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नि:शक्तजनों के सशक्तिकरण हेतु नागरिकों के सुझाव आमंत्रित हैं

Start Date: 05-11-2020
End Date: 11-01-2021

हर व्यक्ति इतना भाग्यशाली नहीं होता कि वह जन्म से ही स्वस्थ शरीर के ...

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हर व्यक्ति इतना भाग्यशाली नहीं होता कि वह जन्म से ही स्वस्थ शरीर के साथ पैदा हो। सार्वजनिक अनुभूति और पूर्वधारणा के कारण अक्सर दिव्यांगजनों के कौशल और क्षमता को काफी हद तक कम आँका जाता है। जबकि ज्यादातर मामलों में, यह देखा गया है कि ऐसे व्यक्ति हमसे ज्यादा गुणवान होते हैं। फिर चाहे बात भिंड की केनोइंग खिलाड़ी पूजा ओझा की हो, प्रदेश के फेमस अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक सतेन्द्र सिंह लोहिया, खंडवा के दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी सोनू गोलकर, सिहोरा जबलपुर की कुमारी जानकी गौद या फिर भोपाल की रहने वाली पूनम श्रोती की...। यह सभी दिव्यांग होने के बाद भी अपनी प्रतिभा व हुनर से आज देश के लिए एक मिसाल बन गये है और समाज के लिए प्रेरणा का कार्य कर रहे हैं।

भारत सरकार व राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए संकल्पित है। भारतीय संविधान दिव्यांगजनों सहित सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय के संबंध में स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत संयुक्त रूप से विकास की ओर चलने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने नि:शक्तजनों के लिए म.प्र. दिव्यांगजन अधिकार नियम 2017 बनाये हैं। जिसके अंतर्गत मानव संसाधन विकास और उनका पुनर्वास शामिल है। नि:शक्तजनों पर सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना, दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए सुविधाएं प्रदान करना और दूसरों के बीच उनके लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है। 6 से 18 वर्ष के बीच की विकलांगता वाले प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उच्च शिक्षा, सरकारी नौकरियों, भूमि के आवंटन और गरीबी उन्मूलन योजनाओं में आरक्षण विशेष रूप से नि:शक्तजनों को प्रदान किया जा रहा है।

सरकार अकेले ही दिव्यांगों के जीवन स्तर में सुधार व परिवर्तन नहीं ला सकती है। समाज के हर वर्ग के व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि हर दिव्यांग को प्रोत्साहित करें और उन्हें अधिक उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए सकारात्मक माहौल तथा वातावरण उपलब्ध कराएं। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि कोई देश केवल तभी ऊपर उठ सकता है जब समाज के हर वर्ग को सशक्त होने का अवसर मिले और सामूहिक रूप से समावेशी विकास की ओर एक कदम बढ़ाया जाए।

आयुक्त नि:शक्तजन, मध्यप्रदेश नागरिकों से नि:शक्तजनों के उत्थान की दिशा में आपके मूल्यवान विचार एवं सुझाव MPMyGov के माध्यम से आमंत्रित करता है।

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94 Record(s) Found

sachin choudhary 4 years 11 months ago

सर वर्तमान में कोरॉना वायरस के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार की तरह मध्य प्रदेश सरकार को भी पेंशनर लोगो के बैंक में जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की अवधि 30 नवंबर से आगे बढ़ाना चाहिए।

Amit Rajput 4 years 11 months ago

हर व्यक्ति इतना भाग्यशाली नहीं होता कि वह जन्म से ही स्वस्थ रहें हर एक व्यक्ति जन्म से ही रोता आता है यानी कि व्यस्त हैं हम को स्वस्थ रहने के लिए सुबह उठकर भाग लेना चाहिए अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए तेल कीजिए कम खाना चाहिए उतनी गलत चीजों को नहीं खाना चाहिए से दारू वगैरह जिनसे लीवर की बीमारी होती है सिगरेट को नहीं पीना चाहिए सिगरेट भी नहीं चाहिए हमको नहीं खाना चाहिए जिससे हमको कैंसर की बीमारी हो सकती है खूबसूरती प्रकृति होती है ना कि हम उसको क्रीम पाउडर लगाकर बदल सके ऐसा नहीं हो सकता

Chatarsingh Gehlot 4 years 11 months ago

निशक्त जनों को वास्तविक समावेशी वातावरण तभी मिल सकता है जब निशक्तजन अधिनियम को थानों के माध्यम से शत-प्रतिशत लागू की जाए और सभी पुलिस अधिकारियों का इस का प्रशिक्षण दिया जाए निशक्त जनों के लिए जो अधिकार अधिनियम लागू हुआ है उसका शत-प्रतिशत पालन हो पुलिस के अधिकारियों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र तक शिविर आयोजन किया जाए और निशक्त जनों के अधिकारों की रक्षा हेतु सामाजिक समावेश का वातावरण निर्मित किया जाए

Sandeep Kumar Rajak 4 years 11 months ago

नमस्कार महोदय जी दिव्यांग जनों के लिए राष्ट्रीय दिव्यांग पुरस्कार की तरह राज्य दिव्यांग पुरस्कार आयोजित करके उनका उत्साह वर्धन विश्व दिव्यांग दिवस पर करने की कृपा करें धन्यवाद्

Jitendra Singh Rajpoot 4 years 11 months ago

निसक्तजन कभी कमजोर नही होता और ना लाचार होता है,वो तो लोग उनकी निसक्तजनता का मजाक उड़ा कर उनको कमजोर बनाते है,इसलिए इन लोगो को सम्मान की जगह समभाव की awassakta है।इनके लिए विभिन्न प्रकार के रोजगार औए व्यपार की व्यवस्ता की जानी चाहिए।