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राष्ट्रीय हरित कोर – बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की समझ का विकास करें
पर्यावरण और जीवन का आपस में अनोखा संबंध है, पर्यावरण हमारे जीवन का ...

पर्यावरण और जीवन का आपस में अनोखा संबंध है, पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। जीवित रहने के लिए हम पर्यावरण और उसके संसाधनों पर ही निर्भर हैं, इसलिए इन संसाधनों की देखभाल करना और आने वाले भविष्य के लिए इन्हें सहेजने का दायित्व भी हम पर ही है।
फिर बात चाहे अपने आस-पास की सफाई के प्रति जागरूक होने की हो या फिर पुन: संसाधनों के उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता महसूस करने की बात, ये हमारा ही कर्त्तव्य है कि हम पर्यावरण को संरक्षित करें। वैसे तो ये बात कहने-सुनने में बहुत आसान लगती है किन्तु सभी लोगों की मानसिकता में एक साथ बदलाव लाना कोई आसान काम नहीं है।
बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की उचित शिक्षा और उनमें जागरूकता के माध्यम से इस दिशा में प्रयास किया जाना एक प्रभावी प्रयास है; क्योंकि इसमें उनके अपने कोई निहित स्वार्थ नहीं होते। एक बार वे बात समझ जायें तो अच्छी आदतों का अनुसरण करते हैं एवं आसानी से दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय हरित कोर (नेशनल ग्रीन कोर) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। देश के सभी राज्यों के साथ-साथ यह कार्यक्रम प्रदेश के समस्त 51 जिलों के 250 (प्रति जिला) चयनित विद्यालयों में ईको क्लबों के माध्यम से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय हरित कोर योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:-
● पर्यावरण एवं पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति बच्चों में समझ विकसित करना।
● बच्चों को पर्यावरणीय शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना।
● विद्यार्थियों का समाज में जागरूकता पैदा करने हेतु एक माध्यम के रूप में सहयोग लेना।
● पर्यावरण तथा सामाजिक विकास संबंधी क्षेत्रों में निर्णय लेने हेतु छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित करना।
पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन इस कार्यक्रम की राज्य नोडल संस्था है। इको क्लब विद्यालयों के माध्यम से गतिविधियो के क्रियान्वयन को विस्तारित करने के उद्देश्य से योजना के अंतर्गत पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन(EPCO), मध्यप्रदेश एक प्रतियोगिता आयोजित करा रहा है। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य राज्य के विद्यालयों में ईको क्लबों द्वारा पर्यावरण के संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यों एवं नवाचारो का मूल्यांकन करना और उनको प्रोत्साहित करना है। इसके लिए विद्यालयों को अपने द्वारा किये गए कार्यों का विवरण, फोटोग्राफ, पेपर कतरने(कटिंग) एवं वीडियो के माध्यम से MP MyGov पोर्टल पर सबमिट करना होगा, जिसका मूल्यांकन एक विशिष्ट पैनल द्वारा किया जायेगा।
पुरस्कार
इस प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर चयनित प्रथम विजेता क्लब को रू. 5000/- द्वितीय विजेता क्लब को रू. 3000/- औऱ तृतीय विजेता क्लब को रू. 2000/- एवं दो प्रोत्साहन पुरस्कार रू. 1000/- के दिए जायेंगे।
नियम एवं शर्ते:
1. सभी प्रविष्टियां केवल www.mp.mygov.in पर सबमिट की जानी चाहिए। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को MPMyGov पोर्टल पर पहले पंजीकरण करना होगा।
2. राष्ट्रीय हरित कोर- इको क्लब कार्यक्रम में केवल योजना में चयनित विद्यालय ही भाग ले सकते हैं।
3. वीडियो लिंक अथवा फोटो शेयर करने के लिए कृपया निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें:
• राष्ट्रीय हरित कोर- इको क्लब कार्यक्रम के अंतर्गत भाग लेने वाले सभी विद्यालय दिए गये फार्म में सभी जानकारी अनिवार्य रूप से प्रविष्ट करें।
• फार्म को विद्यालय प्राचार्य से सत्यापित कराना अनिवार्य है एवं इसकी एक प्रति MPMyGov पर भी अपलोड करें।
• फार्म में दी गयी गतिविधियों का फोटोग्राफ MPMyGov पर अपलोड करना अनिवार्य है, यदि किसी गतिविधि का फोटोग्राफ उपलब्ध नहीं है तो ऐसी स्थिति में निर्णय लेने का अधिकार कार्यपालन संचालक EPCO के पास सुरक्षित होगा।
• राष्ट्रीय हरित कोर गतिविधि फार्म डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
4. राष्ट्रीय हरित कोर- इको क्लब कार्यक्रम के दौरान किये गए कार्यों का वीडियो यू-ट्यूब और फेसबुक पर अपलोड करें और उसका URL / LINK प्रतियोगिता के कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
5. मूल्यांकन के लिए किसी अन्य माध्यम से प्राप्त फोटो/वीडियो पर विचार नहीं किया जाएगा।
6. फोटो/वीडियो प्रविष्टि को MP MyGov पोर्टल और उससे सम्बद्ध सोशल मिडिया platforms पर प्रकाशित किया जाएगा।
