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छह माह तक केवल स्तनपान न कराना? - कारण व समाधान बताएं प्रतियोगिता
छह माह तक केवल स्तनपान बच्चे के लिए अनमोल उपहार...
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छह माह तक केवल स्तनपान बच्चे के लिए अनमोल उपहार...
यह शिशु के लिए सम्पूर्ण आहार के साथ उसके सम्पूर्ण जीवन का आधार भी है। नवजात शिशु और बच्चे को पर्याप्त सुरक्षा, स्नेह और पोषण की आवश्यकता होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन बच्चों को छह महीने का होने तक केवल स्तनपान कराने और दो वर्ष या उससे अधिक समय तक पौष्टिक आहार देने की सलाह देता है।
6 माह तक केवल माँ का दूध ही बच्चे का सर्वोतम आहार है, जानिए क्यों?
• विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शिशु को जन्म से छः माह तक माँ के दूध के अलावा कोई भी ऊपरी तरल या खाद्य पदार्थ, यहाँ तक की पानी भी नहीं दिया जाना चाहिए।
• स्तनपान शिशु के लिए एक संपूर्ण आहार है। माँ के दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते जो कि आसानी से सुपाच्य होते हैं।
• यह हर मौसम में सही तापमान पर बच्चे के शरीर में पहुँचता है।
• हर शिशु की आवश्यकता के अनुसार माँ का दूध समय के साथ परिवर्तित हो जाता है।
• स्तनपान शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है एवं आवश्यक शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायक होता है।
• स्तनपान शिशु में दस्त एवं शिशु श्वसन तंत्र संक्रमण के खतरे को कम करता है। स्तनपान करने वाले शिशु स्तनपान न करने वाले शिशुओं की तुलना में कम बीमार पड़ते है।
• नवजात शिशु को स्तनपान के दौरान माँ से शारीरिक जुड़ाव से प्राप्त गर्मी से शिशु का आवश्यक शारीरिक तापमान बना रहता है इससे माँ व बच्चे में भावनात्मक संबंध मजबूत होते है।
• भविष्य में होने वाली बीमारियों का जोखिम घटाता है, जैसे- डायबिटीज, पेट की समस्याएं, कैंसर और ब्लडप्रेशर।
आंकड़े बताते हैं कि हमारे प्रदेश में प्रति वर्ष जन्म लेने वाले 14 लाख बच्चों में से केवल 8.2 लाख बच्चों को ही 6 माह तक केवल माँ का दूध पिलाया जाता है। लेकिन 5.8 लाख बच्चे ऐसे भी हैं जो इससे वंचित रह जाते हैं। क्या हमारे प्रदेश के 5.8 लाख बच्चे खतरे में नही हैं ? कहीं इनमें से एक आपका बच्चा तो नहीं है ?
स्तनपान के समर्थन और बालहित में इसका प्रचार-प्रसार करने हेतु प्रतिवर्ष अगस्त महीने के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्य प्रदेश इन दिनों “छह माह तक केवल स्तनपान क्यों नहीं कराया जाता? इसका क्या कारण है और इसके लिए क्या समाधान होना होना चाहिए ?” यह जानने के लिए mp.mygov.in पर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस समस्या के कारण और समाधान बताएं और पुरस्कार जीतें।
शीर्ष 10 सुझावों को रूपये 1000/- का पुरस्कार दिया जाएगा।
समस्त प्रतिभागी दिए गए फॉर्मेट में अपनी प्रविष्टियां दर्ज करें :
स्तनपान न कराने के कारण ... समाधान...
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नियम व शर्तें :
1. प्रतिभागी को अपना नाम, जिले का नाम, पता, ई-मेल एड्रेस और फ़ोन नंबर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा।
2. कोई भी व्यक्ति या संस्था प्रतिभागी हो सकता है।
3. प्रतिभागियों के लिए आयु सीमा नहीं है।
4. प्रत्येक प्रतिभागी एक से अधिक प्रविष्टियां नहीं भेज सकता है।
5. प्रविष्टियां केवल वर्ड / पी.डी.एफ. फॉरमेट में प्रस्तुत करनी होगी।
6. प्रतियोगिता का लेखन मौलिक होना चाहिए।
7. अन्तिम तिथि के पश्चात् प्राप्त होने वाली प्रविष्टियों पर विचार नहीं किया जाएगा।
8. प्रतियोगिता में 1000/- के 10 प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाएंगे।
9. इस प्रतियोगिता के तहत प्राप्त होने वाली सभी प्रविष्टियों पर संचालनालय महिला एवं बाल विकास का सर्वाधिकार होगा।
10. विषय से संबंधित अधिक जानकारी www.bpni.org, waba.org.my से प्राप्त करें।
11. प्रविष्टियां जमा करने हेतु अंतिम तिथि : 07/08/2018
12. प्रविष्टियां वेब साईट mp.mygov.in पर लॉग इन करके ऑनलाइन जमा की जा सकती हैं।
13. संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्यप्रदेश की चयन समिति का निर्णय अंतिम और सभी प्रतियोगियों पर बाध्यकारी होगा।
14. प्रतियोगिता से संबंधित कोई भी विवाद की स्थिति में कोई भी कानूनी कार्यवाही भोपाल के स्थानीय क्षेत्राधिकार के अधीन होगी।
15. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी यह सुनिश्चित करें कि:
a) उन्होंने प्रवेश की सभी शर्तों का अनुपालन किया है।
b) उनकी प्रविष्टियां मूल हैं।
c) उनकी प्रविष्टियां किसी भी तीसरे पक्ष की बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का उल्लंघन नहीं करती है।
Anurag Singh Tomar 7 years 1 month ago
छह माह तक स्तनपान ना कराने के कारण
१.ज्यादातर जच्चा को तीन माह में ही दूध निकलना बंद हो जाता है।
२.कुछ लोग सोचते हैं कि बच्चे का पेट नहीं भर रहा है इसलिए गाय का दूध भी पिलाने लगते हैं।
समाधान
१. अस्पतालों और आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा उनको इस बारे मैं शिक्षित किया जाय।
की जितना हो सके बच्चे को मां का दूध ही पिलाया जाए इससे बच्चे को इंफेक्शन नहीं होता है।