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देशभक्ति पूर्ण मौलिक कविता लेखन प्रतियोगिता

Start Date: 25-07-2020
End Date: 15-08-2020

मध्‍यप्रदेश के युवाओं, विद्यार्थियों और बच्चों में स्वाधीनता ...

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मध्‍यप्रदेश के युवाओं, विद्यार्थियों और बच्चों में स्वाधीनता संग्राम के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से स्वराज संस्थान संचालनालय, संस्कृति विभाग, म.प्र. शासन द्वारा देशभक्ति पूर्ण मौलिक कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।

स्वराज संस्थान संचालनालय, संस्कृति विभाग म.प्र. शासन द्वारा चयनित विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप क्रमशः रूपये 10,000/-, 5,000/-, 3,000/- के एक-एक तथा पाँच पुरस्कार रुपये 1000/- के प्रदान किये जावेंगे। इसके साथ प्रमाण-पत्र, स्वाधीनता संग्राम पर केन्द्रित पुस्तकें तथा देशभक्ति गीतों की ऑडियो सीडी भी प्रदान की जायेगीं।

➥प्रविष्टियाँ प्राप्त करने की अंतिम तिथि 15 अगस्त 2020, शाम 5:00 बजे तक है।

प्रतियोगिता की शर्तें-

• प्रति नागरिक द्वारा केवल एक ही प्रविष्टि स्वीकार की जाएगी।
इस प्रतियोगिता में 35 वर्ष (1 जनवरी, 2020 की स्थिति में) तक की आयु सीमा के मध्यप्रदेश के सभी निवासी भाग ले सकेंगे।
• पुरस्कार के लिये चयनित प्रविष्टियों के कहीं भी उपयोग का सर्वाधिकार स्‍वराज संस्‍थान संचालनालय के पास सुरक्षित रहेगा।
• श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन स्‍वराज संस्‍थान संचालनालय द्वारा किया जायेगा और उनका निर्णय अंतिम होगा।
• एक से अधिक सफल प्रतिभागियों की स्थिति में पुरस्कार का चयन lottery System द्वारा किया जायेगा।
• प्रतिभागी यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम, पिता का नाम, पता, ई-मेल एवं मोबाइल नंबर जैसे विवरण शामिल हैं। अपूर्ण प्रोफाइल के साथ प्राप्त प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा।
• प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी यह सुनिश्चित करें किः-
1. उन्होंने प्रवेश की सभी शर्तो का अनुपालन किया है।
2. उनकीं प्रविष्टिया मूल हैं।
3. रचनात्‍मक प्रस्‍तुति की भाषा केवल हिन्‍दी ही स्‍वीकार्य होगी।
4. उनकी प्रविष्टियां किसी भी तीसरे पक्ष की बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का उल्लंघन नहीं करती हैं।

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368 Record(s) Found

Shubham Deshmukh 5 years 3 months ago

भारत
- शुभम देशमुख 'पथिक'

भारत देश परिचायक है;
युगों पुरानी सभ्यता का,
सदियों से यह कर रहा है;
बखान हमारी भव्यता का।||१||

नयी नहीं है बात जहाँ;
शिक्षा की, संस्कारों की,
बेलाऐँ चलतीं है जहाँ,
नित-नये त्योहारों की।||२||

मिट्टी यहाँ की प्यारी है;
माँ की गोद के जैसी,
मन को खुश कर देतीं हैं,
खुशबू इसकी सौंधीं-सी।||३||

वनों में हरियाली मुस्कातीं;
खेतों में फसलें लहरातीं,
कल-कल बहते हैं झरने,
नदियाँ हैं नवगीत सुनातीं।||४||

Nandkishor soni 5 years 3 months ago

Ham hai bhavishya is Desh ke, ye Desh hamara gaurav hai, ham gate vande matram, yah geet hamara nara hai, ham veer hai ham dheer hai, karte dushman ko adheer hai, kuch karne ki hai chah hame, man me ye bhara utshah hai, veer sainik saheed huye, swatantrata kiya is Desh ko,ham bhi ik veer sipahi hai,jan de denge is Desh ko,ham Desh bhakt is Desh ke, ye Desh hamara maan hai, jag me goonje aawaaz yahi, yahBharat viswa mahaan hai, ye Bharat vishwa mahaan hai|

Shubham Deshmukh 5 years 3 months ago

आदरणीय महोदय,
सर्वप्रथम आपको हमारे राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
मैं शुभम गुणवंतराव देशमुख ग्राम मांडवी जिला बैतूल मध्य प्रदेश का निवासी हूँ।
मुझे इंस्टाग्राम पर ये पृष्ठ दिखाई दिया था जिसमें की मौलिक कविता लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
इसी हेतु एक रचना प्रस्तुत है,
जो कि किन्ही कारणवश टास्क पृष्ठ पर अपलोड नहीं हो पायी।
अतः मैं ये चेष्टा करता हूँ और शिकायत पृष्ठ पर कविता प्रेषित करता हूँ।

Prashant Parsai 5 years 3 months ago

देशभक्ति पूर्ण मौलिक कविता प्रतियोगिता में मेरे द्वारा स्वरचित 'आज़ादी' नामक ग़ज़ल सबमिट की जा रही है,जिसका हर शे'र आज़ादी के सही मायनो को समझाने का एक प्रयास करता है।

Sirvesh pathak_1 5 years 3 months ago

फौजी वह चलता गया पीछे दिन ढलता गया।
मां के आंसू रुके नहीं फिर भी वह चलता गया।
1947 था साला आजादी की थी बात।
चैन नहीं दिन-रात क्योंकि देश को कराना था आजाद ।
24 घंटे पहरेदारी हमेशा रहते सीना तान।
धूप ठंड हो या आंधी कभी नहीं झुकने दे देश का मान।
हम त्योहार मनाते हैं पटाखोंरंगो उमंगों से।
जबकि फौजी मनाते हैं गोली बारूद पर लड़ने के ढंगो से
आगे वह बढ़ता गया जंग में लड़ता गया।
जीते या हारे लेकिन दिल में वह बस गया।
फौजी वह चलता गया पीछे दिन ढलता गया।
मां के आंसू रुके नहीं फिर भी वह चलता गया।