क्या आपने सुबह-शाम पेड़ों पर खट-खट-खट की आवाज के साथ अपना घोंसला बनाते हुए कठफोड़वा (Wood Pecker) पक्षी को देखा है…? क्या आपके बच्चों ने कभी लाजवंती (छुईमुई) नाम के पौधे को छुआ है, जो छूते ही लाज से छुप जाती है…? क्या हम अपने प्रकृति के आँगन से ऐसी रोमांचक एवं अद्दभुत कृतियों को भुला देने अथवा खो देने के कगार पर हैं...!
क्या हमनें कभी सोचा है कि आने वाली पीढ़ियों को देने के लिए हम एक स्वस्थ और अनुकूल वातावरण कैसे बना सकते हैं?
मध्यप्रदेश एक कृषि राज्य होने के साथ ही देश में सबसे बड़े वन्य क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। राज्य का एक तिहाई क्षेत्र वनों से घिरा हुआ है जिसमें 10 राष्ट्रीय उद्यान और 25 वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित हैं, जहां अनेकों प्रकार की वनस्पति से लेकर जीव-जन्तुवों की संरक्षित प्रजातियाँ देखने को मिलती है। अतः पर्यावरण को हरा-भरा बनाये रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम सब साथ मिलकर प्रयास करें।
ग्रीन इंडिया मिशन जलवायु परिवर्तन हेतु देश की राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वन्य क्षेत्रों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर उससे जुड़े पारिस्थितिक तंत्र के सभी घटकों को संरक्षित कर उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित करना है। योजना के अंतर्गत वनों, वनस्पतियों, वन्यप्राणियों, वनों के जल स्रोतों एवं वनों पर आश्रित समुदायों का विकास इस प्रकार किया जाना प्रस्तावित है जिससे हम जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए वैश्विक स्तर पर किये जा रहे प्रयासों में देश की प्रतिबद्ध हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकेंगे। योजना के अंतर्गत देश का प्रयास 50 लाख हेक्टेयर वनों का विकास एवं 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सघन एवं विलुप्त होते वनों को फिर से स्थापित करने के साथ-साथ वनों पर आश्रित 30 लाख परिवारों के लिए रोजगार की व्यवस्था करना है। इसके साथ ही इस दौरान 2.5 से 3 हजार करोड़ टन कार्बन प्रच्छादन (Carbon Sequestration) कर जलवायु परिवर्तन के कारकों को कम करना भी प्रस्तावित है।
ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत वन्य क्षेत्रों के सुधार एवं विस्तार से निम्न रूप से हम सभी लाभान्वित होंगे :-
1. वन्य क्षेत्रों के सुधार एवं विस्तार से वन्य क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले समुदाय के रोजगार क्षमता का विकास होगा।
2. वन्य क्षेत्र का सुधार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फसलों के लिए लाभदायक है।
3. वन्य क्षेत्रों के सुधार एवं विस्तार के माध्यम से वनों के कार्बन भण्डार में वृद्धि होगी, जिसका अर्थ है हमारे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होना।
4. बढ़ता कार्बन भण्डार हमारे औद्योगिक विकास, परिवहन सेवाओं में वृद्दि, मनुष्यों के जनहित कार्यों एवं उसके क्रियाकलापों के कारण बढ़े हुए कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. वन्य क्षेत्रों के सुधार एवं विस्तार से जल संरक्षण के साथ ही मृदा अपरदन वाले भूमियों में सुधार संभव हो पाता है।
जैव विविधता को संरक्षित करने एवं प्रदेश में वन्य क्षेत्रों के समुचित विस्तार हेतु वन विभाग, मध्यप्रदेश शासन, आपके महत्वपूर्ण सुझाव आमंत्रित करता है। आप हमें सुझाएं कि हम कैसे इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बन सकते हैं, साथ ही कैसे अपने आसपास के वातावरण में हरियाली बनाये रखने के लिए अपना योगदान कर सकते हैं? आपके पास इस परियोजना को और बेहतर बनाने हेतु किस तरह के विचार हैं?