8. सभी विद्यालयों द्वारा भेजी गईं प्रविष्टियां मूल होनी चाहिए और किसी भी तीसरे पक्ष के बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों का उल्लघंन नहीं होना चाहिए।
9. फोटो/वीडियो में किसी भी प्रकार की सामग्री या कोई भी तत्व गैरकानूनी नहीं होना चाहिए।
10. वीडियो कंटेंट में अंसवैधानिक बातें नहीं होनी चाहिए।
11. सभी प्रविष्टियों का चयन EPCO के विशेषज्ञ पैनल द्वारा किया जायेगा एवं अंतिम निर्णय कार्यपालन संचालक EPCO का ही मान्य होगा।
12. कृपया अपनी प्रविष्टि दिनांक 17 फरवरी, 2019 अथवा उससे पूर्व भेजे।
13. चयनित प्रविष्टि के सर्वाधिकार कार्यपालन संचालक एप्को, मध्य प्रदेश की संपत्ति होगी एवं इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव का अधिकार सुरक्षित होगा।
Somnath bhaskar 6 years 8 months ago
हमारे समाज में बच्चो का विकास मुख्य रूप से माता पिता पर निर्भर करता है और माता पिता का में संतुष्ट जब रहता है है जब हमारी संस्कृति सुध हो
Kokul sahu 6 years 8 months ago
पर्यावरण और जीवन का अनोखा संबंध है आपस में जैसे हम एक उदाहरण लेकर समझ सकते हैं की जैसे कि पानी को लेते है जितना प्रतिसत पानी हमारे पर्यावरण में उपलब्ध है उतना ही हमारे शरीर में जिससे हम समझ सकते है कि अगर हम पानी का दुरुपयोग करेंगे तो हमारे शरीर में भी पानी की कमी हो जाएगी और पानी की कमी के कारण हमारे शरीर में कई तरह की बीमारी ही जाएंगी।इससे पता चलता है कि पर्यावरण और जीवन एक दूसरे पर निर्भर करते है।
Abhishek Kumar sharma 6 years 8 months ago
ENVIORMENT HAMRE LIFE ME BAHOT IMPORTANT H,BT AAJ BADHTI PAPULATION KE KARAN HAMRA ENVIORMENT POLLUTION INCREASE HOTE JA RA H .SATH HI AMARA JIWAN DAYNI GAS OXYGEN,OZONE BHI DISTROY HOTE JA RA H JISSE KI SARI DISEASE KO BHI JANM, DR RAHI H AGAR AAISA HOTA RAHA TO AK DIN AAISA AAYGA HUMAN LIFE DENGERS HO JAYGA AT LAST ME HUMAN DEATH HO JAYGA SO, APNE ENVIORMENT KI SAVE KRE AUR PLANTATION JAYDA JYDA KRE.Jab rakhenge Pryavaran ka dhyan,Tabhi banega hamara desh mahan,Ek do ek do,ped kaatna chhod DO
Hanuman Prasad Gupta 6 years 8 months ago
Plantation is most important of our Life and Our envoirement and i have drive this Project and Also motivate to all person with My Family and Also instruct to my Family for Plantation.
HanuMan
SHAILENDRA KUMAR 6 years 8 months ago
Making Aware with environment and the harm we are making to it.
The youth of the country have to take the responsibility to lead the country. two trees should be planted by everyone.
Šűŕäj Sahu 6 years 8 months ago
imagine you are tree and anyone cut you so how you feel?
Šűŕäj Sahu 6 years 8 months ago
main bo bechara maar jaye aur bada he nhi ho paye ya fir us plant ko koi animal kha jye so tree kaat na band kar do tree vkatna tub he band hoge jub hum furniture ke demand kaam rakhenge barna tree tho kaat te he rahenge tho main ap sub se nebedan karta hu ke pls pls pls time hai bacaa lo barna sub kho do ge tree khe bhi kat ta dikhe tho turant police ko inform kare ya forest dept ko inform kare aur ap bhi katt ne se roke thankyou apne etna dyan porvack suna mere ko.
Šűŕäj Sahu 6 years 8 months ago
bechare trees main bhi tho jaan hote hai na bas unka kasoor etna hai ke bas bo bol nhi sakte. bolte hote tho koi kaat he nhi pata.tree katne se hum ko furniture tho mil jata hai magar becharo ke jaan chale jate hai. aur un ke cut ne se oxygen ke matra kam ho rahe hai. aur eak baat sochneke hai ke hum log asani se eak bada tree cut dete hai aur naam ke liye eak plant laga dete hai magar ye nhi sochte ke us plant ko tree banne main kitte year lag jaye ge ka pta bo bada he na ho paye ette pollution
Šűŕäj Sahu 6 years 8 months ago
humhe hamesa tree and plants lagana chaiye.keo ke ye hamare jewan ke liye bhut jaruri hai. aaj ke enviroment ko dekhte hui co2 gas bhut baad gaye hai jis se kai bimari hone lage hai aur oxygen ke matra bhi kaam rahe hai hai.eak baat aur hai hum sub ko bhagwan ne sub kuch diya hai magar hum un ka galat use kar rahe hai bhagwan ne humhe ye permission nhi de ke hum un ke bani duniya ko kharabb kare ya fir nast kare. is duniya main na janne kiite trees kat rahe hai bechare tree maun bhi tho jaan hai
Sangita Sonawane 6 years 8 months ago
वसुंधरा इको क्लब द्वारा इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा का निर्माण किया गया