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Background note on Promoting Energy Tourism in Madhya Pradesh

Start Date: 21-11-2022
End Date: 04-01-2023

मध्यप्रदेश में ऊर्जा पर्यटन को बढ़ावा देने पर अपने विचार साझा ...

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मध्यप्रदेश में ऊर्जा पर्यटन को बढ़ावा देने पर अपने विचार साझा करें और पाएं पुरस्‍कार

मध्यप्रदेश अपनी भौगोलिक स्थिति, विरासत और संस्कृति के कारण "भारत का दिल" के रूप में जाना जाता है। मध्‍यप्रदेश देश की अर्थव्यवस्था के लिए "भारत की ऊर्जा राजधानी" भी है। मध्यप्रदेश में कुल 25,779 मेगावाट की स्थापित क्षमता है। प्रदेश स्वयं के उपयोग के बाद अतिरिक्त ऊर्जा दूसरे राज्यों को प्रदाय करता है। प्रदेश में विद्युत् का मुख्य स्त्रोत थर्मल पावर है, जो कि स्थापित विद्युत् क्षमता का 64% है, हाइड्रो पॉवर स्थापित क्षमता का 13% है तथा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाऐं स्थापित क्षमता का लगभग 23% है।

कोयला आधारित थर्मल पावर से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है जो कि जलवायु परिवर्तन की एक प्रमुख कारक हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए COP26 शिखर सम्मेलन में पंचामृत की सौगात दी है, जिसके अंतर्गत भारत अधिक से अधिक ऊर्जा पूर्ति नवीकरणीय स्त्रोतों से अपनी ऊर्जा आवशयकताएँ पूर्ण करेगा।

मध्यप्रदेश अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और निरंतर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ रहा है तथा नई और अभिनव पहल भी कर रहा है। राज्य में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में तेजी से विकास हुआ है जिसमें सौर ऊर्जा में 52% और पवन ऊर्जा में 22% वार्षिक दर से बढ़ी है। राज्य वृहद स्तर की सौर परियोजनाओं में भी आगे है जिनकी देश-विदेश में भी सराहना की जा चुकी है।

प्रदेश में कुल 1000 मेगावॉट की वृहद स्तर सौर परियोजनाएँ रीवा (750 मेगावॉट) एवं मंदसौर (250 मेगावॉट) स्थापित हैं। इसके अलावा प्रदेश में 3000 मेगावाट से अधिक वृहद स्तर सौर परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिसमें नई तकनीक और नवाचार भी शामिल होंगे जैसे कि विंड-सोलर हाइब्रिड परियोजनाएं, तथा ऊर्जा भंडारण (energy storage) आधारित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की जा रही अनूठी पहलों में से एक ओंकारेश्वर परियोजना है, जो खंडवा जिले में विकसित किया जा रहा 600 मेगावाट का ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पार्क है। ओंकारेश्वर परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं में से एक होगी। फ्लोटिंग सौर परियोजना से बहुमूल्य भूमि के उपयोग में बचत होती है, साथ ही साथ पानी की वजह से सोलर पैनल की दक्षता भी बढ़ती है और पानी की सतह पर सोलर पैनल से वाष्पीकरण घटता है जिससे बहुमूल्य जल की भी बचत होती है।

मां नर्मदा के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध होने के कारण खंडवा को एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा ओंकारेश्वर में श्री आदि शंकराचार्य (एकता की प्रतिमा), श्री आदि शंकराचार्य को समर्पित एक संग्रहालय और एक अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान विकसित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। ये विकास जिले के पर्यटन को बढ़ाएंगे और राष्ट्रीय और विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ छात्र- छात्राओं, शिक्षकों एवं आम जन मानस के आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

खंडवा में तीन प्रकार के ऊर्जा स्त्रोत - 2520 मेगावाट सिंगाजी थर्मल पावर स्टेशन, 520 मेगावाट ओंकारेश्वर जलविद्युत स्टेशन और 600 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पार्क से ऊर्जा की ट्रिनिटी बनेगी जो की अपने आप में पहला होगा। खंडवा में इन तीन ऊर्जा परियोजनाओं की यात्रा सहित एक पर्यटक सर्किट की परिकल्पना की जा सकती है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि छात्र-छात्राओं तथा अन्य नागरिकों ऊर्जा के बारे में सीखने के मूल्यवान अवसर भी प्रदान करेगा।

खंडवा जिले पर फोकस के साथ राज्य में ऊर्जा पर्यटन को विकसित करने के लिए जनता के विचारों को सुनना भी आवश्‍यक है। इसके लिए प्रदेश के लोगों से "मध्य प्रदेश में ऊर्जा पर्यटन को बढ़ावा देना" विषय पर विचार जानने के लिए एक कैम्‍पेन चलाया जा रहा है।

इस कैम्‍पेन के तहत प्रदेश की जनता को अपने विचार एक अवधारणा नोट (Concept Note) के रूप में प्रस्तुत करना आवश्यक है। अवधारणा नोट में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए:

● राज्य में पर्यटन की पृष्ठभूमि तथा वर्तमान में राज्य की पर्यटन क्षेत्र में वर्तमान स्थिति (3 अंक)
● पर्यटन के क्षेत्र में खंडवा जिले की वस्तुस्थिति एवं इस क्षेत्र में किये जा रहे नवाचार (3 अंक)
● खंडवा में ट्रिनिटी ऑफ एनर्जी पर फोकस के साथ राज्य में एनर्जी टूरिज्म का विकास कैसे होना चाहिए? (4 अंक)
● प्रस्तावित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट, ओंकारेश्वर हाइड्रो प्रोजेक्ट और सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट के पास किए जा सकने वाले निकटवर्ती विकास/अवसंरचना विकास /पर्यटन गतिविधियां कैसी होनी चाहिए? उदाहरण के लिए तीनों ऊर्जा परियोजनाओं का अध्ययन दौरा, स्कूल/कॉलेज के छात्रों की जानकारी हेतु मॉडल, ऑडियो विजुअल सिमुलेशन, पुस्तिकाएं आदि कराये जा सकते हैं (6 अंक)
● एनर्जी टूरिज्म का प्रायोगिक ज्ञान (experiential learning) के रूप में प्रोत्साहन। (4 अंक)

प्रस्तावों का आंकलन कुल 20 अंक में से उपरोक्त बिन्दुवार अंकन के अनुसार होगा।

भागीदारी के लिए नियम और शर्तें:

1. प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागी को https://mp.mygov.in/ पर अपना प्रोफाइल बनाना होगा।
2. अवधारणा नोट (Concept Note) की शब्द सीमा 3000 शब्द होनी चाहिए।
3. अवधारणा नोट में उदाहरण के लिए फ्लो चार्ट, डायग्राम आदि शामिल हो सकते हैं।
4. प्रस्ताव पोर्टल https://mp.mygov.in/ पर दिनांक 19.12.2022 को 23:59 बजे तक अपलोड किए जाएंगे।

सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
प्रथम पुरस्कार: रु. 25,000/-
द्वितीय पुरस्कार : रु. 15,000/-
तृतीय पुरस्कार : रु. 10,000/-

विजेताओं को नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा।

अंतिम तिथि: 04.1.2023

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