Shailesh Kumar Yadav_7 7 years 3 months ago
आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Scheme )2018 की सम्पूर्ण जानकारी यहाँ से पाए
https://www.techzoneguide.com/ayushman-bharat-yojana-in-hindi/
AMAN SINGH 7 years 3 months ago
केवल एक हाथ से रोटी नही बनायी जा सकती है अगर हम सभी समझे जिस घर को साफ करने एवं परिवार को सुरक्षित करने के लिए मेहनत करते है ठिक उसी तरह हमे अपने पर्यावरण को सूरक्षित करना साफ करना होगा तभी तो हम सभी खुशी से अपने पर्यावरण में रह सकते है
हम सब को साफ करने कि जरूरत नहीं होगीं यादि हम सब गंदगी करना बदं कर दे तो.....
mohit soni 7 years 3 months ago
कृपया आप सभी एक बार चेक कीजिये, देखिये, और सहयोग कीजिये,,स्वच्छ भारत,हर-भरा भारत, ताकतवर भारत,clean india with green india with powerful india with the help of technology..
https://twitter.com/mohitso71490359/status/9772333863548477 44?s=19
smitakanesh 7 years 3 months ago
समझना हम सभी को केवल एक हाथ से रोटी नही बनायी जा सकती है अगर हम सभी समझे जिस घर को साफ करने एवं परिवार को सुरक्षित करने के लिए मेहनत करते है ठिक उसी तरह हमे अपने पर्यावरण को सूरक्षित करना साफ करना होगा तभी तो हम सभी खुशी से अपने पर्यावरण में रह सकते है हर रोज वतावरण बदल रहा है दोष देने के बजाय कोशिश करना होगा समझना होगा समझाना होगा
Akshay kumar chaturvedi 7 years 3 months ago
सादर आमंत्रित हैं,अपने घर से ही शुरुआत करें और इसका हिस्सा बनें
प्रिय विशाल श्रीवास्तव जी शायद आप मामाजी को ज्यादा ही देखते हैं (खरबूजा, खरबूजा को देखकर रंग बदलता है) मैंने गाँव के युवा की बात की है उसमे सभी शामिल हैं मैंने जाति से सम्बंधित कोई बात ही नहीं की.
Akshay kumar chaturvedi 7 years 3 months ago
मैं भी जाति का ब्राह्मण हूँ मैं और मेरे बाकी भाई भी प्रिय मामाजी का दंश झेल रहे हैं.
Akshay kumar chaturvedi 7 years 3 months ago
प्रिय विशाल श्रीवास्तव जी आपने कब, क्यों, कैसे और क्या मुख्यमंत्री जी को लिखा है मुझे पता नहीं क्योंकि तब आप ने मुझे बताया नहीं था लेकिन मैं अपनी बात रख रहा हूँ .जो की मुझे मिलना चाहिए.
vishal shrivastava 7 years 3 months ago
आदरणीय वन संरक्षक जी कृपा कर हम सामान्य नागरिकों को भी जीव संरक्षण वृक्षारोपण आदि कार्यों में सम्मलित करने का कष्ट करें
vishal shrivastava 7 years 3 months ago
अक्षय कुमार चतुर्वेदी जी जो आप बोल रहे हो और इसके साथ ओर भी बहुत में माननीय प्रधानमंत्री जी जी को पत्र लिख चुका हूं तीन वर्ष पूर्व और अब तो सम्पूर्ण विश्व मे हमारे माननीय प्रधानमंत्री के बुद्धि कौशल से परिचित है तो हो सकता है वो हमारे बोलने से पहले ये तैयारी कर चुके होंगे और बस अब होने वाला ही हो क्या पता,
ये देश बुद्धिजीवियों का देश है भाई एक से बढ़कर एक,
Akshay kumar chaturvedi 7 years 3 months ago
माननीय मुख्यमंत्री जी के चरणों में सादर समर्पित