhikari ki upsthiti anivarya ho.. Jaise Har Office me, har bus me conductor Mahilaa ho, paryatan sthalo par bhi Mahilaa karmachari, Mahilaa police honi chahiye.
Kyounki Mahilaa hi Mahilaa ko safe rakh sakte hai.
#Mahilaao ke liye ek emergency contact number hai, Jise har jagah, office, bus, train, paryatan sthal, Anya Sabhi jagaho par Hindi or English bhashas me likhe har 50 meter par Ho.
KOPATEL RAMESHBHAI ATMARAMBHAI 4 years 5 months ago
Mahilao ko surakshit rahne ke liye unke as Pas polish station tatha UN ke liye surakksha karyalay hona chahiye jisse co Apne ap ko surakkshit samajh sake mahilao Anam bal Vikash bibhag MADHAY PRADESH sabhi nagriko se seft sosayti surakkshit samajh me rah sake jisse a mahilaon ko koi bhi nuksan na pahunche mahilaon ke liye society mein ek police station tatha ek aspataal hona anivar chahie jisse vah apna ilaaj tatha apni shikayat ko darj karva sake jisse ki vah apne aap ko mahsus samjhenge thank