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राष्ट्रीय हरित कोर – बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की समझ का विकास करें

Start Date: 14-11-2018
End Date: 18-02-2019

पर्यावरण और जीवन का आपस में अनोखा संबंध है, पर्यावरण हमारे जीवन का ...

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पर्यावरण और जीवन का आपस में अनोखा संबंध है, पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। जीवित रहने के लिए हम पर्यावरण और उसके संसाधनों पर ही निर्भर हैं, इसलिए इन संसाधनों की देखभाल करना और आने वाले भविष्य के लिए इन्हें सहेजने का दायित्व भी हम पर ही है।

फिर बात चाहे अपने आस-पास की सफाई के प्रति जागरूक होने की हो या फिर पुन: संसाधनों के उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता महसूस करने की बात, ये हमारा ही कर्त्तव्य है कि हम पर्यावरण को संरक्षित करें। वैसे तो ये बात कहने-सुनने में बहुत आसान लगती है किन्तु सभी लोगों की मानसिकता में एक साथ बदलाव लाना कोई आसान काम नहीं है।

बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की उचित शिक्षा और उनमें जागरूकता के माध्यम से इस दिशा में प्रयास किया जाना एक प्रभावी प्रयास है; क्योंकि इसमें उनके अपने कोई निहित स्वार्थ नहीं होते। एक बार वे बात समझ जायें तो अच्छी आदतों का अनुसरण करते हैं एवं आसानी से दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय हरित कोर (नेशनल ग्रीन कोर) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। देश के सभी राज्यों के साथ-साथ यह कार्यक्रम प्रदेश के समस्त 51 जिलों के 250 (प्रति जिला) चयनित विद्यालयों में ईको क्लबों के माध्यम से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय हरित कोर योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:-

● पर्यावरण एवं पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति बच्चों में समझ विकसित करना।
● बच्चों को पर्यावरणीय शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना।
● विद्यार्थियों का समाज में जागरूकता पैदा करने हेतु एक माध्यम के रूप में सहयोग लेना।
● पर्यावरण तथा सामाजिक विकास संबंधी क्षेत्रों में निर्णय लेने हेतु छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित करना।

पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन इस कार्यक्रम की राज्य नोडल संस्था है। इको क्लब विद्यालयों के माध्यम से गतिविधियो के क्रियान्वयन को विस्तारित करने के उद्देश्य से योजना के अंतर्गत पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन(EPCO), मध्यप्रदेश एक प्रतियोगिता आयोजित करा रहा है। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य राज्य के विद्यालयों में ईको क्लबों द्वारा पर्यावरण के संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यों एवं नवाचारो का मूल्यांकन करना और उनको प्रोत्साहित करना है। इसके लिए विद्यालयों को अपने द्वारा किये गए कार्यों का विवरण, फोटोग्राफ, पेपर कतरने(कटिंग) एवं वीडियो के माध्यम से MP MyGov पोर्टल पर सबमिट करना होगा, जिसका मूल्यांकन एक विशिष्ट पैनल द्वारा किया जायेगा।

पुरस्कार
इस प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर चयनित प्रथम विजेता क्लब को रू. 5000/- द्वितीय विजेता क्लब को रू. 3000/- औऱ तृतीय विजेता क्लब को रू. 2000/- एवं दो प्रोत्साहन पुरस्कार रू. 1000/- के दिए जायेंगे।

नियम एवं शर्ते:

