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संस्कृति विभाग

किसी भी राज्य के विकास में संस्कृति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह साझा दृष्टिकोण, मूल्यों, लक्ष्यों और व्यवहारों का एक सेट का प्रतिनिधित्व करता है। सभी आर्थिक, सामाजिक एवं अन्य गतिविधियों में संस्कृति एवं रचनात्मकता का समावेश होता है। संस्कृति विभाग का मुख्य कार्य विविध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने, कला रूपों को लोकप्रिय बनाने, कलात्मक उद्यमों को बढ़ावा देने, और कलाकारों को प्रोत्साहित करना है।
भारत में गीत-संगीत, नृत्य, नाटक-कला, लोक परंपराओं, कला-प्रदर्शन, धार्मिक-संस्कारों एवं अनुष्ठानों, चित्रकारी एवं लेखन के क्षेत्रों में एक बहुत बड़ा संग्रह मौजूद है जो मानवता की 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' के रूप में जाना जाता है।
इस खंड में भारत की सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन स्मारकों, साहित्य, दर्शन, विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, कला-प्रदर्शनों, मेले, त्यौहारों एवं हस्तकला के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।