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खादी के प्रति लोगों को जागरुक करने हेतु आप अपने सुझाव साझा करें

Start Date: 26-11-2019
End Date: 22-01-2020

मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, राज्य के नागरिकों से अपील ...

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मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, राज्य के नागरिकों से अपील करता है कि वह नीचे दिये गये विषय से संबंधित अपने महत्वपूर्ण सुझाव और विचार हमसे साझा करें।

1. खादी से बने कपड़ों को लोगों के बीच कैसे लोकप्रिय बनाया जा सकता है?
2. हाथ से बने हुये कपड़ों के बारे में लोगों को कैसे जागरुक करें?

मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने अपने फैशनेबल और डिजाइनर खादी वास्त्रों को ‘कबीरा’ ब्राण्ड के नाम से मार्केट में लांच किया है। वर्तमान में खादी की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये राज्य में 14 केन्द्र खोले गये हैं, जिनमें भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर समेत अन्य बड़े शहर भी शामिल हैं।

‘कबीरा’ का मुख्य उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों के बीच ‘खादी’ को लोकप्रिय बनाना है और उनमें ‘स्वदेशी’ पोषाक के बारे में जागरुकता लाना है। साथ ही आधुनिक एवं भारतीय फैशन के साथ मिलकर खादी वस्त्र एवं शिल्प कौशल को एक सम्मान जनक स्थान देना है।

खादी सबसे ईको - फ्रेंडली वस्त्र / कपडा होने के साथ ही हर रंग और डिजाइन में फिट बैठता है। आजकल फॉर्मल से लेकर कैजुअल तक और खादी वाली दुल्हन के कपड़ों से लेकर फुटवियर तक, हर कैटेगरी और डिजाइन में मौजूद है।

आज ‘खादी’ को महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है। गांधी जी ने समस्त देशवासियों को संदेश देते हुये कहा था कि खादी भारत की समस्त जनता की एकता की, उसकी आर्थिक स्वतंत्रता और समानता का प्रतीक है।

कपास की खेती, सूत की कताई और बुनाई, ये तीनों चीजें विश्व-सभ्यता को भारत की देन हैं। दुनिया में सबसे पहले भारत देश में ‘सूत’ काता गया और ‘कपड़े’ की बुनाई की गई। खादी "स्वतंत्रता की पोशाक" है। खादी के कपड़ों को बढ़ावा देने से लघु और कुटीर उद्योगों का विकास होगा।

आपके सुझाव एवं विचार ‘स्वदेशी’ वस्त्रों को लोकप्रिय बनाने में सहायक होंगे।

नोट :
• अपने सुझाव हमसे साझा करने के लिए mp.mygov.in पर लॉग इन करें।
• कृपया सुझाव के साथ अपनी उम्र भी बताएं।
• आपके सुझाव विषय संबंधी होने चाहिए।
• प्रचारक लिंक वाली प्रविष्टियों को रद्द कर दिया जाएगा।
• डुप्लीकेट प्रविष्टियां मान्य नहीं की जाएंगी।

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128 Record(s) Found
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Ku Snehlata chandel 5 years 3 months ago

खादी बहुत ही अच्छी पोशाक है, क्योंकि महात्मा गांधी ने चरखे से न केवल खादी बनी, बल्कि देश की आजादी भी बुनी। इससे देश के बच्चों को मेहनत, लगन, एकजुटता और देशभक्ति का पाठ सिखाया जा सकता है, खादी की पोशाक को सभी शासकीय व अशासकीय स्कूल व कालेजों की पोशाक अनिवार्य होनी चाहिए।
साथ ही सभी शासकीय कार्यालयों में खादी अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए।

Dr snehlata Chandel d/o late shri sbs Chandel ,55,Maharana pratap colony Shivpuri, M.P.,India
mob.9827055626 email- snehlatachandel88@gmail.com

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Shilpa Singh 5 years 3 months ago

आज ‘खादी’ को महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है। गांधी जी ने समस्त देशवासियों को संदेश देते हुये कहा था कि खादी भारत की समस्त जनता की एकता की

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Aniket Singh 5 years 3 months ago

खादी के वस्त्र अधिक लोकप्रिय करने के लिये, आधुनिक तकनीक से जींस आदि नये फैशन के वस्त्र बनाए जायें, और युवा वर्ग को आकर्षित किया जावे ।
Lag Ja Gale Lyrics | Bhoomi | Rahat Fateh Ali Khan
https://www.uniquelyrics.com/2020/01/lag-ja-gale-lyrics-bhoomi-rahat-fat...

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Rajan Tiwari 5 years 3 months ago

खादी को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है कि हर उम्र के लोगों के कपड़े खड़ी में बनने चाहिये।नौजवानों को भी खादी की ओर आकर्षित करना चाहिए।
https://nasha-mukti-kendra-bhopal-deaddiction-centre-bhopal.business.site

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Amit Bhatore 5 years 3 months ago

खादी को बढ़ावा देने के लिए प्रचार की अधिक जरूरत है। प्रशासनिक अधिकारियों को सप्ताह में अथवा माह में अवसर मिलने पर खादी के पहनावे को उपयोग में लाने की बात कही थी, परंतु यह नहीं हो रहा है। जिन्हें खादी की यूनिफॉर्म देने का प्रावधान है उन्हें भी यह पिछले कई वर्षों में नसीब नहीं हुई। खादी और स्वदेशी वस्त्रों का बढ़ावा देने के लिए शासकीय विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक वर्ष में दो बार खादी वस्त्र यूनिफॉर्म के रूप में स्वीकृत है परंतु फंड के अभाव में यह नहीं हो रहा है। सरकार को अपने अधिकारी-क

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GYANENDRA SINGH TOMAR 5 years 3 months ago

खादी के वस्त्र अधिक लोकप्रिय करने के लिये, आधुनिक तकनीक से जींस आदि नये फैशन के वस्त्र बनाए जायें, और युवा वर्ग को आकर्षित किया जावे ।

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Ankita pandey 5 years 3 months ago

खादी की पहुंच आम जन तक सुनिश्चित की जाए इसके लिए प्रचार ग्रामीण स्तर से होना चाहिए।युवा वर्ग को इससे जोड़ना चाहिए।जगह जगह मेले प्रदर्शनी आदि लगाए।लोगो को निशुल्क प्रचारार्थ दी जाए।स्कूलों आदि में बांटी जाए।जितना लोग जानेंगे फायदे पहचानेंगे तो उपयोग भी करेंगे।

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Nandita Mishra 5 years 3 months ago

हमारे देश में यदि मुफ्त में खादी से बने कपड़े बांटे जाएं, ऐसे क्षेत्र में जहां गरीब रहते हैं! वो इनका उपयोग करेंगे इससे उनका भी भला होगा और साथ ही खादी का प्रचार भी! शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के लिए खादी का उपयोग अनिवार्य कर दिया जाए!