1. सभी प्रविष्टियां केवल www.mp.mygov.in पर सबमिट की जानी चाहिए। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को MPMyGov पोर्टल पर पहले पंजीकरण करना होगा।
2. राष्ट्रीय हरित कोर- इको क्लब कार्यक्रम में केवल योजना में चयनित विद्यालय ही भाग ले सकते हैं।
3. वीडियो लिंक अथवा फोटो शेयर करने के लिए कृपया निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें:
• राष्ट्रीय हरित कोर- इको क्लब कार्यक्रम के अंतर्गत भाग लेने वाले सभी विद्यालय दिए गये फार्म में सभी जानकारी अनिवार्य रूप से प्रविष्ट करें।
• फार्म को विद्यालय प्राचार्य से सत्यापित कराना अनिवार्य है एवं इसकी एक प्रति MPMyGov पर भी अपलोड करें।
• फार्म में दी गयी गतिविधियों का फोटोग्राफ MPMyGov पर अपलोड करना अनिवार्य है, यदि किसी गतिविधि का फोटोग्राफ उपलब्ध नहीं है तो ऐसी स्थिति में निर्णय लेने का अधिकार कार्यपालन संचालक EPCO के पास सुरक्षित होगा।
राष्ट्रीय हरित कोर गतिविधि फार्म डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

4. राष्ट्रीय हरित कोर- इको क्लब कार्यक्रम के दौरान किये गए कार्यों का वीडियो यू-ट्यूब और फेसबुक पर अपलोड करें और उसका URL / LINK प्रतियोगिता के कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
5. मूल्यांकन के लिए किसी अन्य माध्यम से प्राप्त फोटो/वीडियो पर विचार नहीं किया जाएगा।
6. फोटो/वीडियो प्रविष्टि को MP MyGov पोर्टल और उससे सम्बद्ध सोशल मिडिया platforms पर प्रकाशित किया जाएगा।
8. सभी विद्यालयों द्वारा भेजी गईं प्रविष्टियां मूल होनी चाहिए और किसी भी तीसरे पक्ष के बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों का उल्लघंन नहीं होना चाहिए।
9. फोटो/वीडियो में किसी भी प्रकार की सामग्री या कोई भी तत्व गैरकानूनी नहीं होना चाहिए।
10. वीडियो कंटेंट में अंसवैधानिक बातें नहीं होनी चाहिए।
11. सभी प्रविष्टियों का चयन EPCO के विशेषज्ञ पैनल द्वारा किया जायेगा एवं अंतिम निर्णय कार्यपालन संचालक EPCO का ही मान्य होगा।
12. कृपया अपनी प्रविष्टि दिनांक 17 फरवरी, 2019 अथवा उससे पूर्व भेजे।
13. चयनित प्रविष्टि के सर्वाधिकार कार्यपालन संचालक एप्को, मध्य प्रदेश की संपत्ति होगी एवं इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव का अधिकार सुरक्षित होगा।

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vinit bhargav 6 years 9 months ago

Bacho ko environment ke bare m bataya Jana chaiye but kuch political log apne profit ke liye environment ka wrong fayda utha rehe h aise logo ko government ko saZa deni chaiye

RAHULMEENA 6 years 9 months ago

हम एक ही बात कहते हैं कि हमें अपने वन बचाने हैं, हम उनका आवश्यकता से अधिक दोहन न करें। अनुसंधान और विकास के जरिए उन चीजों के लिये विकल्प तैयार करें, जिन्हें इस्तेमाल करने के लिये हम इस समय वनों को काट रहे हैं, इसके लिये सब तरह की टेक्नोलॉजी का सहारा लेना होगा।

Anil Patel 6 years 9 months ago

ग्लोबल वार्मिंग की दुष्परिणाम है दुनिया के सामने
पर्यावरण की रक्षा सूत्र होंगे सबको अपनाने
Global warming ki dushparinam hai duniya kae samne
Paryavaran ki raksha sutra honge sabko apnane

ग्लोबल वार्मिंग से है खतरे में जान
पर्यावरण की रक्षा करना सबकी शान
Global warming se hai khatre me jaan |
Paryavaran ki raksha karna sabki shan||

ग्लोबल वार्मिंग से खतरे है भरपूर
पर्यावरण की रक्षा से कर सकते है दूर

sravan dwivedi 6 years 9 months ago

परिवार और पर्यावरण में बहुत बड़ा सम्बन्ध है जो मानव जीवन में बहुत अधिक महत्वपूर्ण है

RAVI KHAVSE 6 years 9 months ago

बच्चों में पर्यावरण की समझ के लिए उन्हें पर्यावरण को करीब से देखना चाहिए।