बच्चे मासूम और सरल होते हैं, इनकी इसी मासूमियत का फायदा उनके आस पास के लोग उठा लेते हैं और बच्चे शोषण का शिकार हो जाते हैं। इसीलिए सरकार को बच्चों की सुरक्षा के लिए बाल लैंगिक शोषण और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 यानि पॉक्सो एक्ट लाना पड़ा। यह एक्ट 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चों (चाहे लड़का हो या लड़की) जिनके साथ किसी भी तरह का लैंगिक शोषण हुआ हो या करने का प्रयास किया गया हो, को इस कानून के दायरे में रखता है।
इस कानून में-
● बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से सुरक्षा प्रदान की गई है।
● दोनों ही स्थितियां, जहाँ बच्चे के साथ लैंगिक शोषण की घटना हुई है या करने का प्रयास किया गया है, यह कानून कार्य करेगा।
● यह कानून लिंग निरपेक्ष/ जेंडर न्यूट्रल है यानि बालक और बालिकाओं दोनों पर लागू होता है।
● इसके अंतर्गत आने वाले मामलों की सुनवाई विशेष न्यायालय में होती है।
● आरोपी को सिद्ध करना होता है कि उसने अपराध नहीं किया, पीड़ित को कुछ भी सिद्ध नहीं करना होता है।
● अधिनियम अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर होने वाले किसी प्रकार के लैंगिक अपराधों में कठोर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान रखा गया है, जिसमें जुर्माने से लेकर आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है।
हम सभी को यह समझना होगा कि कोई भी बच्चा इस तरह के शोषण का शिकार हो सकता है; चाहे वह किसी भी वर्ग, जाति,धर्म या समुदाय का हो। बच्चे का कोई भी शोषण कर सकता है । अक्सर देखा गया है कि ऐसा करने वाला बच्चे का परिचित या परिजन ही होता है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम बच्चे की बातों को ध्यान से सुने और उसपर भरोसा करें। हम बच्चे को अच्छे और बुरे स्पर्श के बीच अंतर करना सिखाएं। उसे उचित जानकारी देकर सशक्त बनाएं जिससे वो ऐसे खतरों को पहचानें एवं इसकी तुरंत शिकायत कर सके। बच्चे के व्यवहार में आये किसी भी प्रकार के परिवर्तन का कारण जानें। जैसे- यदि बच्चा किसी व्यक्ति के पास जाने से डरता हो या घबरा रहा हो तो इन बातों को नज़रअंदाज न करें।
पॉक्सो (POCSO) एक्ट बच्चों को यौन उत्पीड़न (sexual harassment) यौन हमला (sexual assault) और पोर्नोग्राफी (pornography) जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। इस तरह के अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए शिकायत हेतु Child line नंबर 1098, टोल फ्री नंबर1800115455 और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा POCSO e-box तैयार किया गया है। इन दोनों पर बच्चे स्वयं या उनके अभिभावक आसानी से शिकायत कर सकते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों से अनुरोध करता है कि बच्चों के साथ स्वयं भी पॉक्सो (POCSO) एक्ट के बारे में जागरूक हों और बच्चों को शोषण का शिकार होने से बचाएं। इस संदर्भ में अपने महत्वपूर्ण विचार हमसे साझा करें।
● लैंगिक शोषण और लैंगिक अपराधों से बच्चों के संरक्षण में माता-पिता,शिक्षक, स्कूल, समाज की क्या भूमिका हो?
● पॉक्सो एक्ट का ज्यादा से ज्यादा कैसे प्रचार हो?
● घर एवं बाहर थोड़ी सतर्कता एवं संवेदनशीलता से बच्चों को ऐसे शोषण से बचा सकते हैं?
● सजा का भय की जानकारी देकर अपराध होने से रोकें?
पॉक्सो एक्ट के संबंध में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
SHAMBHU SHANKAR BEHRA 6 years 1 week ago
इसके लिए हमे समाज के साथ खड़े होकर पूरे राष्ट्र के साथ आगे आना पड़ेगा और ऐसी घटनाओं को हमे डटकर सामना करना पड़ेगा, साथ ही लोगो को जागरूक करना पड़ेगा ।
Prakash kumar Sen 6 years 1 week ago
बापू जी ने कहा था की हम दुनिया का कितना भी बड़ा संविधान और कानून क्यों न बना लें सब व्यर्थ है जब तक की उसे अमल में लाने वाले लोग न हों |
अतः यदि इतने सख्त कानून बनाये जाते हैं तो उसको लागू भी सख्ती से होना चाहिए क्योंकि अधिकाँश लोग बच जाते हैं | जो भी ऐसे अपराध करता है उनको ऐसी सजा दी जनि चाहिए की उस गलती को दोहराने वाले व्यक्ति की हिम्मत न हो ऐसा करने की |
Tripti Gurudev 6 years 1 week ago
संयुक्त परिवार प्रथा मे बच्चों के साथ घटनाएँ निश्चित ही कम घटेंगी।
Tripti Gurudev 6 years 1 week ago
बच्चों की देखभाल समय-समय पर पालकों को अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों को पता रहता है कि माता-पिता कभी भी गलती करते हुए मुझे देख सकते हैं, तो बच्चे गलत कार्य करने से डरेगे।
Rahul 6 years 1 week ago
इस क़ानून के प्रचार प्रसार की जरूरत है।जब तक लोगों को जानकारी नहीं होगी तब तक अपराधिक प्रवृति के लोगो को आइना दिखाना संभव नहीं होगा।
Tripti Gurudev 6 years 1 week ago
पाक्सो एक्ट2018 बच्चों के संरक्षण हेतु ठीक एक्ट है।
Tripti Gurudev 6 years 1 week ago
किशोरावस्था सघर्ष,तूफान एवं तनाव की अवस्था होती है, इस समय बच्चों को देखनख एवं सलाह देते रहना अति आवश्यक होता है।
Kuldeep Baghel 6 years 1 week ago
बच्चों को सुनसान जगह पर नहीं भेजना चाहिए,
Tripti Gurudev 6 years 1 week ago
माता-पिता का यह दायित्व बनता है कि बच्चे जिन लोगोंं,साथियों के साथ खेले उन पर पूरी नजर रखें।
Tripti Gurudev 6 years 1 week ago
पाक्सो एक्ट मे योन शोषण की परिभाषा में योन उत्पीड़न और अश्लील साहित्य ,सैक्सुअल और गैर सैक्सुअल हमले को शामिल किया गया है। इसमें दण्ड का कठोर प्रावधान है।